यूपी से हरिद्वार तक बनेगी नई सड़क, 16 हजार से अधिक कटे पेड़, सरकार ने बनाया प्लान
प्रदेश की योगी सरकार ने चौधरी चरण सिंह गंगनहर कांवड़ मार्ग की वायीं पटरी का चौड़ीकरण एवं दायी पटरी को पूर्ण रूप से विकसित करने का खाका खींचा है
प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के साथ ही सरकार पलायन जैसी वृहद समस्या को जड़ से समाप्त करने को प्रदेश में उद्योगों एवं स्वरोजगार को निरंतर प्रोत्साहित कर रही है। सड़क और नगर विकास से जुड़ी ये परियोजनाएं धर्मनगरी हरिद्वार में विकास की गंगा बहाने का काम करेंगी।
केंद्र की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से संवर रहा है हरिद्वार
प्रदेश की योगी सरकार ने चौधरी चरण सिंह गंगनहर कांवड़ मार्ग की वायीं पटरी का चौड़ीकरण एवं दायी पटरी को पूर्ण रूप से विकसित करने का खाका खींचा है। मुख्य सड़क और आंतरिक सड़कों के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। सड़कों का निर्माण विकास को नई दिशा देगा। साथ ही क्षेत्रवासियों को सुविधा मिलेगी। परियोजना के तहत मुख्य सड़कों के साथ आंतरिक सड़कों का निर्माण किया जाएगा।चौधरी चरण सिंह गंगनहर कांवड़ पटरी (दायीं) मार्ग का निर्माण कार्य इस वर्ष शुरू हो सकता है। पटरी मार्ग से पेट कटान का मामला राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में लंबित है। इसके चलते लोक निर्माण और वन विभाग ने काम रोक रखा है। वहीं, इस मौके पर सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी डबल इंजन सरकार हरिद्वार के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से हरिद्वार की सड़क कनेक्टिविटी को नई मजबूती मिलेगी। केंद्रीय परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का स्वागत करते हुए कहा कि यह सौभाग्य है कि आज हम सभी को न केवल सौगात मिल रही है बल्कि एक नई उर्जा मिल रही है। कहा कि सामान्य परिस्थितियों में शुरू कार्य आज पूर्ण हो रहा है। मानव सभ्यता के लिए सड़कों का निर्माण अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री के प्रति आभार जताया कि तय समय में सभी निर्माण कार्य पूर्ण हो रहे हैं। कहा कि केंद्रीय मंत्री ने एक जगह से दूसरी जगह को ही नहीं बल्कि संस्कृतियों को भी जोड़ा है। क्षेत्र तक सड़कों को पहुंचाने का काम हो बहुत ही तेजी से हो रहे हैं। कहा कि हरिद्वार को देवभूमि के साथ विकास भूमि के नाम से जाना जाएगा। गंगनहर पटरी मार्ग के चौड़ीकरण एवं निर्माण के लिए पूर्व में 20 मीटर तक पेड़ कटान होना था, लेकिन अब सड़क निर्माण केवल 15 मीटर चौड़ाई तक होगा। इसके चलते इतनी ही श्रेणी में पेड़ काटे जा सकते हैं। खतौली व मुजफ्फरनगर क्षेत्र में पांच हजार से अधिक पेड़ काटे जा चुके हैं। इनमें खतौली क्षेत्र में 2100 पेड़ थे, जिनमें 1700 काटे जा चुके हैं।
बजट से आर्थिक सहायता की उम्मीद
केंद्र की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं उत्तराखंड में अवस्थापना विकास की नई इबारत लिख रही है। हरिद्वार विकास के साथ ही धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों एवं मंदिर स्थलों का विकास प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में सम्मिलित है ही, केंद्र सरकार भी इन स्थलों के विकास को प्रोत्साहित कर रही है। देश व विदेश से प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं की आमद देखते हुए हरिद्वार.ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर को विकसित करने का निर्णय लिया गया है। आस्था से जुड़े इन स्थलों के विकास के लिए केंद्रीय बजट में प्रदेश के लिए अतिरिक्त सहायता की उम्मीद की जा रही है। मुजफ्फरनगर परिक्षेत्र में चार हजार पेड़ों का कटान हो चुका है, इनमें खतौली क्षेत्र प्रमुख है। पटरी पर मिट्टी का भराव कर उसे समतल किया जा चुका है। भारतीय वन सर्वेक्षण विभाग (एफएसआइ) भी पेड़ कटान का निरीक्षण कर चुकी है। वर्ष 2025 में काम शुरु होने की उम्मीद है। गंगनहर की दोनों पटरियां विकसित होने के बाद यहां की यात्रा सुगम होगी। पेड़ कटान की सरधना विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक अतुल प्रधान ने शिकायत की थी, जबकि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने प्रकरण का स्वतरू संज्ञान लिया था। पेड़ कटान पर रोक लगाने के अलावा इसकी गहनता से जांच हो रही है। वर्ष 2024 में गाजियाबाद के मोदीनगर से लेकर मेरठ व मुजफ्फरनगर की सीमा तक साढ़े 16 हजार पेड़ों का कटान किया जा चुका है, जबकि कुल पेड़ों का कटान 1,12,722 होना है। आंकड़ों पर एक नजर-111 कुल लंबाई कांवड़ पटरी मार्ग मुजफ्फरनगर तक, 56 किलोमीटर की लंबाई अकेले मुजफ्फरनगर जनपद में, 16 हजार से अधिक अब तक काटे जा चुके हैं पेड़, 16,800 से ज्यादा पेड़ कटने हैं मुजफ्फरनगर में परियोजनाएं आर्थिक, सामाजिक विकास के साथ ही सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनमें अब तक काफी काम हो चुका है।