भारत-नेपाल बॉर्डर पर अलर्ट: संदिग्ध पाकिस्तानियों की घुसपैठ की आशंका, शुरू हुआ जॉइंट ऑपरेशन

भारत की सीमाओं को लेकर एक बार फिर से खतरे की घंटी बज चुकी है। खुफिया इनपुट्स के मुताबिक 30 से 35 पाकिस्तानी संदिग्ध नेपाल के रास्ते भारत में घुसने की फिराक में हैं। ये सभी नेपाल पहुंच चुके हैं और कभी भी भारत-नेपाल बॉर्डर पार कर सकते हैं। इस इनपुट के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
नेपाल और भारत की फोर्सेस ने मिलकर अब एक बड़ा कदम उठाया है। दोनों देशों की सेनाएं मिलकर एक जॉइंट कॉम्बिंग ऑपरेशन और जॉइंट पेट्रोलिंग कर रही हैं। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य सीमाओं की निगरानी बढ़ाना और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को रोकना है।
नो-मैन्स लैंड से रिपोर्टिंग करते हुए यह जानकारी सामने आई कि एक तरफ भारत है, दूसरी तरफ नेपाल, और दोनों को अलग करता है एक सीमांकन पिलर। इसी नो-मैन्स लैंड पर भारतीय SSB और नेपाल की आर्म्ड पुलिस फोर्स साथ मिलकर गश्त कर रही हैं।
यह इलाका बेहद संवेदनशील है। एक तरफ नेपालगंज है, जहां कई बार पाकिस्तान से आए लोग मरकज में शामिल होते देखे गए हैं। वहीं दूसरी ओर भारत के बहराइच, बलरामपुर और गोरखपुर जैसे ज़िले हैं, जो नेपाल सीमा से सटे हैं और जिनका धार्मिक और सामाजिक महत्व काफी बड़ा है। ऐसे में कोई भी संदिग्ध मूवमेंट गंभीर खतरे को जन्म दे सकता है।
गंगा सिंह ने बताया कि जब नेपाल जैसे मित्र राष्ट्र की फोर्सेस उनके साथ होती हैं तो आत्मबल दोगुना हो जाता है। भारत और नेपाल एक तरह से दो भाई जैसे हैं, जो मिलकर हर संकट का सामना करते हैं। चाहे आतंकवाद हो या घुसपैठ, दोनों देशों की सेनाएं एकजुट होकर मुकाबला कर रही हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि नेपालगंज के मरकज में पाकिस्तान से आए लोग अक्सर शामिल होते हैं, लेकिन अब तक ऐसी कोई संदिग्ध या गलत गतिविधि सामने नहीं आई है। हालांकि सतर्कता बरती जा रही है और हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
यह भी सामने आया कि अगर इन संदिग्धों की मंशा भारत में किसी धार्मिक स्थल पर हमला करने की हो, तो उन्हें सॉफ्ट टारगेट की तलाश होगी। अयोध्या जैसे स्थान यहां से सिर्फ 3-4 घंटे की दूरी पर हैं। ऐसे में इनपुट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इस पूरे ऑपरेशन में भारतीय जवानों के साथ-साथ नेपाल के जवान भी पूरी तत्परता से लगे हुए हैं। नेपाल की महिला अधिकारी और जवान भी पेट्रोलिंग में भाग ले रही हैं। यह ना केवल सुरक्षा का प्रतीक है, बल्कि भारत-नेपाल की दोस्ती का भी संदेश है।
तस्वीरों में देखा गया कि नेपाल की फोर्स भी आधुनिक हथियारों, बुलेटप्रूफ जैकेट्स और हेलमेट्स से लैस है। वह भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यह देखकर साफ है कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में भारत अकेला नहीं है, नेपाल उसके साथ खड़ा है।
जब सीमा पार से इस तरह की नापाक साजिशें हो रही हों, तो ऐसे समय में भारत की सुरक्षा एजेंसियों—चाहे वो SSB हो, सेना हो, नेवी हो या एयरफोर्स—का नेपाल के साथ मिलकर काम करना बेहद जरूरी हो जाता है।
जॉइंट ऑपरेशन की इस पहल का उद्देश्य साफ है—सीमा की हर इंच पर कड़ी निगरानी रखना ताकि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति भारत में दाखिल न हो सके। जिन रास्तों को खतरे के तौर पर चिन्हित किया गया है, वहां लगातार कॉम्बिंग की जा रही है।
आखिर में यही कहा जा सकता है कि भारत और नेपाल की यह संयुक्त मुहिम सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं है। यह दो देशों की दोस्ती, सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक भी है।
और सबसे बड़ी बात, यह एक कड़ा संदेश है उन ताकतों के लिए जो भारत की शांति और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाना चाहती हैं—कि अब हर कदम पर सतर्क निगरानी है, और हर चाल का जवाब देने को भारत और उसके मित्र राष्ट्र नेपाल तैयार हैं।