यूपी के इस जिले में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर काटे गए 7 हजार से ज्यादा पेड़

यूपी के इस जिले में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर काटे गए 7 हजार से ज्यादा पेड़
यूपी के इस जिले में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर काटे गए 7 हजार से ज्यादा पेड़

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में स्थित देवरिया जिले में पिछले कुछ वर्षों से सड़कें चौड़ी करने का काम लगातार बढ़ रहा है. नई सड़कें और चौड़ी लेनें यात्रा को आसान जरूर बना रही हैं, लेकिन इसका दूसरा चेहरा अब खुलकर सामने आ रहा है. सड़क किनारे मौजूद पुराने पेड़ों की बिना रोक-टोक कटाई ने पूरे जिले की हरियाली को बुरी तरह प्रभावित किया है.

तीन साल में सात हजार से ज्यादा पेड़ जड़ से गायब

जानकारी के मुताबिक, जिले में पेड़ों की कटाई इतनी तेज रही कि बीते तीन वर्षों में ही सात हजार से ऊपर पेड़ गिरा दिए गए. सबसे ज्यादा नुकसान सलेमपुर–मैरवा रोड पर हुआ, जहाँ 500 से अधिक पेड़ काटे गए. सड़क चौड़ीकरण के नाम पर हुए इस तेजी से कटान ने जिले के पर्यावरण संतुलन पर भी असर डाला है. कई ग्रामीण बताते हैं कि पहले सड़क से गुजरते हुए दोनों तरफ की हरियाली दूर तक दिखती थी, लेकिन अब सिर्फ खाली जगह और धूल नजर आते हैं.

नया पौधारोपण नहीं दे पा रहा बराबरी

कहने को तो पेड़ों की जगह नए पौधे लगाने की जिम्मेदारी संबंधित विभागों को दी गई है, लेकिन हकीकत कुछ और है. जानकारी के अनुसार जितने पेड़ काटे गए हैं, उसके मुकाबले 20 प्रतिशत पौधे भी अब तक तैयार नहीं हो पाए. प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत निर्माण कार्य तेज होने के कारण लोक निर्माण विभाग की मांग पर वन निगम लगातार पेड़ों को हटा रहा है. लेकिन नए पौधे लगाने की गति बेहद धीमी है.

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साल 2023–24 में 19 सी, 2024–25 में 24 सी और 2025–26 में 2274 से अधिक पेड़ काटे गए. अगर सूखे या तूफान में गिरे पेड़ों को भी जोड़ दिया जाए तो आंकड़ा और बढ़ जाता है. यह ध्यान देने योग्य है कि कई पेड़ 50 वर्ष से भी पुराने थे.

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किन-किन मार्गों पर काटे गए सबसे अधिक पेड़

जिले की प्रमुख सड़कों पर बड़े पैमाने पर कटान हुआ, जिनमें शामिल हैं:-

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  • सोनौली–बलिया मार्ग
  • भटनी–वाराणसी मार्ग
  • अहिल्यापुर–भरौली चौराहा रोड
  • लार–पिंडी मार्ग
  • सलेमपुर–नवल मार्ग
  • देवरिया–कसया मार्ग
  • देवरिया–रुद्रपुर मार्ग
  • भलुअनी–श्रीकांत मार्ग
  • भटनी–बैकुंठपुर मार्ग
  • महुआपाटन–करौदी
  • बैतालपुर–बरपार मार्ग
  • रामजानकी मार्ग
  • देवरिया बाइपास
  • सलेमपुर बाइपास
  • पथरदेवा–विशुनपुरा मार्ग
  • कंचनपुर–पकहां मार्ग

इन मार्गों पर हरियाली लगभग गायब हो चुकी है.

गोरखपुर और ललितपुर में लगाए जाएंगे नए पौधे

वन विभाग ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि सड़क किनारे संरक्षित क्षेत्रों में काटे गए पेड़ों की भरपाई गोरखपुर और ललितपुर में पौधारोपण करके की जाएगी. इन दोनों जिलों में इसके लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है. वहीं जिन पेड़ों को गैर-संरक्षित क्षेत्रों से हटाया गया है, उनके लिए देवरिया जिले में ही नई जगह तय कर पौधे लगाए जाएंगे. कुछ क्षेत्रों में रोपण की शुरुआत भी कर दी गई है.

वन विभाग की आधिकारिक टिप्पणी

प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी देवरिया कासरला राजू का कहना है कि “सड़क चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की कटाई लोक निर्माण विभाग की आवश्यकता पर की जाती है. जितने पेड़ हटते हैं, उतनी संख्या में पौधे लगाने की कोशिश की जाती है. कई बार जिले में जमीन उपलब्ध न होने पर अन्य जिलों में भी पौधारोपण किया जाता है.”

पर्यावरण दिवस पर होता है पौधारोपण, लेकिन देखभाल में कमी

हर साल 5 जून को वन विभाग और स्थानीय लोग पौधे लगाने का संकल्प लेते हैं. शहर से लेकर गांव तक अभियान चलाया जाता है. लेकिन कुछ दिनों बाद इन पौधों की देखभाल नहीं होने से ज्यादातर पौधे सूख जाते हैं. विभागीय अधिकारी भी मानते हैं कि हजारों रोपे गए पौधों में से मुश्किल से दो–चार सौ ही बच पाते हैं.

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।