यूपी में इस रूट पर जल्द शुरू होगा नमों भारत ट्रेन का काम, देखें रूट
कैसा होगा सफर
यह पूरा रूट 61.5 किमी लंबा होगा और पूरी लाइन पर 6 स्टेशन बनाए जाएंगे. यह ध्यान देने योग्य है कि सभी स्टेशन एलिवेटेड होंगे, ताकि जमीन पर ट्रैफिक प्रभावित न हो और निर्माण भी सुचारू चले. गुरुग्राम में इफ्को चौक और सेक्टर-54, फरीदाबाद में बाटा चौक और सेक्टर-85 व 86, नोएडा में सेक्टर-142 व 168 और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में अंतिम स्टेशन बनाया जाएगा.
ऊँचे ट्रैक की वजह से ट्रेन लगातार एक समान स्पीड में चलेगी, जिससे सफर तेज और आरामदायक बनेगा. गुरुग्राम से ग्रेटर नोएडा तक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क और ज्यादा मजबूत होने की उम्मीद है.
अरावली की पहाड़ियों से होते हुए यमुना तक यात्रा
नमो भारत ट्रेन इफ्को चौक से आगे बढ़ते हुए मिलेनियम सिटी सेंटर, डॉ. बी.आर. अंबेडकर मार्ग और ब्रिगेडियर ओसमान चौक को जोड़कर सीधा अरावली क्षेत्र में प्रवेश करेगी. अरावली की पहाड़ियों को पार करने के बाद यह लाइन ग्वाल पहाड़ी के पास फरीदाबाद की तरफ उतरेगी.
यहाँ से स्टेशन हनुमान मंदिर, बड़खल एंक्लेव और शहीद भगत सिंह मार्ग के किनारे बनाए जाएंगे. बाटा चौक को पार करती हुई लाइन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और जागरा कैनाल के ऊपर से गुजरकर सेक्टर-85–86 तक पहुंचेगी.
इसके बाद ट्रेन अमृता अस्पताल की ओर बढ़ते हुए फरीदाबाद–नोएडा–गुरुग्राम एक्सप्रेसवे में शामिल होगी. मात्र कुछ ही मिनटों में यमुना नदी पार करते हुए ट्रेन नोएडा के सेक्टर-168 पहुंचेगी. वहाँ से यह हिंडन नदी को पार कर ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में समाप्त होगी.
कौन सा हिस्सा सबसे लंबा
इस नए रूट में सबसे लंबा सेक्शन गुरुग्राम सेक्टर-54 से फरीदाबाद के बाटा चौक के बीच तय होगा, जिसकी लंबाई लगभग 25 किलोमीटर बताई गई है. सबसे छोटा हिस्सा करीब 7.5 किलोमीटर का होगा, जो इफ्को चौक-सेक्टर 54 और नोएडा-सूरजपुर के बीच माना गया है.
जमीन और बजट: कहाँ कितना खर्च होगा
पूरे प्रोजेक्ट के लिए लगभग 75 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी. 41.8 हेक्टेयर निजी जमीन और 33.71 हेक्टेयर सरकारी जमीन. सिर्फ जमीन के अधिग्रहण पर करीब 1500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. ट्रेन को ऊर्जा देने के लिए 3 अलग-अलग स्थानों पर 220 केवी क्षमता के बिजली घर स्थापित किए जाएंगे.
पर्यावरण पर असर
इस रूट को निर्मित कराने में 5655 पेड़ों को हटाना पड़ेगा. इसके बदले 56550 नए पौधे लगाए जाएंगे. पेड़ों की कटाई और पौधारोपण पर करीब 25 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. करीब 18.2 किमी हिस्सा अरावली पर्वत क्षेत्र से होकर गुजरेगा, इसलिए पर्यावरण के नियमों का विशेष ध्यान रखा जाएगा.
भीड़ में तेजी से बढ़ोतरी
एनसीआरटीसी की रिपोर्ट के अनुसार, 2031 तक इस रूट पर रोज करीब 3.84 लाख लोग सफर करेंगे. 2054 तक यह संख्या बढ़कर लगभग 8.53 लाख यात्रियों रोजाना तक पहुँच सकती है.
शुरूआत में 6 डिब्बों वाली ट्रेनें चलाई जाएंगी और कुल 10 ट्रेन सेट उपलब्ध होंगे. एक ट्रेन में 1928 यात्री सफर कर सकेंगे, जिनमें से 408 यात्रियों के बैठने की सीटें होंगी.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।