यूपी में यह 16 गाँव तहसील में होंगे शामिल!

यूपी में यह 16 गाँव तहसील में होंगे शामिल!
Gonda News

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के तरबगंज क्षेत्र में प्रशासन ने 16 गांवों को मनकापुर तहसील में शामिल करने की योजना बनाई है. इस कदम का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता और विकास कार्यों में सुधार लाना बताया जा रहा है.​

तहसील में शामिल करने की तैयारी, वकीलों ने जताया विरोध

इस प्रस्ताव का स्थानीय वकीलों ने विरोध किया है. उनका कहना है कि इस परिवर्तन से न्यायिक कार्यों में असुविधा होगी और वकीलों को अपने मामलों के लिए अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी. उन्होंने प्रशासन से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है. गोंडा तरबगंज तहसील के 16 गांव मनकापुर में शामिल करने के साथ ही न्यायिक कार्य न करने का आरोप लगाते हुए अधिवक्ताओं ने एसडीएम के तबादले की मांग की है। अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया और न्यायिक कार्य से विरत रहे. प्रशासन ने वकीलों के विरोध को गंभीरता से लिया है और इस मुद्दे पर विचार.विमर्श जारी है.

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अधिकारियों का कहना है कि इस परिवर्तन से न्यायिक कार्यों में कोई विघ्न नहीं आएगा और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी. स्थानीय जनता और वकीलों के बीच संवाद और सहमति के माध्यम से इस मुद्दे का समाधान निकाला जाएगा. ताकि विकास कार्यों के साथ.साथ न्यायिक प्रक्रिया भी सुचारू रूप से चलती रहे. तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश सिंह ने कहा कि एसडीएम तरबगंज तहसील के 16 गांव मनकापुर तहसील में शामिल करने के लिए गोपनीय रिपोर्ट भेज रहे हैं. ये गांव महादेवा सर्किल के हैं, जो मानक के विरुद्ध है.मंत्री रविंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि एसडीएम के चार्ज लेने से तहसील का कार्य ठप हो चुका है. जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदकों को कई माह चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. न्यायिक कार्य न होने से मामले लंबित हैं और वादकारियों को परेशानी हो रही है.

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स्थानीय जनता और वकीलों के बीच संवाद

इस प्रस्ताव का स्थानीय वकीलों ने विरोध किया है. उनका कहना है कि इस परिवर्तन से न्यायिक कार्यों में असुविधा होगी और वकीलों को अपने मामलों के लिए अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी. उन्होंने प्रशासन से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है. प्रशासन ने वकीलों के विरोध को गंभीरता से लिया है और इस मुद्दे पर विचार.विमर्श जारी है. अधिकारियों का कहना है कि इस परिवर्तन से न्यायिक कार्यों में कोई विघ्न नहीं आएगा और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी. यह बदलाव प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकता है.

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लेकिन स्थानीय वकीलों की चिंताओं को भी ध्यान में रखना आवश्यक है. स्थानीय जनता और वकीलों के बीच संवाद और सहमति के माध्यम से इस मुद्दे का समाधान निकाला जाएगा. ताकि विकास कार्यों के साथ.साथ न्यायिक प्रक्रिया भी सुचारू रूप से चलती रहे. अधिवक्ताओं ने कहा कि जब तक एसडीएम का स्थानांतरण नहीं होता तब तक आंदोलन जारी रहेगा। एसडीएम राजीव मोहन सक्सेना का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर कॉल किया गया, उन्होंने मैसेज किया कि मीटिंग में हूं बाद में बात करूंगा. कमलेश सिंह, पवन कुमार सिंह, आजाद सिंह, प्राण शंकर तिवारी, अजय तिवारी, जटाशंकर सिंह, चंद्र प्रकाश शुक्ल, वैभव सिंह उपस्थित रहे.

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शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।