यूपी में यह रूट होगा फोरलेन! इन 2 जिलों को होगा फायदा

फोरलेन सड़कों का वह प्रकार है. जिसे मुख्य रूप से ट्रैफिक की बढ़ती संख्या और सुरक्षा के लिहाज से बनाया जाता है. यह सड़कें दो.दो लेन ;दिशा के अनुसार के बीच में एक मध्यवर्ती हिस्से के साथ बनाई जाती हैं. फोरलेन सड़कों का निर्माण आमतौर पर उन मार्गों पर किया जाता है. जहां यातायात का दबाव अधिक हो. और जहां लंबे ट्रिप या उच्च गति से यात्रा करने की आवश्यकता होती है.
देवरिया.कसया मार्ग के फोरलेन होने का इंतजार
फोरलेन सड़कों का विकास विभिन्न विकास योजनाओं और सरकारी पहल के तहत किया जा रहा है. ताकि यातायात की समस्या को हल किया जा सके और लोगों को सुरक्षित, तेज़ और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव हो सके. तरकुलवा जिला मुख्यालय से कसया जाने वाली टू लेन सड़क को फोरलेन में बदलने की योजना पर काम शुरू नहीं हो पाया है. इस सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए महीनों पहले सीमांकन का कार्य पूरा हो चुका है. यह सड़क भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर को जोड़ता है. इसके फोर लेन बनने के बाद पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
फोरलेन निर्माण में देरी से क्षेत्रीय लोगों में निराशा है. लोगों को यह डर है कि कहीं यह योजना फाइलों में ही न रह जाए. फोरलेन सड़क में प्रत्येक दिशा के लिए दो लेन होती हैं. जो दोनों दिशाओं में समान रूप से ट्रैफिक के प्रवाह को सुनिश्चित करती हैं. यह एक तरह से सड़क का सुधार होता है. ताकि यातायात अधिक सुगम हो सके और दुर्घटनाओं की संभावना कम हो. फोरलेन सड़कों में एक मध्यवर्ती क्षेत्र होता है. जो दोनों दिशाओं के ट्रैफिक को अलग करता है. यह दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा की भूमिका निभाता है और एक तरफ से दूसरी तरफ जाने वाले वाहनों के बीच अंतर बनाए रखता है.
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सड़क परिवहन में सुधार का एक महत्वपूर्ण कदम
देवरिया-कसया राजमार्ग की चौड़ाई वर्तमान में 10 मीटर है. इसे फोरलेन कर 24 मीटर किए जाने की कार्ययोजना तैयार की गई है. देवरिया-कसया के बीच की दूरी 34 किमी. है. इसमें 28 किमी. देवरिया और 6 किमी. कुशीनगर जनपद के हिस्से में आता है. इसके निर्माण में करीब 400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. इसका प्रस्ताव पिछले वित्तीय वर्ष मार्च में भेजा गया था, जो पास नहीं हो पाया है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में दोबारा इसका प्रस्ताव बनाया जा रहा है. सड़क के बीचो-बीच से दोनों तरफ 12-12 मीटर पर सीमांकन कार्य किया जा चुका है. सड़क को टू लेन से फोरलेन करने में बिजली के खंभे की शिफ्टिंग, पेड़ों की कटाई व नाला निर्माण कार्य किया जाना है.
इसका खर्च अलग है. इस सड़क के फोरलेन होने से कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा तक पहुंचने का सफर आसान हो जाएगा. पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. जाम से निजात मिलेगी और आवागमन में आसानी होगी. बड़े और व्यावसायिक वाहनों की आवाजाही से क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी. फोरलेन सड़कों पर आमतौर पर उच्च गति सीमा निर्धारित होती है. जो वाहन चालकों को तेज़ और अधिक प्रभावी यात्रा करने की अनुमति देती है. फोरलेन सड़कों पर बेहतर सुरक्षा उपायों का पालन किया जाता है. जैसे कि सड़कों के किनारे पटरियां, सिग्नल रोडमार्किंग्स, और ट्रैफिक संकेत जो चालकों को यातायात नियमों के पालन के लिए प्रोत्साहित करते हैं.