UP में 9 जुलाई से Mega Plantation Drive: एक दिन में लगेंगे 37 करोड़ पेड़, हर जिले में मंत्री करेंगे पौधरोपण
यूपी में 9 जुलाई से मेगा वृक्षारोपण, एक दिन में लगेंगे 37 करोड़ पेड़
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उत्तर प्रदेश में 9 जुलाई से पौधरोपण महाभियान-2025 की शुरुआत होने जा रही है। इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस अभियान के तहत एक ही दिन में पूरे प्रदेश में 37 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। सभी 75 जिलों में राज्य के मंत्री पौधरोपण करेंगे।
इससे पहले, हर जिले में शासन की ओर से एक अधिकारी को नोडल अफसर बनाया गया है। ये अधिकारी 8 जुलाई की सुबह अपने-अपने जिलों में पहुंचकर तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इस अभियान को सफल बनाने के लिए वन विभाग दूसरे विभागों और मंत्रालयों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
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इन जिलों में ये मंत्री करेंगे पौधरोपण
पौधरोपण महाभियान के तहत राज्य के कई कैबिनेट मंत्री अलग-अलग जिलों में पौधे लगाएंगे। सुरेश खन्ना शाहजहांपुर, सूर्यप्रताप शाही अयोध्या, स्वतंत्र देव सिंह गोरखपुर, बेबीरानी मौर्य अलीगढ़, चौधरी लक्ष्मी नारायण मथुरा, जयवीर सिंह मैनपुरी, धर्मपाल सिंह बरेली, नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' प्रयागराज, अनिल राजभर आजमगढ़, राकेश सचान कानपुर देहात, ए.के. शर्मा जौनपुर, योगेंद्र उपाध्याय आगरा, आशीष पटेल मीरजापुर, डॉ. संजय निषाद अंबेडकरनगर, ओम प्रकाश राजभर गाजीपुर, दारा सिंह चौहान देवरिया, सुनील कुमार शर्मा गाजियाबाद और अनिल कुमार बिजनौर में पौधे लगाएंगे।
इसी तरह राज्य मंत्री भी इस अभियान में भाग लेंगे। नितिन अग्रवाल कानपुर नगर, कपिल देव अग्रवाल मुजफ्फरनगर, रविंद्र जायसवाल वाराणसी, संदीप सिंह एटा, गुलाब देवी संभल, गिरीश यादव प्रतापगढ़, धर्मवीर प्रजापति झांसी, असीम अरुण कन्नौज, जे.पी.एस. राठौर मुरादाबाद, दयाशंकर सिंह बलिया, नरेंद्र कश्यप हापुड़, दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली और दयाशंकर मिश्र 'दयालु' चंदौली में पौधरोपण करेंगे।
पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा
पौधरोपण महाभियान-2025 के तहत उत्तर प्रदेश में एक ही दिन में 37 करोड़ पौधे लगाना न केवल एक रिकॉर्ड बनेगा, बल्कि इससे राज्य के पर्यावरण को भी नया जीवन मिलेगा। हरियाली बढ़ने से प्रदूषण में कमी आएगी, वर्षा संतुलित होगी और भू-जल स्तर सुधरेगा। यह अभियान ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं से निपटने में कारगर साबित होगा। बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण से बायोडायवर्सिटी को भी संरक्षण मिलेगा, जिससे पशु-पक्षियों का प्राकृतिक आवास सुरक्षित रहेगा।
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सामाजिक जागरूकता और सरकारी सक्रियता का प्रतीक
इस महाअभियान में मंत्रियों और अधिकारियों की भागीदारी से यह संदेश जाएगा कि पर्यावरण की रक्षा सिर्फ एक विभाग की नहीं, बल्कि पूरे समाज और शासन की जिम्मेदारी है। इससे आम जनता में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और लोग खुद भी पेड़ लगाने और उनकी देखभाल के लिए प्रेरित होंगे। अभियान के तहत सभी जिलों में सक्रिय भागीदारी से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी मिलेंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।