कॉलेज की छात्रा से अश्लील बातें और धमकी: मुजफ्फरनगर के प्रोफेसर पर गंभीर आरोप, वीडियो कॉल में करता था गंदी डिमांड

मुजफ्फरनगर से एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है जहाँ एक कॉलेज प्रोफेसर पर बीएससी फाइनल ईयर की छात्रा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रा का कहना है कि प्रोफेसर उसे लगातार परेशान करता था, रात में वीडियो कॉल करके गंदी बातें करता था और कपड़े उतारने का दबाव बनाता था।
छात्रा ने बताया कि अगर वह कॉल रिसीव नहीं करती थी तो उसे धमकी दी जाती थी कि प्रैक्टिकल में नंबर काट दिए जाएंगे या फेल कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, प्रोफेसर ने उसे यह तक कह दिया कि वह रूम पर आकर मिले, वरना परिणाम भुगतने होंगे।
इस घटना से परेशान होकर छात्रा ने आखिरकार अपने परिवार को सब कुछ बताया और जाट महासभा से मदद की गुहार लगाई। इसके बाद जाट महासभा के कार्यकर्ता और परिजन कॉलेज पहुंचे जहाँ इस मामले को लेकर भारी हंगामा हुआ।
छात्रा का साफ कहना है कि वह फाइनल ईयर में है और शुरू में उसने सोचा था कि जैसे-तैसे यह साल पूरा हो जाए, लेकिन प्रोफेसर की हरकतें लगातार बढ़ती रहीं। छात्रा ने बातचीत की रिकॉर्डिंग भी सहेज कर रखी थी, जिसमें प्रोफेसर की अश्लील बातें साफ-साफ सुनी जा सकती हैं।
इस घटना के बाद कॉलेज में जबरदस्त हंगामा हुआ और सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रोफेसर को हिरासत में ले लिया।
कॉलेज प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। कॉलेज प्राचार्य ने बताया कि 21 तारीख को महिला हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज हुई थी, जिसके बाद प्रोफेसर को नोटिस दिया गया और अपना पक्ष रखने को कहा गया।
कॉलेज की ओर से कहा गया कि जैसे ही छात्रा और उसके परिजनों से संपर्क हुआ, उन्हें कॉलेज बुलाया गया लेकिन वे समय पर नहीं आए। इसके बाद छात्रा ने समाज के लोगों से संपर्क किया और फिर कॉलेज में यह मामला सार्वजनिक हुआ।
जाट महासभा के जिला अध्यक्ष धर्मवीर बालियान ने चेतावनी दी है कि यदि दो दिन के भीतर इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो सोमवार से वे आंदोलन शुरू करेंगे और कप्तान कार्यालय के बाहर धरना देंगे। उन्होंने छात्रा को अपनी बेटी मानते हुए उसे पूरा समर्थन देने की बात कही है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छात्रा की तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज की जा रही है और आरोपी प्रोफेसर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला न केवल शिक्षा संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाता है बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह से कुछ लोग अपनी पॉज़िशन का गलत इस्तेमाल करते हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर कितनी सख्त और कितनी तेज़ कार्रवाई करता है।