लखनऊ से भोपाल तक रास्ता होगा बेहतर, हाईवे होगा फोरलेन

बुंदेलखंड क्षेत्र में सड़क परिवहन ढांचे के संदर्भ में सागर एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में उभरता दिखाई दे रहा है, जो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों को जोड़ने में सहायक साबित हो रहा है। सागर-कबरई फोरलेन परियोजना का कार्य तेजी से प्रगति पर है। इस परियोजना के पूरा होते ही मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल जैसे शहरों का सीधा संपर्क उत्तर प्रदेश के कानपुर और लखनऊ से स्थापित हो जाएगा। इस फोरलेन का निर्माण न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
2023 में सागर कबरई फोरलेन परियोजना का कार्य आरंभ किया गया था, जिसका लक्ष्य 2026 तक इसे पूरा करना था। हालांकि, योजना के तीसरे और चौथे चरण के टेंडर में हुई देरी के कारण इस कार्य में एक साल की अतिरिक्त देरी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में इस टेंडर प्रक्रिया का समापन हुआ है, और उम्मीद जताई जा रही है कि फोरलेन का कार्य अब तेजी से आगे बढ़ेगा।
इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र में यातायात की सुविधा में सुधार होगा और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। स्थानीय निवासियों और व्यापारियों को इससे काफी लाभ होने की संभावना है। सरकार इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का प्रयास कर रही है, ताकि लोगों को बेहतर परिवहन सेवाएं मिल सकें।
कबरई-सागर फोरलेन की तीसरी और चौथी चरण की टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह स्पष्ट हो रहा है कि कानपुर-सागर मार्ग पर जल्द ही वाहन तेज गति से चलने लगेंगे। तीसरे चरण में छतरपुर की सीमा से साठिया घाटी तक और चौथे चरण में साठिया घाटी से कैमाहा बैरियर तक कुल 98 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआई) द्वारा छतरपुर के तहत आयोजित टेंडर प्रक्रिया के अनुसार, तीसरे चरण का टेंडर एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर को दिया गया है, जबकि चौथे चरण का टेंडर भी जल्द ही जारी किया जाएगा। इस फोरलेन के निर्माण से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।
सागर कानपुर हाइवे के निर्माण कार्य को पूरा करने की समय सीमा 2026 निर्धारित की गई थी। हालांकि, एनएचएआई की टेंडर प्रक्रिया में हुई कुछ देरी के कारण इस परियोजना में बाधाएं आई हैं। लेकिन अब यह आशा की जा रही है कि जल्द ही तीसरे और चौथे चरण की चौड़ी सड़क का निर्माण कार्य शुरू होगा। इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र में यातायात की सुविधा में सुधार होगा और स्थानीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। सभी संबंधित अधिकारियों का प्रयास है कि इस सड़क का निर्माण जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि लोगों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिल सकें।
सागर से कबरई तक का 223.7 किलोमीटर लंबा फोरलेन सड़क निर्माण कार्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहरों को एक साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह फोरलेन सागर से शुरू होकर बंडा, शाहगढ़, बड़ामलहरा, छतरपुर, गढ़ी मलहरा, श्रीनगर और महोबा जैसे प्रमुख स्थानों से होकर गुजरेगा।
इस परियोजना की कुल लागत लगभग 2653 करोड़ रुपए अनुमानित की गई है। इस फोरलेन का निर्माण न केवल क्षेत्र के विकास में सहायक होगा, बल्कि भविष्य में इसे लखनऊ से भी जोड़ा जाएगा, जिससे यह भोपाल-लखनऊ आर्थिक कॉरिडोर का हिस्सा बन जाएगा।
इस फोरलेन की एक विशेषता यह है कि इसे इस तरह से तैयार किया गया है कि भविष्य में इसे बिना किसी कठिनाई के सिक्सलेन में बदला जा सकेगा। वर्तमान में चल रहे निर्माण कार्य की गति को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह परियोजना 2027 तक पूरी हो जाएगी। इस योजना का उद्देश्य न केवल यातायात की सुविधा को बढ़ाना है, बल्कि भविष्य की आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखते हुए इसे और अधिक सक्षम बनाना है।
सागर कबरई फोरलेन परियोजना के संदर्भ में:-
- पहले चरण में सागर से मोहारी तक 50 किलोमीटर लंबे सड़क निर्माण का कार्य एनएचएआई की सागर यूनिट द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना में सागर से दलपतपुर तक का कार्य आधे से अधिक पूरा हो चुका है और अब यह अंतिम चरण में पहुंच गया है। शेष बचे कार्य को चार चरणों में पूरा किया जा रहा है।
- दूसरे चरण में मोहारी से सोनिया घाटी (हीरापुर) तक 39 किलोमीटर का निर्माण कार्य जीत इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी द्वारा किया जा रहा है, जिसकी कुल लागत 351 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।
- तीसरे और चौथे चरण के टेंडर के सफल समापन से अब इस महत्वपूर्ण परियोजना में तेजी आएगी।
- इस प्रोजेक्ट के पांचवे चरण में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर कैमाहा बैरियर से महोबा होते हुए कबरई तक 45 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया जा रहा है।
एनएचएआई छतरपुर यूनिट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर देवेंद्र चापेकर ने जानकारी दी है कि "कुछ कारणों से तीसरे और चौथे चरण की टेंडर प्रक्रिया में देरी हुई थी, परंतु अब टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के कारण सागर कबरई मार्ग के निर्माण में तेजी आने की संभावना है। भारतमाता श्रृंखला के तहत बन रहे इस चार लेन के मार्ग से बुंदेलखंड क्षेत्र को भोपाल, इंदौर, लखनऊ, और कानपुर जैसे प्रमुख शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।" उन्होंने आगे कहा कि "इस परियोजना का उद्देश्य न केवल क्षेत्र के विकास को गति देना है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी बेहतर यातायात सुविधा प्रदान करना है।"