काफिला रोककर निकालें एंबुलेंस: राष्ट्रपति
-कैप्टन मनोज पांडेय सैनिक स्कूल के हीरक जयंती समापन समारोह में बोले रामनाथ कोविंद -यह देश का पहला सैनिक स्कूल जो राज्य सरकार संचालित कर रही: योगी
राष्ट्रपति ने कहा कि एंबुलेंस आदि बिना रुकावट निकल सकें, इसके लिए कोई समाधान खोजना चाहिए. यहां बात सिर्फ मेरी ही नहीं, अन्य लोग भी हैं, जिनके लिए ट्रैफिक रोका जाता है. जरूरत हो तो हम लोगों का काफिला रोककर भी एंबुलेंस को निकाल सकते हैं. हालांकि प्रशासन भी अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए ऐसा करता है लेकिन हम सबको मिलकर समाधान खोजना चाहिए. इस जिम्मेदारी के लिए सिर्फ प्रशासन पर ही निर्भर नहीं रहा जा सकता. हम देखते हैं कि हर आदमी एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में रहता है. सभी लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए प्रशासन का सहयोग करें. इसी क्रम में
मुख्यमंत्री योगी ने राष्ट्रपति का स्वागत अभिनन्दन करते हुए कहा आज ये स्कूल कई मायने में प्रतिमान गढ़ रहा है. इस विद्यालय के संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री स्व. सम्पूर्णानन्द ने 1960 के कालखंड में इस बात की परिकल्पना की थी कि सैनिक स्कूल होने चाहिए. 1962 में युद्ध हुआ था, उस वक्त उस राजनेता ने ही दूरदर्शिता से इसे भांप लिया था कि देश को इसकी जरूरत होगी. इसलिए हमारी सरकार ने संकल्प लिया कि देश को सैनिक स्कूलों की आवश्यकता है. सिर्फ सेना ही नहीं देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी हम देश को सेवाएं दे सकें. संपूणार्नंद की इस परिकल्पना को हमने साकार किया और इस प्रदेश के पांचवे सैनिक स्कूल का शिलान्यास गोरखपुर में किया. इस सैनिक स्कूल का नाम 2017 मे कारगिल युद्ध के नायक कैप्टन मनोज पांडेय के नाम पर रखा और उस राष्ट्रनायक को सम्मान दिया.
योगी ने कहा कि इस सैनिक स्कूलों में एक भारत श्रेष्ठ भारत की संरचना को लगातार निरंतर अग्रसर है. आज के इस हीरक जयंती के समारोह मे राष्ट्रपति द्वारा समय दिया गया. इसके लिए धन्यवाद है. ये देश का पहला ऐसा सैनिक स्कूल है, जो राज्य द्वारा संचालित हो रहा है.
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