यूपी में अब 7 मीटर चौड़ी सड़क पर अब होगा निर्माण, सरकार ने दी मंज़ूरी

यूपी में अब 7 मीटर चौड़ी सड़क पर अब होगा निर्माण, सरकार ने दी मंज़ूरी
यूपी में अब 7 मीटर चौड़ी सड़क पर अब होगा निर्माण, सरकार ने दी मंज़ूरी

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र को बेहतर बनाने की दिशा में सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है. छोटे और मझोले उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए अब ऐसे प्रावधान बनाए जा रहे हैं, जिनसे ग्रामीण इलाकों में भी उद्योग लगाने का सपना पूरा हो सके. राज्य में निवेश बढ़ाने, रोज़गार के अवसर बनाने और नई कंपनियों को आकर्षित करने के लिए कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को मंज़ूरी दे दी है.

निवेशकों का काम हुआ आसान 

अब तक औद्योगिक पार्क स्थापित करने के लिए 12 मीटर चौड़ी सड़क अनिवार्य थी, जिसकी वजह से कई निवेशकों के प्रोजेक्ट में कमी आ जाती थी. लेकिन नए संशोधन के बाद यह बाधा दूर कर दी गई है. सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक निजी कंपनियां और किसान औद्योगिक पार्कों की स्थापना करें, इसलिए शर्तें और सुविधाएं दोनों को आसान बनाया गया है.

छोटी सड़कों पर भी खुलेगा उद्योग का रास्ता

कैबिनेट के नए फैसले के अंतर्गत अब 7 मीटर चौड़ी सड़कों पर भी प्लेज पार्क बनाए जा सकेंगे. हालांकि एक शर्त जोड़ी गई है, सात मीटर सड़क के साथ 1.50 मीटर चौड़ा फुटपाथ होना अनिवार्य होगा. इस बदलाव से उन क्षेत्रों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा, जहां चौड़ी सड़कों का निर्माण पहले से संभव नहीं था.

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एमएसएमई को मजबूत करने पर ज़ोर

सरकार ने साल 2023 में प्लेज पार्क योजना शुरू की थी जिससे निजी निवेश बढ़े, किसानों को अपनी भूमि का बेहतर उपयोग मिले, छोटे उद्योगों के लिए बड़ी जगह उपलब्ध हो सके, इस योजना में उद्योगों तक पहुंच बनाने के लिए 2.5 किलोमीटर तक सड़क बनाने की जिम्मेदारी PWD को दी गई है, जिससे निवेशकों को अलग से खर्च नहीं उठाना पड़ेगा.

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ग्रीन कैटेगरी वाले उद्योगों को पहले मौका

सात मीटर चौड़ी सड़कों के किनारे बनने वाले नए प्लेज पार्क में सिर्फ ग्रीन कैटेगरी के उद्योग ही लगाए जा सकेंगे. वहीं 12 मीटर सड़क वाले इलाकों में हर प्रकार की औद्योगिक इकाईयों को स्थापित करने की अनुमति होगी. इससे पर्यावरण सुरक्षा और औद्योगिक विकास—दोनों संतुलित रूप से आगे बढ़ेंगे.

विकास शुल्क और नक्शा पास करने के नए नियम

  • विकास प्राधिकरण की सीमा के अंदर निर्मित वाले पार्कों से एमएसएमई विभाग 25% विकास शुल्क लेगा.
  • प्राधिकरण की सीमा के बाहर विकसित होने वाले प्लेज पार्क पर यह शुल्क लागू नहीं होगा.
  • शहर के अंदर बनने वाले पार्कों का नक्शा विकास प्राधिकरण पास करेगा.
  • जबकि सीमा के बाहर बनने वाले पार्कों का नक्शा उद्योग विभाग के आयुक्त या अधिकृत अधिकारी द्वारा मंज़ूर किया जाएगा.

अब पूरा प्लेज पार्क एक इकाई माना जाएगा. इसका फायदा यह है कि पार्क में अलग-अलग उद्योगों को अलग स्टांप शुल्क नहीं देना पड़ेगा, जिलाधिकारी एक समान सर्किल रेट तय करेंगे. निवेशक अपनी जमीन का 10% हिस्सा औद्योगिक और व्यावसायिक सुविधाओं के लिए विकसित करेंगे.

इस परिवर्तन के बाद प्लेज पार्क योजना पहले से अधिक आसान, सस्ती और निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक हो गई है, जिससे आने वाले समय में राज्य में उद्योगों का बड़ा विस्तार देखने को मिलेगा.

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।