यूपी से सटे इस शहर में मिली नदी की गहराई में रेलवे लाइन, ऐसे हुआ खुलासा, जानें- कब हुआ था निर्माण
इस साल हर साल होने वाली गंगा नहर बंदी के दौरान हरिद्वार के स्थानीय लोग गंगा नदी के नीचे पुरानी रेल की पटरियाँ देखकर हैरान रह गए। ये पटरियाँ हरिद्वार रेलवे स्टेशन से कुछ किलोमीटर दूर पाई गईं और इस बात पर सवाल उठे कि क्या 1850 के दशक में जिस इलाके में गंगा नहर का निर्माण हुआ था, वहाँ कभी रेलगाड़ियाँ चलती थीं।
हर साल होने वाली नहर बंदी के बावजूद, यह पहली बार था, जब लोगों ने पटरियाँ देखीं। ये पटरियाँ आज के हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किलोमीटर दूर पाई गईं। इससे लोगों को आश्चर्य हुआ कि क्या 1850 के दशक में जिस इलाके में गंगा नहर बनाई गई थी, वहाँ कभी रेलगाड़ियाँ चलती थीं।
न्यूज़18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, निवासियों का मानना है कि 1850 के दशक के आसपास नहर के लिए निर्माण सामग्री ले जाने के लिए इन पटरियों पर हाथगाड़ियाँ चलती थीं। निर्माण पूरा होने के बाद इन पटरियों का इस्तेमाल बांध और तटबंध के निरीक्षण के लिए किया गया। इतिहास के जानकार प्रोफेसर डॉ. संजय माहेश्वरी ने भी न्यूज18 से बात की और इस परिकल्पना की पुष्टि की। उनके अनुसार, यह नहर तत्कालीन ब्रिटिश गवर्नर लॉर्ड डलहौजी के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना थी।