गोरखपुर, लखनऊ रूट पे रेल्वे करेगा खास काम, ट्रेन के आमने सामने आने पर नही होगी टक्कर
Gorakhpur-Lucknow
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पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) जल्द ही ट्रेनों की टक्करों को समाप्त करने वाले सिस्टम कवच के वर्जन-4 से लैस कर दिया जाएगा। इसके लिए ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का कार्य आरंभ किया गया है। इसके लिए 467 करोड़ रुपये की मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। इस प्लान में बाराबंकी से गोरखपुर जाने वाले मार्ग में छपरा भी को भी सम्मिलित किया गया है। यह नया कवच सुरक्षा के मामले में एक महत्वपूर्ण कदम है जो यात्रियों की सुरक्षा में सुधार करेगा।
जब यह पूरा होगा, तब टॉवर और ट्रैक पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) का काम आरंभ होगा। इन तीनों कामों के पुण हो जाने के पश्चात, एनईआर का छपरा-गोरखपुर-बाराबंकी रूट कवच बहुत ही सुरक्षित हो जाएगा। इस तकनीक का यह कहना है कि यह इतनी प्रेसाइसन है कि अगर दो ट्रेनें भी पूरी गति से आमने-सामने आ जाएं, तो भी कोई हादसा नहीं होगा।
कवच एक नवाचारी प्रणाली है, जिसमें दो ट्रेनें आमने-सामने आने पर वे स्वयं ही निश्चित दूरी पर रुक जाएंगी। इस प्रणाली में कवच लोको पायलट के सभी क्रियाकलापों की निगरानी करती है, जैसे ब्रेक, हॉर्न, थ्रोटल हैंडल आदि। यदि ड्राइवर में कोई गड़बड़ी होती है, तो कवच पहले ऑडियो-वीडियो के माध्यम से चेतावनी देगा। जब लाल सिग्नल पार होते हैं, तो ट्रेन अपने आप ब्रेक लगा देगी। साथ ही, पांच किलोमीटर के दायरे में सभी ट्रेनें सुरक्षित रूप से चलेंगी।