यूपी के इन 20 से ज्यादे गाँव की बल्ले-बल्ले, लगेंगी फैक्टरियां पैसों की होगी बारिश!

यूपी के इन 20 से ज्यादे गाँव की बल्ले-बल्ले, लगेंगी फैक्टरियां पैसों की होगी बारिश!
Uttar Pradesh News

यूपी कई जिलों के गांव में औद्योगिक क्रांति की प्रारंभ हो चुकी है जिसमें विभिन्न गांव में फैक्ट्रियां स्थापित करने की योजना बनाई गई है इसमें रोजगार में वृद्धि और लोगों की आमदनी में बड़ा इजाफा होने वाला है. अब फैक्ट्री की स्थापना धरातल पर होने से नई पीढ़ी युवाओं को रोजगार के रास्ते मिलने में आसानी मिलेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी.

विकास के साथ पैसे की बारिश

उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण अनुमति मिलने के बाद जिले के 25 गांव में विकास का पहिया अब चल पड़ा है जिसमें गांव और आसपास के इलाकों में फैक्ट्री स्थापित की जाएगी. औद्योगिक विकास के साथ-साथ लोगों को रोजगार भी मिल पाएगा और उनके घरों में गरीबी दूर होकर के पैसा आने में कोई तकलीफ नहीं होगी. औद्योगिक विकास प्राधिकरण की अधिसूचित श्रेणी में शामिल जिला 350 गांव में से 25 गांव को अधिसूचित श्रेणी से बाहर करने के लिए डी नोटिफिकेशन का प्रावधान होना आता है जिसमें ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट मैं कार करने वाले उद्यमियों को उधम की स्थापना के लिए इन गांव में जगह मिल पाएगा विकास कार्य को गति तीव्र गति से मिलेगी.

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अब इन सभी 25 गांव में डी नोटिफिकेशन करवाने के लिए प्रशासन की तरफ से औद्योगिक विकास प्राधिकरण को पत्र लिखकर भेजा जाएगा जिसमें मंजूरी मिलते ही हाथरस के आसपास विकास का नया अवसर मिल पाएगा उद्योगों की स्थापना हो पाएगी जिसमें अधिकारी और उद्यमी सहित इन गांवों के निवासी भी बेसब्री से अब इंतजार किए जा रहे हैं. अब जिले में 25 गांव को अधिसूचित श्रेणी से बाहर निकालने की तैयारी की गई है जिसमें औद्योगिक विकास प्राधिकरण का प्रस्ताव भेजा गया है औद्योगिक विकास प्राधिकरण की होने वाली बैठक कई बार इन गांवों को बाहर निकलने का बातचीत हमेशा से करती चली आई है इन गांवों को जल्द ही अधिसूचित श्रेणी से बाहर आने की उम्मीद की गई है.

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किस गांव की होगी डी नोटिफिकेशन

इस प्रक्रिया के माध्यम से यमुना एक्सप्रेसवे गौतमबुद्धनगर, आगरा, बुलंदशहर, हाथरस, मथुरा और अलीगढ़ की मार्ग से गुजर रहा है जिसमें 6 जिला से करीब 11 89 गांव औद्योगिक विकास प्राधिकरण की विकास से परियोजनाओं के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है जिसमें सबसे ज्यादा अधिसूचित गांवों मथुरा और हाथरस जिले के शामिल हो चुके हैं मथुरा में करीब 400 और हाथरस में 350 गांव पर मोहर लगाया गया है. कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से राजस्व संहिता की धारा 80 के अधीन होने की वजह से इन गांव की जमीन को आबादी में घोषित नहीं किया जा सका ना ही इनमें कोई नक्शा पास करवाया गया था अब इस वजह से निर्माण कार्यों में अवरोध उत्पन्न हो गया कानूनी पेच की वजह से औद्योगिक आस्थान और भवन का निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है.

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जिसमें साल 2022 में तत्कालीन डीएम अर्चना वर्मा की योजना से 65 गांव को डी नोटिफाई करवाया गया था. इसी बीच हाथरस सदर तहसील के जो भी गांव औद्योगिक विकास प्राधिकरण की अधिसूची श्रेणी में शामिल हुआ है उनमें एक्सप्रेसवे की दूरी करीब करीब 40 किलोमीटर तय किया गया है अब औद्योगिक विकास प्राधिकरण की महे योजना का लाभ इन गांवों को अब नहीं मिल पाएगा अब इसी के अंतर्गत एसडीएम सदर ने 25 गांव को डी नोटिफिकेशन का प्रस्ताव जिला अधिकारी के माध्यम से औद्योगिक विकास प्राधिकरण को भेज दिया गया है हाथरस सदर तहसील के 180, सासनी क्षेत्र के 42 गांव, सादाबाद के 127 गांव, औद्योगिक विकास प्राधिकरण की अधिसूचित श्रेणी में शामिल किया गया है अब कुल 350 की संख्या में तब्दील हो गया है.

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