यूपी में इस रेल लाइन के लिए जमीन तय, जल्द होगा भूमि अधिग्रहण
Uttar Pradesh
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भारत में रेलवे का विकास हुआ तो उस विकास के पीछे जो सबसे पहले बिंदु उभरकर आती है वह यह है की रेलवे आधुनिक कार्य का एक बेहतर संचार का साधन है दूसरा उद्देश्य यह है सम्राज्य की सुरक्षा प्रदान करना क्योंकि साम्राज्य जब तक सुरक्षित नहीं रहेगा तब तक जो हमारा आर्थिक उद्देश्य है वह पूरा नहीं हो पाएगा। भारत में रेलवे के विकास का प्रयास इसके पहले भी शुरू हो चुका है।
रेलवे लाइन के लिए जमीन तय
रेलवे परियोजनाओं को दी मंजूरी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे बोर्ड को वैधानिक शक्तियां प्रदान करने के लिए शुक्रवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया। रेलवे ;संशोधन विधेयक, 2025 का उद्देश्य रेलवे बोर्ड के कामकाज और स्वतंत्रता को बढ़ाना है। वैष्णव ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम, 1905 के सभी प्रविधानों को रेलवे अधिनियम, 1989 में शामिल करने का प्रस्ताव है। इससे दो कानूनों का संदर्भ लेने की आवश्यकता कम हो जाएगी। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि आठ नई रेलवे लाइन परियोजनाओं को मंजूरी मिलने से कनेक्टिविटी से संबंधित बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा। यह वाणिज्य और कनेक्टिविटी के लिए बहुत अच्छी खबर है और इससे रोजगार सृजन भी बढ़ेगा। प्रधानमंत्री जी.वन योजना में संशोधन से आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारे प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा और ऊर्जा सुरक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा। नई रेलवे लाइन बिछाने के साथ ही रेलवे स्टेशन और हॉल्ट स्टेशन भी बनेंगे। बलरामपुर विकास खंड के हंसुवाडोल गांव पहला हॉल्ट स्टेशन होगा। झारखंडी रेलवे स्टेशन पर गोंडा-गोरखपुर रेल लाइन से बहराइच-खलीलाबद रेल लाइन को जोड़ा जाएगा। भगवतीगंज स्थित बलरामपुर रेलवे स्टेशन से उतरौला के लिए रेल लाइन का विस्तार होगा। बलरामपुर स्टेशन को जंक्शन का दर्जा मिलेगा। सदर विकास खंड के खगईजोत से स्टेशन के बाद महेशभारी गांव में हाल्ट स्टेशन बनेगा। श्रीदत्तगंज व उतरौला में स्टेशन और कपौवा शेरपुर में हॉल्ट स्टेशन बनेगा। इस नई रेल लाइन के लिए 2014 में सर्वे के लिए बजट मिला था। इस वर्ष बहराइच-श्रावस्ती-बलरामपुर 80 किमी रेल लाइन बिछाने के लिए 620 करोड़ रुपये मिले हैं। उत्तरौला से बहराइच जनपद की सीमा तक 240.264 किलोमीटर लंबाई में रेलवे लाइन बिछाई जानी है। बलरामपुर जिले में 53 गांवों में रेल पटरी बिछाने के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। जमीन चिह्नित कर खेतों में पत्थर भी लगाए जा चुके हैं। रेल पटरी बिछाने के लिए 40 फीट चौड़ाई में जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा। जिन स्थानों पर रेलवे स्टेशन बनने हैं, वहां पर 100 मीटर चौड़ाई में जमीनें अधिग्रहीत की जाएंगी।