यूपी में इन ट्रेनों का बदला रूट, गाड़ियों के कैंसिल होने से यात्रियों को हो रही दिक्कत
1.png)
भारतीय रेल जिसे कभी देश की जीवनरेखा कहा जाता था. आज खुद संघर्षों की पटरी पर दौड़ रही है. जहाँ एक ओर रेलवे नेटवर्क के विस्तार और आधुनिकीकरण की बातें की जा रही हैं. वहीं ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. ट्रेनों की लेटलतीफी बिना सूचना के रद्दीकरण. और बुनियादी सुविधाओं की कमी ने यात्रियों का सफर कष्टमय बना दिया है.
20 ट्रेनें निरस्त होने से बढ़ी यात्रियों की मुश्किलें
देशभर में हर दिन सैकड़ों ट्रेनें घंटों की देरी से चल रही हैं. कई बार यात्री स्टेशन पर घंटों इंतजार करते रहते हैं. लेकिन कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिलती. शादी.ब्याह, इंटरव्यू, मेडिकल अपॉइंटमेंट या अन्य ज़रूरी कार्यों के लिए यात्रा कर रहे लोग जब समय पर न पहुंच पाएं. तो सिर्फ ट्रेन ही नहीं, उनका सपना भी लेट हो जाता है. इन दिनों सहालग का सीजन होने के कारण ट्रेनों पर दबाव बढ़ गया है। गोरखपुर में चल रहे मेगा ब्लॉक के कारण 20 ट्रेनें मई के पहले सप्ताह तक निरस्त चल रही हैं. दूसरी ओर 14 ट्रेनों को मार्ग परिवर्तित कर चलाया जा रहा है. ऐसे में बाकी ट्रेनों पर दबाव बढ़ा हुआ है. इस बीच ट्रेनें देरी से भी चल रही हैं. रविवार को 17 ट्रेनों ने छह घंटे तक इंतजार कराया.
कई ट्रेनों में आरक्षित डिब्बों में भी खचाखच भीड़ देखने को मिलती है. शौचालयों की गंदगी पीने के पानी की अनुपलब्धता और असुरक्षित यात्रा ने यात्रियों का हाल बेहाल कर दिया है. टिकट काउंटरों से लेकर ऑनलाइन बुकिंग तक हर जगह तकनीकी समस्याएं और भ्रष्टाचार आम शिकायत बन चुकी हैं. अक्सर देखा गया है कि पटरियों की मरम्मत या अन्य तकनीकी कार्य बिना पूर्व सूचना के किए जाते हैं. जिससे ट्रेनों को बीच रास्ते में रोका जाता है. रेलवे मंत्रालय ने हाल ही में कहा है कि नई हाई.स्पीड ट्रेनें और अंडरग्राउंड रूट लाने की योजना चल रही है. लेकिन सवाल यह उठता है कि जब मौजूदा सिस्टम ही सही नहीं चल रहा. तो नया ढांचा कितनी स्थिरता से खड़ा हो पाएगा.
Read Below Advertisement
छह.छह घंटे तक लेट आईं गाड़ियां, इनका बदला रूट
भारतीय रेलवे देश की सबसे बड़ी परिवहन प्रणाली है. लेकिन जब तक इसमें यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं दी जाएगी. तब तक यह केवल रेल नहीं. झेल सेवा बनी रहेगी. जरूरत है सख्त निगरानी पारदर्शिता, और यात्रियों के अनुभव को गंभीरता से लेने की. लखनऊ और बरेली होकर गुजरने वाली 20 ट्रेनों के निरस्त होने के कारण शेष ट्रेनों में यात्रियों के लिए कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा है. हालांकि, रेलवे ने ग्रीष्मकालीन विशेष ट्रेनों का संचालन शुरू किया है, लेकिन यह भी लेटलतीफी का शिकार हैं. इस कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ट्रेनों पर दबाव होने के कारण एसी श्रेणी के कोचों में भी अनाक्षित यात्री घुस रहे हैं. महिला कोचों में भी पुरुष यात्रियों के कब्जे की शिकायतें आ रही हैं. गर्मियों के सीजन में ट्रेनों की लेटलतीफी के कारण यात्रियों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है.
इस बीच ट्रेनों में एसी खराब होने की शिकायतें भी बढ़ने लगी हैं. 15128-27 काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस दो व पांच घंटे देरी से आई. अमूमन समय पर चलने वाली 12584 डबल डेकर एक्सप्रेस ने भी दो घंटे इंतजार कराया. 15910 अवध-असम एक्सप्रेस चार घंटे और 12571 हमसफर एक्सप्रेस तीन घंटे देरी से आई. 12036 पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस ने एक और 14207 पदमावत एक्सप्रेस दो घंटे घंटे इंतजार कराया. सुपरफास्ट 22420 सुहेलदेव एक्सप्रेस एक घंटे, 13020 बाघ एक्सप्रेस दो घंटे देरी से आई और 15274 आनंद विहार-रक्सौल एक्सप्रेस ने छह घंटे इंतजार कराया. 14242 नौचंदी एक्सप्रेस एक घंटे, 14312 आला हजरत एक्सप्रेस तीन घंटे, 12204 सहरसा गरीब रथ एक्सप्रेस, 12588 अमरनाथ एक्सप्रेस दो-दो घंटे, 12392 श्रमजीवी एक्सप्रेस, 12328 उपासना एक्सप्रेस एक-एक घंटे और 13010 दून एक्सप्रेस दो घंटे देरी से आईं.