UP में 15 खतरनाक सड़कें क्रिटिकल कॉरिडोर घोषित, पुलिस टीमें करेंगी निगरानी

UP में 15 खतरनाक सड़कें क्रिटिकल कॉरिडोर घोषित, पुलिस टीमें करेंगी निगरानी
UP में 15 खतरनाक सड़कें क्रिटिकल कॉरिडोर घोषित, पुलिस टीमें करेंगी निगरानी

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित जौनपुर जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने बड़ा कदम बढ़ाया है. तेजी से बढ़ते ट्रैफिक और लगातार हो रहे हादसों के बीच अब जिले को जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट बनाने का मिशन शुरू किया गया है. यह वह लक्ष्य है जिसके अंतर्गत सड़क दुर्घटनाएं हों, लेकिन किसी की जान न जाए, यही मूल सोच इस अभियान की नींव है. इस प्रयास ने शहर और देहात दोनों इलाकों में लोगों का ध्यान खींचा है, क्योंकि सड़क सुरक्षा का यह मॉडल पूरे प्रदेश में उदाहरण बन सकता है.

खतरनाक रास्तों पर अब विशेष निगरानी शुरू

जिले की उन प्रमुख सड़कों का विस्तार से सर्वे किया गया जहाँ हादसों की संख्या लगातार अधिक रही है. ऐसे 15 रास्तों को प्रशासन ने क्रिटिकल कॉरिडोर घोषित किया है, जिससे यहाँ सुरक्षा उपाय और निगरानी बढ़ाई जा सके. इन मार्गों पर हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर नजर रखने की नई व्यवस्था बनाई गई है, जिससे दुर्घटनाएं कम हों और जोखिम घटे.

20 ब्लैक स्पॉट अब सुरक्षा अभियान के केंद्र में

जौनपुर में दर्ज 23 खतरनाक जगहों में से 20 को इस अभियान में खास तौर पर शामिल किया गया है. इन स्थानों पर सबसे अधिक हादसे होते रहे हैं, इसलिए इन्हें प्राथमिकता दी गई है. इस सूची में हौज, सिरकोनी, नेवादा हाईवे, फतेहगंज, सिकरारा बाजार, टेकारी, खाखोपुर, पवारा, पचहटिया, जेसीज चौराहा, सिपाह, सिद्दीकपुर, गुरैनी, लपरी, पूर्वांचल विश्वविद्यालय क्षेत्र, लखौंवा, धनियामऊ, शिवगुलामगंज, सरोखनपुर और चंदवक बाजार जैसे इलाके शामिल किए गए हैं. इन स्थानों पर ट्रैफिक दबाव ज्यादा और सड़क संरचना चुनौतीपूर्ण होने के कारण इनकी निगरानी अब पहले से ज्यादा सख्त की जाएगी.

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क्रिटिकल कॉरिडोर के लिए बनी 15 टीमें

इन जोखिम भरे मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने 15 सीसी टीमें गठित की हैं. प्रत्येक टीम में एक उप-निरीक्षक, 4 मुख्य आरक्षी तथा अन्य आरक्षी शामिल किए गए हैं, जो अपने-अपने मार्गों पर लगातार सक्रिय रहेंगे. इनका काम दुर्घटनाओं को रोकना, लोगों को सुरक्षित मार्गदर्शन देना और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करना होगा. इन टीमों को पुलिस लाइन सभागार में विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिसकी कमान एडिशनल एसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने संभाली.

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अभियान का मूल संदेश

इस पूरे प्रयास का असल उद्देश्य साफ है, जिले में सड़क सुरक्षा को नई दिशा देना. खतरनाक जगहों की पहचान, प्रशिक्षित टीमें, 24 घंटे निगरानी और तेज रेस्पॉन्स सिस्टम, ये सभी कदम मिलकर जौनपुर को एक ऐसा जिला बनाने की कोशिश हैं, जहां सड़क हादसों में जान गंवाने की नौबत ही न आए. इसके साथ ही जौनपुर का हर नागरिक सुरक्षित घर लौटे.

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।