अब टोल कटवाने के लिए नहीं पड़ेगा रुकना, जाने किस रूट पर और कबसे मिलेगी ये नई सुविधा

टोल प्लाजा आमतौर पर हाईवे और एक्सप्रेसवे पर देखने को मिलते हैं, परंतु अब देश में एक नई तकनीक का उपयोग करके एक ऐसा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है, जो बिना किसी टोल प्लाजा के टोल वसूल करेगा। इस नए रास्ते पर यात्रा करने वाले यात्रियों को अपनी गाड़ी रोकने की कोई जरूरत नहीं होगी।
इस एक्सप्रेसवे पर लगे विशेष कैमरे गाड़ियों के फास्टैग को पहचानकर स्वतः ही टोल वसूल लिया करेंगे। यह प्रणाली इतनी प्रभावशाली है कि यह 100 किमी/घंटा की गति पर भी कार्य करेगी। इससे न केवल यातायात की गति में सुधार होगा, बल्कि यात्रियों का समय भी बचेगा। इस पहल से सड़क यात्रा को और अधिक सुविधाजनक और तेज़ बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जो निश्चित रूप से यात्रियों के लिए एक स्वागत योग्य बदलाव साबित होगा। यह तकनीकी सुधार देश के परिवहन क्षेत्र में एक नई दिशा देगा और भविष्य में और भी स्मार्ट सड़कों की उम्मीद जगाएगा।
दिल्ली-गुरुग्राम के मध्य में निर्मित किए गए द्वारका एक्सप्रेसवे की बात करें तो:- इस एक्सप्रेसवे पर जल्द ही एक "फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम" का संचालन शुरू किया जाएगा। इस प्रणाली का देश में पहला कदम है, यहां पर टोल वसूली के लिए किसी भी प्रकार के बैरियर या प्लाजा की आवश्यकता नहीं होगी।
इस नई प्रणाली से यातायात में सुधार होगा और यात्रा को अधिक सुगम बनाया जाएगा। वाहन चालक बिना किसी रुकावट के अपने गंतव्य की ओर बढ़ सकेंगे। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि सड़क पर भी भीड़भाड़ कम होने की उम्मीद है। इस पहल का उद्देश्य सड़क परिवहन को आधुनिक बनाना और लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। द्वारका एक्सप्रेसवे पर यह परिवर्तन निश्चित रूप से यात्रियों के अनुभव को और अधिक सुखद बना देगा।
इस प्रणाली के अतिरिक्त, उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे भी स्थापित किए गए हैं, जो आपकी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर को रिकॉर्ड करेंगे। यह पहल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रारंभ की गई है और यह 28 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे पर लागू की जा रही है।
यह कदम सड़क परिवहन को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। भारत में फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम का आगाज़ होने जा रहा है, इसमें इस प्रणाली का पहला कदम है। हालांकि, यह प्रणाली पहले से ही कई अन्य देशों में सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है। यह नया सैटेलाइट आधारित टोलिंग सिस्टम वाहन चालकों के लिए यात्रा को और भी सुगम बनाएगा।
इस प्रणाली के तहत, वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे उन्हें समय और ईंधन की बचत होगी। यह कदम न केवल ट्रैफिक जाम को कम करेगा, बल्कि यात्रा के अनुभव को भी बेहतर बनाएगा। नए सिस्टम के लागू होने से उम्मीद है कि यह टोल संग्रहण की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और सुविधाजनक बना देगा।
इस प्रकार, भारत में फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम का आगाज़ एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आधुनिक परिवहन प्रणाली को और भी स्मार्ट बनाने की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ता है।
बिना प्लाजा के टोल वसूली प्रणाली में सबसे बड़ा संकट यह है कि जिन वाहन चालकों के फास्टैग काम नहीं करेंगे या अगर वे टूट जाएं, तो उनसे टोल कैसे वसूला जाएगा। इस समस्या का समाधान करने के लिए एनएचएआई और परिवहन विभाग मिलकर नई योजनाएं तैयार कर रहे हैं। इन योजनाओं के तहत, एक्सप्रेसवे पर बिना टोल चुकाए चलने वाले वाहन चालकों से टोल काटा जाएगा। इसके अलावा, एनएचएआई ने परिवहन मंत्रालय से भी वाहन प्रणाली में आवश्यक परिवर्तन करने की अपील की है। इस नई प्रणाली के लागू होने से, उम्मीद की जा रही है कि टोल वसूली की प्रक्रिया अधिक सुचारू और प्रभावी होगी, जिससे सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन में सुधार होगा। यह कदम न केवल सरकारी राजस्व को बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि सड़क पर चलने वाले सभी वाहनों की निगरानी को भी आसान बनाएगा।
वाहन चालकों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना आई है। यदि किसी चालक का फास्टैग ब्लैकलिस्टेड है या उनका टोल कटौती नहीं हुआ है, तो उनकी जानकारी अब वाहन पोर्टल पर दिखाई देगी। इस पोर्टल पर वाहन की तस्वीर के साथ-साथ उसकी शेष राशि भी प्रदर्शित की जाएगी।
इस संदर्भ में वाहन चालकों को यह बताया गया है कि जब तक वे अपने बकाया का भुगतान नहीं करते, तब तक उनका रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, फिटनेस सर्टिफिकेट की एनओसी भी उन्हें नहीं दी जाएगी। वाहन चालक केवल पोर्टल पर अपने बकाया का भुगतान करने या इस पर अस्वीकृति करने के लिए अधिकृत होंगे। इस कदम से सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी वाहन चालक अपने टोल और बकाया का समय पर भुगतान करें, ताकि सड़क पर सुरक्षित यात्रा संभव हो सके।