UP की नगर पालिकाओं को इन कामों के लिए मिलेंगे 4-10 करोड़ रुपये, समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने सीएम को दी जानकारी
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में नगर विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की. बैठक में मुख्यमंत्री जी ने सम्बन्धित अधिकारियों को जिला मुख्यालयों वाली नगर पालिकाओं को स्मार्ट और विकसित नगर पालिका के रूप में विकसित करने की योजना का क्रियान्वयन प्रारम्भ करने के निर्देश दिए.
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सीएम ने कहा कि 'स्मार्ट-विकसित नगर पालिका योजना' का उद्देश्य, जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को आधुनिक, आत्मनिर्भर और नागरिक-केंद्रित स्वरूप में विकसित करना है. योजना को हब-एंड-स्पोक मॉडल पर लागू किया जा सकता है. उदाहरणस्वरूप, लखनऊ और गोरखपुर स्थित एकीकृत कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से समीपवर्ती जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को जोड़ा जा सकता है. इससे नगर पालिकाओं को सुरक्षा, निगरानी और शिकायत निवारण जैसी सेवाओं में आधुनिकता मिलेगी तथा संसाधनों का बेहतर उपयोग सम्भव होगा. प्रत्येक नगर पालिका में परियोजनाओं का चयन स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर किया जाए और वित्तीय संसाधनों का आवंटन नगर निकायों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति के अनुसार किया जाए.
इस दौरान मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने अवगत कराया कि नगर निकायों को ₹4 करोड़ से ₹10 करोड़ तक का अनुदान उपलब्ध कराए जाने का प्रस्ताव है, जो उनकी जनसंख्या और कार्यदक्षता पर आधारित होगा. जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को विकसित-स्मार्ट स्वरूप देने से न केवल आधारभूत संरचना सुदृढ़ होगी, बल्कि नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी सेवाएं भी मिलेंगी.

सीएम योगी ने क्या कहा?
वहीं सीएम ने कहा कि 74वें संविधान संशोधन की भावना के अनुरूप, नगर निकायों को अधिक वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार मिलने चाहिए. नगर आयुक्त, महापौर, कार्यकारिणी समिति तथा नगर निगम बोर्ड की वित्तीय स्वीकृति सीमाओं का तत्काल विस्तार करें. लखनऊ में शहीद चंद्रशेखर आजाद अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज एवं बहुउद्देशीय खेल परिसर की स्थापना की जाए. इन परियोजनाओं को PPP मोड पर प्राथमिकता के साथ प्रारम्भ किया जाए, जिससे प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिले और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित हों.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नगर निगमों में निवासियों के विविध कर बकाये में विसंगतियों का तत्काल समाधान किया जाए. इस सम्बन्ध में अभियान चलाकर लोगों से आपत्तियां आमंत्रित की जाएं और समाधान शिविर लगाकर नागरिकों की समस्याओं का यथोचित व संतुष्टिपरक समाधान कराया जाए. सभी नगर निकायों के पास अपना भवन होना चाहिए.

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