यूपी के इन जिलों में खाद की कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई

यूपी में खाद की कालाबाजारी पर ब्रेक लगाने के लिए तमाम योजनाओं को और निगरानी बढ़ाई जा रही है. जिसमें हर दिन रिपोर्ट तैयार करने तथा गोपनीय जांच का रास्ता अपनाया जाएगा. अब फील्ड में अधिकारियों की गोपनीय तरीके से ताक झांक व्यापक स्तर से जारी रहेगा दुकान द्वारा निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर खाद बिक्री और अनुचित गतिविधियों को तुरंत पहचानने में आसानी होगी.
रोजाना रिपोर्टिंग अनिवार्य, गोपनीय जांच टीम का गठित
उत्तर प्रदेश राज्य में खाद की कालाबाजारी अब चरम पर है जिसमें आशंका जताते हुए बताया गया है कि कृषि विभाग अब सभी अधिकारियों को फील्ड में उतारने का प्रयास कर रही है जिसमें हर दिन रिपोर्ट भेजने का दिशा निर्देश दिया गया है जिला कृषि अधिकारियों का सख्त निर्देश है कि निरंतर जांच में लग रहे और विभिन्न स्थान पर यूरिया और डीएपी के साथ-साथ जिंक और मैग्नीशियम अन्य सामग्री लेने का दबाव बनाने वाले दुकानदारों के खिलाफ अब कड़ा एक्शन अपनाया जाएगा. अब प्रदेश में धान मक्का सहित खरीफ की अन्य फैसले की बुवाई प्रारंभ हो चुकी है.
जिसमें खाद की खपत अब बढ़ चुकी है खपत बढ़ने की वजह से विभिन्न स्थानों पर निर्धारित दर से अधिक मूल्य खाद्य बेचने की शिकायत आए दिन मिल रहा है कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही जांच में इसकी पुष्टि कर रहे हैं. अब इस मामले को देखते हुए विभाग ने सभी जिला कृषि अधिकारियों को खाद की बिक्री और मौजूदा स्टाफ का पूरा ब्यौरा अब मांगा जा रहा है जिसमें फील्ड में उतारे गए अधिकारी गोपनीय तरीके से जिले में जांच का रैवाया अपना रहे हैं. जांच रिपोर्ट के माध्यम से गड़बड़ी करने वाले खाद विक्रेताओं और जिलों में लापरवाही अधिकारियों के ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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विभिन्न जिलों में विशेष निगरानी
उत्तर प्रदेश में विभिन्न राज्यों के करीब जिलों में चौकसी बरती जा रही है. रबी सीजन मैं मिली शिकायत को अब ध्यान पूर्वक रखते हुए सहारनपुर, आगरा, बिजनौर, मथुरा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, महोबा, श्रावस्ती, बांदा, सोनभद्र, चित्रकूट, बलरामपुर, गाजीपुर, सिद्धार्थनगर, बलिया, महाराजगंज, देवरिया और कुशीनगर जिलों में दूसरे राज्यों में लगी सीमा पर स्थित बाजार की विशेष निगरानी हो रही है क्योंकि इन्हीं बाजारों से प्रदेश की खाद दूसरे राज्यों में भी भेजी जा सकती है. जिसमें प्रदेश की सहकारी समितियां में खाद की कमी आई है किसान समिति से ही खाद लेने की वरीयता दी जाती है.
अब ऐसे में जिलों में निजी कंपनियों की रैक से 40 फ़ीसदी खाद्य समिति पर भेजने का दिशा निर्देश दिया गया है. अब कृषि निदेशक डॉ जितेंद्र सिंह तोमर ने बताया है कि खाद की कोई कमी नहीं है दुकानदार किसान से ज्यादा कीमत अब ना वसूले इसलिए निगरानी बढ़ाई गई है. अब प्रदेश में लगभग लगभग 25 लाख मैट्रिक टन खाद उपलब्ध हो चुका है विभिन्न कंपनियों की रैय जिलों में पहुंच रही है. कोई भी विक्रेता उर्वरक के साथ-साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.