उत्तर प्रदेश के इस जिले में ताबड़तोड़ छापेमारी. दुकानदार भागें

उत्तर प्रदेश के इस जिले में ताबड़तोड़ छापेमारी. दुकानदार भागें
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यूपी में अब विभाग द्वारा ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई के अंतर्गत विभिन्न जिलों में दुकानों के लाइसेंस और निलंबित किए जाने की खबर आई है जिसमें कुछ दुकान सील भी करवा दिया गया है इसमें अधिकारियों की सामूहिक टीम गठित की गई है. अब निगरानी पूरी तरीके से की जा रही है और गलत प्रथाओं पर सख्त पाबंदी लगाई जाएगी. जो दुकानदार समय पर नोटिस का जवाब नहीं देंगे और सुधार नहीं कर पाएंगे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 

उद्देश्य का प्रभाव आदेश और चेतावनी

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में कृषि विभाग ने उर्वरकों की कालाबाजारी और किसने के शोषण पर ब्रेक लगाने के लिए उचित इंतजाम किया जा रहा है जिसमें जिला कृषि अधिकारी शैलेंद्र प्रताप सिंह के अगुवाई में तहसील स्तर के माध्यम से विकासखंड सदर, परतावल और पनियरा में स्थित एक दर्जन से अधिक उर्वरक दुकानों पर औचक निरीक्षण करवाया गया. अब इस निरीक्षण के दौरान कई दुकानें बंद भी पाई गई हैं जिसमें कुछ दुकानों पर आवश्यक अभिलेख और रेट बोर्ड नहीं मिले हैं.

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अभी विशेष रूप से पनियरा क्षेत्र के रजौड़ा चौराहा वन स्टॉप शाप एग्री जंक्शन नामक उरर्वक प्रतिष्ठान निरीक्षण के दौरान बंद पाया गया है जिसमें दुकान एक दिन पहले ही सहायक विकास अधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान बंद पाई गई थी. अभिषेक पुनर्विवर्ती को गंभीरता से लेते हुए उरर्वक विक्रय प्राधिकार पत्र निलंबित करवा दिया गया है वहीं परतावल के अमन खाद भंडार तथा करौता चौक बाजार की मां वैष्णो ट्रेडर्स की दुकान पर स्टॉक और रेट बोर्ड नहीं लगा मिला जिसमें स्टॉक और बिक्री रजिस्टर अघतन नहीं पाया गया है. इन सभी दुकानों का उर्वरक व्यवसाय तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध कर कारण बताओं नोटिस जारी करवा दिया गया है.

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कालाबाजारी को रोकना, गुणवत्ता और पारदर्शिता

मिली जानकारी के अनुसार बताया गया है कि जिला कृषि अधिकारी ने समस्त उर्वरक विक्रेताओं को सख्त आदेश दिया है कि किसानों को उर्वरक निर्धारित मूल्य पर पीओएस मशीन से, खतौनी तथा जोतबही के आधार पर बेचा जाएगा जिसमें हर ग्राहक को कैश मेमो दिए जाने का नियम लागू किया गया है इसके साथ-साथ या भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी किस पर जिंक सल्फेट और अन्य सच में पोषक तत्व की जबरन टैगिंग किसी भी प्रकार से नहीं की जाएगी यदि किसान सुरक्षा से कोई अतिरिक्त उत्पाद दुकानदार से लेता है.

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तो उसका विवरण कैसमेमो में अंकित किया जाना अति आवश्यक है. आगे उन्होंने बताया है कि यदि कोई विक्रेता इन नियमों का बात नहीं मानता है उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यकता वस्तु अधिनियम 1955 के तहत एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने का दिशा निर्देश दिया जाएगा इसके साथ-साथ उर्वरकों की जिले में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी खरीफ 2025 के लिए यूरिया और डीएपी उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित तीव्र गति से की जाएगी.

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