यूपी को रेल मंत्रालय का बड़ा तोहफा, दो जिलों के लिए बिछेगी 141 KM नई लाइन, यात्रियों को होगा ये फायदा
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मुरादाबाद से गाजियाबाद तक दो नए रेलवे ट्रैक की शुरुआत की जा रही है। यह निर्णय यात्रियों के लिए वास्तव में बड़ी सुविधा होगी। इन दो नए रेलवे ट्रैकों की शुरुआत से यात्रियों को समय और जेब में राहत मिलेगी। रेलवे मंत्रालय ने यात्रियों और ट्रेनों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
उत्तर प्रदेश के इन दो जिलों के बीच एक 141 किलोमीटर लंबी नई रेलवे ट्रैक की व्यवस्था करने का कार्य शीघ्र ही प्रारंभ किया जाएगा। दो नए रेलवे ट्रैक का निर्माण होने के बाद मुरादाबाद से गाजियाबाद, रामपुर, बरेली, लखनऊ और उत्तराखंड के जम्मू की यात्रा करने वाले यात्रियों का कम समय में ही यात्रा पूर्ण हो जाएगा। वर्तमान समय में इस रूट पर सिर्फ दो रेलवे लाइन ही हैं, रेलवे मंत्रालय द्वारा इस बड़े फैसले के बाद, यात्रियों को सफर में अच्छा लाभ मिलेगा।
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मौजूदा समय में गाजियाबाद और मुरादाबाद के स्टेशनों के मध्य में केवल दो ट्रैक पर ट्रेन चल पा रही हैं। इस मार्ग पर दैनिक आधार पर लगभग 200 ट्रेनें चलती हैं। यहाँ से मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, और लखनऊ के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं। उत्तराखंड और जम्मू का सफर करने के लिए भी मुरादाबाद से ट्रेनें चला करती हैं। इस रेलवे लाइन से काठगोदाम और रानीखेत जैसी स्थानों के लिए भी ट्रेन सेवाएं उपलब्ध हैं। आने वाले समय में रेलवे बुलेट और हाईस्पीड ट्रेनें भी चलाई जा सकती हैं। कभी-कभी रेलवे लाइनें अधिक यातायात के कारण अव्यवस्थित हो जाती हैं, इसके परिणामस्वरूप, सिग्नल की प्रतीक्षा में रहकर ट्रेनें घंटों खड़ी रहती हैं, जिससे यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचने में देरी का सामना करते हैं।
सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि एक सर्वे का आरंभ हो चुका है। रेलवे ने एक कंपनी को नामित करके बचे हुए ट्रैक के लिए सर्वे करवा रही है। इस साल अक्टूबर से नवंबर तक ट्रेनों का निर्माण आरंभ किया जा सकता है। इस नए ट्रैक की लंबाई 141 किलोमीटर होगी, और उम्मीद है कि यह कार्य इस वर्ष के अक्टूबर या नवंबर में ही शुरू हो जाएगा।
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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती
वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।
उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है