यूपी में इस रूट का होगा चौड़ीकरण, अयोध्या जाने में होगी आसानी
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देश में अयोध्या जाने के रास्ते को सुगम बनाने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इस परियोजना के तहत मुख्य सड़क मार्गों को चौड़ा किया जाएगा. ताकि यातायात का दबाव कम हो और यात्रा में समय की बचत हो सके. हालांकि इस परियोजना के साथ एक बड़ा पर्यावरणीय मुद्दा भी जुड़ा हुआ है. सड़क चौड़ीकरण के लिए 2100 हरे.भरे पेड़ों को काटने का निर्णय लिया गया है. जिससे पर्यावरणीय संतुलन पर सवाल उठ रहे हैं.
काट दिए जाएंगे 2100 हरे भरे पेड़
इस परियोजना के तहत सड़क चौड़ीकरण के लिए 2100 हरे.भरे पेड़ों को काटने का निर्णय लिया गया है. अयोध्या जाने वाले यात्रियों के लिए प्रमुख रास्ते हैं. पर्यावरण विशेषज्ञों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है. क्योंकि यह बड़े पैमाने पर वृक्षों की कटाई से स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. रायबरेली के सलोन से अयोध्या का रास्ता सुगम होगा। इसके लिए सलोन-जगदीशपुर मार्ग फोरलेन बनाने की कवायद तेज हो गई है. एक ओर जहां किसानों को मुआवजा वितरण किया जा रहा है, वहीं चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले 2100 पेड़ों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वन विभाग ने चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले पेड़ों को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया है. वन क्षेत्राधिकारी सलोन श्याम सुंदर त्रिपाठी का कहना है कि सलोन-जायस मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए पेड़ों को हटाया जाएगा. कौन-कौन प्रजापति के पेड़ लगे हैं,
इसका सर्वे कराया जा रहा है. जल्द रिपोर्ट वन निगम को सौंपी जाएगी. चौड़ीकरण के दायरे में करीब 2100 पेड़ आ रहे हैं। इनमें कौन-कौन प्रजापति के पेड़ हैं. वन विभाग इसकी रिपोर्ट तैयार कर वन निगम को भेजेगा. इसके बाद वन निगम पेड़ों को हटाने का काम शुरू करेगा. वर्तमान समय में सबसे अधिक दिक्कत प्रतापगढ़ के लोगों को है. यदि किसी को प्रतापगढ़ से अयोध्या जाना है, तो वह रायबरेली जिला मुख्यालय से होकर निकलता है. इसके लिए उन्हें 40 से 50 किमी का चक्कर काटना पड़ रहा है.
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अयोध्या जाने का रास्ता होगा आसान
हरियाली को संरक्षित रखने की अपील करते हुए कई पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का विरोध किया है. उनका कहना है कि यह पेड़ न केवल पर्यावरण की रक्षा करते हैं. बल्कि हवा को शुद्ध करने जलवायु नियंत्रण, और बायोडायवर्सिटी के लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं. इन पेड़ों की कटाई से प्रदूषण में वृद्धि हो सकती है और क्षेत्रीय जलवायु पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. सलोन से जगदीशपुर तक 53 किमी का फोरलेन बनेगा। इसके निर्माण से रायबरेली-प्रतापगढ़, रायबरेली-सुल्तानपुर और रायबरेली-अयोध्या हाईवे जुड़ जाएंगे.
अभी तीनों हाईवे अलग-अलग हैं, जिससे लोगों को यातायात की दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। फोरलेन हाईवे बनने से सलोन, अमेठी, प्रतापगढ़ के लोग आसानी से अयोध्या धाम जा सकेंगे. सलोन से अयोध्या जाने के लिए अभी लोगों को सलोन-जगदीशपुर के टू लेन सड़क मार्ग से निकलना पड़ता है। इससे जाम की समस्या रहती है। वहीं, रास्ते में परशदेपुर, नसीराबाद और अमेठी जिले के जायस व जामो में जाम से जूझना पड़ता है। अब सलोन से जगदीशपुर हाईवे को फोरलेन कर दिया जाएगा. इससे जाम की समस्या दूर होगी और सफर भी सुगम होगा.