यूपी के गोरखपुर में इस जगह बनेगा इन्डस्ट्रीयल कॉरिडोर, 17 गाँव के जमीन का होगा भूमि अधिग्रहण
.png)
अब यूपी सरकार की मंशा है बड़े उद्योगों का जाल बिछाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर के रूप में विकसित कर करने की है। पूर्वांचल का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल दक्षिणांचल में धुरियापार क्षेत्र विकसित हो रहा है। इस कड़ी में 5500 एकड़ में प्रस्तावित धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित होना तय हैं। दावा है कि यह कॉरिडोर पूर्वांचल के सबसे बड़े इंडस्ट्रियल लैंड बैंक वाला होगा।
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण जल्द ही इस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के पहले चरण को लांच कर देना चाहता है. पहले चरण में सकरदेईया, हरपुर और काश्तकारी गांवों में करीब 1600 एकड़ भूमि अर्जित होनी है। जिसमें गीडा 500 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर चुका है. इस कॉरिडोर को बसाने के लिए जिन 17 गांवों में जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है।

इससे किसानों को अनुपजाऊ भूमि का भरपूर मूल्य प्राप्त होगा और ऊसर धरती पर औद्योगिक विकास के माध्यम से रोजगार और खुशहाली की फसल लहलहाएगी. इस कॉरिडोर का विकास चरणबद्ध तरीके से किया जाना है. मास्टर प्लान के मुताबिक कुल क्षेत्रफल में 32.04 प्रतिशत क्षेत्र औद्योगिक, 19.39 प्रतिशत आवासीय, 6.51 प्रतिशत पीएसपी, 4.21 प्रतिशत व्यावसायिक, 15.70 प्रतिशत हरित-खुला क्षेत्र, 2.32 प्रतिशत मिश्रित, 4.17 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट सुविधाओं के लिए प्रस्तावित है।
Read Below Advertisement
बता दें, बीते सात साल में देश-दुनिया के कई निवेशकों का गोरखपुर की तरफ रुझान बढ़ा है. इसे देखते हुए सीएम योगी के मार्गदर्शन में धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का मास्टर प्लान फाइनल है. बस इसे शासन से अनुमोदन मिलने का इंतजार है. धुरियापार क्षेत्र में जमीनों का एक हिस्सा ऊसर प्रकृति का है। गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनुज मलिक बताती हैं कि धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भूमि अर्जन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है.
मूर्त रूप में आने के बाद यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर धुरियापार समेत समूचे गोरखपुर दक्षिणांचल के लिए गेम चेंजर साबित होगा. धुरियापार की पहचान अति पिछड़े क्षेत्र के रूप में रही है, लेकिन आने वाले दिनों में इसकी ख्याति गोरखपुर के नए औद्योगिक क्षेत्र के गेटवे के रूप में होगी. सरकार धुरियापार क्षेत्र को ग्रेटर गीडा बनाने की तैयारी कर रही है. औद्योगिक विकास के साथ ही यहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।