आज लखनऊ पहुँचे यूपी के पहले अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, हुआ भव्य स्वागत
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के किसी नागरिक को 04 दशक बाद अंतरिक्ष यात्रा के लिए भेजने का अवसर प्राप्त हुआ है. यह हमारा सौभाग्य है कि यह अवसर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जन्में और यहीं पर अपनी प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को प्राप्त हुआ. उनकी सफलतम यात्रा के उपरान्त आज प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उनका पहली बार आगमन हुआ है. उनका आगमन हम सभी को आह्लादित करता है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं, जो किसी स्पेस मिशन के साथ जुड़े हैं. राज्य सरकार स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उच्च अध्ययन अर्जित करने वाले छात्रों के लिए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के नाम पर एक छात्रवृत्ति जारी करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा हम सभी के लिए कौतूहल का विषय थी. हर भारतवासी उनकी यात्रा को बड़े विश्वास व आशा भरी निगाहों से देख रहा था. उत्तर प्रदेश के पहले अंतरिक्ष यात्री, भारत माता के सपूत ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला लखनऊ के लाल हैं. उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा लखनऊ से ही प्राप्त की है. अंतरिक्ष यात्रा से सकुशल वापसी के उपरान्त आज उनका अपने घर लखनऊ में आगमन हुआ है. आज इस मंच के माध्यम से उनके अनुभवों का लाभ भी हमें प्राप्त हुआ है. शुभांशु शुक्ला के पिताजी उत्तर प्रदेश सरकार के सचिवालय प्रशासन में ही अधिकारी पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. उन्होंने अपने पुत्र की पढ़ाई पर ध्यान दिया. माता-पिता के संस्कारों से पुत्र ने आगे बढ़कर सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया. आज उनकी उपलब्धि का लाभ उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश को प्राप्त हो रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 जून, 2025 को ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा अपने सहयात्रियों के साथ प्रारम्भ की. इससे पहले यह कार्यक्रम दो-तीन बार स्थगित हुआ. सुरक्षित उड़ान से लेकर एक्सपेरिमेण्ट्स को आगे बढ़ाने और फिर सुरक्षित लैंडिंग को लेकर किसी भी प्रकार की कोई आशंका न रहे, यह नासा, इसरो, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूरे देश की चिंता थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी मुद्दों पर उन्होंने इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन से चर्चाएं की थीं. हमें यह महसूस हुआ कि हमारे लिए एक नया मार्ग खुल रहा है. 18 दिन की इस यात्रा के दौरान शुभांशु शुक्ला ने पूरी धरती के 320 चक्कर लगाए. आज वह अपने अनुभव साझा करने के लिए लखनऊ अपने घर वापस आए हैं. लखनऊवासियों के लिए यह नयी उत्सुकता का क्षण है तथा उनके लिए अंतरिक्ष के क्षेत्र में आगे बढ़ने की नयी सम्भावनाओं के द्वार भी खोलता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले स्पेस का क्षेत्र हमारे लिए अछूता सा था. हमने इस क्षेत्र का बहुत उपयोग नहीं किया. वर्तमान में हर व्यक्ति क्लाइमेट चेंज से जूझ रहा है. कहीं पर सूखा है, तो कहीं पर अतिवृष्टि की स्थिति है. फसल चक्र पर इसका असर पड़ा है. आकाशीय बिजली तथा बाढ़ के दौरान जन-धन की हानि होती है. आपदा प्रबन्धन तथा स्वास्थ्य सेक्टर सहित अन्य अनेक चुनौतियां हैं. यदि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र का बेहतरीन उपयोग किया जा सके, तो हम न केवल आपदा को कम करने में सफल हो सकते हैं, बल्कि अन्नदाता किसानों की आमदनी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं. इसके माध्यम से हम नागरिकों को ईज़ ऑफ लिविंग तथा क्वालिटी ऑफ लाइफ देने में सफल हो सकते हैं, बाढ़ और सूखे के बेहतर प्रबन्धन का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अनुभव इस दिशा में हमारे पास हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्टेम एजुकेशन की बात कही है. साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग तथा मैथमेटिक्स के क्षेत्र में जो युवा कैरियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अनेक अवसर हैं. स्पेस टेक्नोलॉजी इन युवाओं के लिए विकास के नए द्वार खोल सकती है. आने वाली चुनौतियों का सामना हम आसानी से कर सकते हैं. इस दिशा में भारत विगत 11 वर्षों में तेजी से आगे बढ़ा है. आज का यह नागरिक अभिनन्दन कार्यक्रम अपनी सफलतम स्पेस यात्रा के बाद लखनऊ के पुत्र का लखनऊ में आगमन के अभिनन्दन का कार्यक्रम ही नहीं है, बल्कि भविष्य की उपलब्धियों के नए द्वार खोलने की दिशा में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश की चिन्ताओं से इसरो के चेयरमैन तथा ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अवगत कराया है. बरसात के मौसम में आकाशीय विद्युत से जन-धन की हानि बढ़ जाती है, जिसे अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के माध्यम से रोका जा सकता है. राज्य सरकार ने इस दिशा में प्रयास किए हैं. भारत सरकार भी इसमें सहयोग करती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि राज्य के पास अपनी स्वयं की तकनीक और सैटेलाइट हो, तो रिमोट सेन्सिंग का प्रयोग करते हुए पब्लिक एड्रेस सिस्टम द्वारा समय से स्थानीय नागरिकों को अवगत किया जा सकता है. इससे जन-धन की हानि को रोका जा सकता है. आपदाओं को नियंत्रित नहीं किया जा सकता, यह मानकर हम अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते हैं. इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है. इस सम्बन्ध में टेक्नोलॉजी का विकास हो चुका है. दुनिया सफलतापूर्वक इनका प्रयोग कर रही है. हमें भी इसमें पीछे नहीं रहना है. हमें समय से इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए आगे बढ़ने के अवसर तथा सम्भावनाएं हैं. इस दृष्टि से नागरिक अभिनन्दन का यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेशवासियों तथा यहां के युवाओं के लिए एक नयी प्रेरणा का केन्द्र बिन्दु है. लखनऊवासियों ने विपरीत मौसम के बावजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के आगमन पर जो उत्सुकता दिखायी है तथा लखनऊ की परम्परा के अनुसार उनका खुले दिल से स्वागत किया है, उसके लिए वह भी अभिनन्दन के पात्र हैं. मुख्यमंत्री ने सीएमएस परिवार को इस कार्यक्रम को लीड करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि शुभांशु शुक्ला ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा सीएमएस से ही प्राप्त की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से यह अपेक्षा की कि विभाग प्रदेश में जो कार्यक्रम संचालित कर रहा है, उन सभी में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अनुभवों का लाभ ले. आज से 3-4 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश में स्पेस टेक्नोलॉजी पर किसी भी विश्वविद्यालय या संस्थान में कोई पाठ्यक्रम नहीं संचालित होते थे. यह प्रसन्नता का विषय है कि वर्तमान में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर तथा एकेटीयू सहित प्रदेश के एक दर्जन से अधिक संस्थानों ने स्पेस टेक्नोलॉजी के बारे में डिग्री कोर्स प्रारम्भ किए हैं. यह दर्शाता है कि भारत की विकास यात्रा में उत्तर प्रदेश के यह संस्थान भी बराबर के सहभागी बनना चाहते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देशवासियों को वर्ष 2047 में विकसित भारत बनाए जाने का लक्ष्य दिया है. विकसित भारत के लिए हमें विकास की सम्भावना वाले सभी क्षेत्रों के द्वार खुले रखने होंगे. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की सफलता भारत की विरासत का हिस्सा है. जब हम वर्तमान के इस अभियान से जुड़ रहे हैं, तो हम उन अभियानों से जुड़ते हैं, जिन्हें भारतीय मनीषा ने पहले से ही हमारी चेतना के उच्च आयाम के माध्यम से विस्तृत रूप में प्रस्तुत किया है. प्राचीन गणनाओं तथा आज की गणनाओं में कोई भी मतभेद नजर नहीं आएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विरासत और विकास की यात्रा को अनन्त ऊँचाइयों तक बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है. इस अवसर पर वर्ष 2027 के गगनयान तथा वर्ष 2040 एवं वर्ष 2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में हम सभी की सहभागिता भी होनी चाहिए. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की इण्टरनेशनल स्पेस स्टेशन के माध्यम से पूरी दुनिया की कई बार की गई परिक्रमा से अर्जित अनुभव और शोध का लाभ भारत को आगे बढ़ने में मदद करेगा. उनकी यह यात्रा उत्तर प्रदेश सहित भारत के लिए स्पेस सेक्टर में नए द्वार खोलेगी. उत्तर प्रदेश सरकार शुभांशु शुक्ला के अनुभवों तथा इसरो के सहयोग की अपेक्षा करती है. प्रदेश के युवाओं तथा हमारी नयी पीढ़ी को आगे बढ़ने का अवसर इस यात्रा के माध्यम से प्राप्त होगा.
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने पूरे हिन्दुस्तान के हृदय में अपना स्थान बना लिया है. सबकी नजर उनकी अंतरिक्ष यात्रा पर टिकी थी. देश के युवाओं को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है.
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान सहित हर क्षेत्र में अद्भुत प्रगति की है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में जो प्रयोग किए, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेंगे.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक, आर्थिक व आध्यात्मिक प्रगति का प्रतीक बना है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा. उनका योगदान उत्तर प्रदेश सहित सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए गौरव का विषय है.
इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन ने मुख्यमंत्री का भव्य अभिनन्दन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को विकास की ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं. उनका नेतृत्व प्रदेश व देश के लिए प्रेरणा है. उत्तर प्रदेश की ग्रोथ असाधारण है. प्रधानमंत्री हमें निरन्तर ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम की दिशा में प्रेरित करते रहते हैं. उनके नेतृत्व में इसरो ने अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं.
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने लखनऊ वासियों के अभूतपूर्व उत्साह तथा नागरिक अभिनन्दन के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए अपनी अंतरिक्ष यात्रा के अनुभवों को साझा किया. 18 दिनों की उनकी यात्रा में उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए 07 प्रयोग किए. यह इतिहास में पहली बार हुआ कि भारतीय वैज्ञानिकों को माइक्रो ग्रेविटी पर रिसर्च करने का अवसर मिला. यह मिशन की बहुत बड़ी उपलब्धि है कि हमारे देश के बच्चों में भी स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जाने का उत्साह उत्पन्न हुआ है. यह हमारे देश का गोल्डेन पीरियड है. नेशन बिल्डिंग के लिए भी स्पेस का क्षेत्र बहुत अनिवार्य है.
इस अवसर पर वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, विधान परिषद सदस्य भूपेन्द्र सिंह चौधरी, खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चन्द्र यादव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अजीत पाल, श्रम एवं सेवायोजन राज्य मंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक व राज्य कर एम. देवराज, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पंधारी यादव, सूचना निदेशक विशाल सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के परिजन उपस्थित थे.
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