यूपी के इस जिले को जोड़ेगी यह रेलवे लाइन, हो चुका है फाइनल सर्वे
उत्तर प्रदेश 2025 में विकास की बड़ी परियोजनाओं का साक्षी बनेगा। प्रदेश में सड़क यातायात को और सरल बनाने के लिए एक्सप्रेसवे के साथ बाईपास और रिंग रोड इत्यादि की सौगात मिलने वाली है। आइये जानते हैं प्रदेश के लिए प्रस्तावित नए प्रोजेक्ट किन शहरों में विकसित किए जाएंगे और ये किन-किन जिलों का आपस में कनेक्ट करेंगे।
रेल लाइन के लिए हो गया फाइनल सर्वे
उत्तर प्रदेश के पास 15 एक्सप्रेसवे और कई हाईटेक हाईवे हैं। कई एक्सप्रेसवे संचालित हैं और कईयों का निर्माण कार्य जारी है। जो साल 2025 में खुलेंगे या आगामी कुछ वर्षों में राज्य में यातायात को मजबूती देंगे। इसके अतिरिक्त 2025 में कई रिंग रोड, फ्लाईओवर, बाईपास और एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने वाली है। इन परियोजनाओं का लाभ भोजपुर और बलिया को आपस में कनेक्ट करने का काम करेंगे। भोजपुर और बलिया एक ही संस्कृति के दो किनारे हैं, जिनके बीच से होकर गंगा गुजरती है। दोनों संस्कृति को रेल के माध्यम से एक करने की बात तो काफी दिनों से हो रही है, लेकिन धरातल पर योजना की गाड़ी नहीं दौड़ी है। सरकार के 2025 के प्लान में कई बड़ी परियोजनाएं भी हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ इन परियोजनाओं को लेकर बैठक हो चुकी है। निर्माण डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया समय से पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। इस बार के बजट से भोजपुर और बलिया वासियों की बड़ी आस है। उम्मीद है कि दोनों जगह के लोगों को जल्द ही खुशखबरी मिल सकती है। विगत 10 सालों से रेलवे की ओर से आरा में कई बड़े काम हो रहे हैं। आरा स्टेशन सहित पटना डीडीयू रेल लाइन के सभी स्टेशनों को कायाकल्प हो रहा है। आरा स्टेशन पर स्वचलित सीढ़ी निर्माण, लिफ्ट, नया सर्कुलेटिंग एरिया बनाया जा रहा है। वाशिंग पिट का निर्माण हुआ। आरा और बलिया के बीच में गंगा नदी है। इसके लिए गंगा नदी पर रेल लाइन के लिए अलग बड़े सेतु बनाई जायगी। यह रेल लाइन कहां से शुरू होगी? इस बारे में पूछने पर गोरखपुर के रेलवे के जन संपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि अभी इस बारे को कोई जानकारी नहीं है। केंद्र से गठित सर्वे टीम की रिपोर्ट के बाद ही यहां कुछ भी स्पष्ट हो सकेगा।
रेलवे बोर्ड ने लिया है संज्ञान
लंबे समय से चली आ रही मांग पर रेलवे बोर्ड ने आखिरकार संज्ञान लिया है। अगर यह रेल लाइन बनती है तो बलिया से बक्सर और भोजपुर जिलों के सभी रेलवे स्टेशनों के लिए ट्रेन चल सकेंगी। बताया जा रहा है कि इससे भोजपुर जिले के आरा, जगजीवन हाल्ट, कारीसाथ, कौड़िया, सर्वाेदय हाल्ट, रामानंद तिवारी हाल्ट, बिहिया, बनाही, सिकरिया और बक्सर जिले के रघुनाथपुर, टुड़ीगंज, वीवी गिरि हाल्ट, डुमरांव, कुशलपुर हरनाहा, बरुना और नदांव हाल्ट के लोगों को सीधा फायदा होगा। इस योजना के मंजूरी होने से बिहार और पूर्वांचल के रेल नेटवर्क में व्यापक विस्तार होगा। साथ ही दिल्ली-हावड़ा मेन लाइन पर ट्रेनों का दबाव नियंत्रित किया जा सकेगा। इस रेलमार्ग पर गंगा नदी के ऊपर एक बड़ा पुल के अलावा एक दर्जन छोटे पुल रेलवे को बनाना पड़ेगा। बलिया रेल लाइन के लिए गोरखपुर रेलवे जोन से प्रस्ताव भेज दिया गया है। वहीं, हाजीपुर के पूर्व मध्य रेलवे जोन से आरा-मुंडेश्वरी रेल लाइन के लिए प्रस्तावित किया गया है। यह सभी काम गति शक्ति के तहत काम होना है। आरा से बलिया तक 65 किमी वाली प्रस्तावित नई बड़ी रेल लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे कार्य किया जा चुका है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब अपनी झोली से रेलवे के लिए योजनाएं देंगी तो उनमें आरा- बलिया रेल लाइन के लिए भी राशि निर्गत की जाएगी। रेल सूत्रों के अनुसार, आरा-बलिया रेल लाइन के लिए 2300 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। वहीं, लंबे समय से शाहाबाद को रेलवे से एक सूत्र में पिरोने की मांग के रूप में आरा-मुंडेश्वरी रेल लाइन पर भी बात आगे बढ़ने की संभावना है।