यूपी में इन कर्मचारियों का बढे़गा मानदेय, सरकार का बड़ा फैसला
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अहम फैसला लिया है, अब उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों से आउटसोर्सिंग कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, सरकार खुद ही आउटसोर्स से भर्तियां करेगीण् इसके लिए यूपी सरकार जल्द ही आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती कॉर्पोरेशन निगम बनाने जा रही है।
कर्मचारियों का मानदेय 3000 रुपए प्रतिमाह बढ़ेगा
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन भी लिए जाएंगे, समूह ख और ग से जुड़े पदों के लिए लिखित परीक्षा के साथ इंटरव्यू की व्यवस्था भी होगी। मगर समूह. ग के कुछ पदों और समूह घ के सभी पदों पर उसके लिए आवश्यक शैक्षणिक और तकनीकी योग्यता के आधार पर सीधी भर्ती ही की जाएगी, अधिकारी मे ये भी बताया कि आउटसोर्स कर्मचारी एक बार भर्ती होने के बाद काम करते रहेंगे, उनसे एक.एक साल का कांट्रैक्ट साइन कराया जाएगा, जब तक कर्मचारी की जरूरत रहेगी, वे संबंधित विभाग में काम करते रहेंगे, किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज हो गया या फिर ऑफिस में सेवा नियमावली के खिलाफ कोई काम किया। दुराचरण या रिश्वत जैसी कोई शिकायत मिली तो उन्हें हटा दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय निदेशालय (सूडा) में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। योगी सरकार ने सूडा कार्यरत इन आउट सोर्स कर्मचारियों के मानदेय में प्रतिमाह 3000 रुपए वृद्धि का फैसला लिया है। इसके साथ ही आश्रयगृह व शहरी आजीविका केंद्रों का संचालन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से कराया जाएगा। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई 36वीं शासी निकाय की बैठक में यह फैसला हुआ। मौजूदा समय 149 शेल्टर होम चल रहे हैं। इनमें से 78 को पांच वर्ष चलते हुए होने पर निकायों को हस्तांतरित किया जा चुका है। शेष 71 को पांच साल पूरे होने पर हस्तांतरित किया जाएगा। बैठक में सचिव नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग व निदेशक सूडा डा. अनिल कुमार के साथ शासी निकाय के सभी अधिकारी उपस्थित रहे
योगी सरकार का फैसला, यूपी के इन आउटसोर्स के लिए
अधिकारी ने बताया कि निगम बनने के बाद वर्तमान में आउटसोर्स से काम कर रहे किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी, संबंधित एजेंसी का जब तक टेंडर हैए वह उस अवधि तक काम करेगी, उसके बाद उस एजेंसी के कर्मचारियों को निगम के जरिए संबंधित विभाग में काम दिया जाएगा, फिलहाल नगर विकास, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सहित जितने भी विभाग आउटसोर्स से कर्मचारी रखते हैं, उनमें पूरे साल इसकी टेंडर प्रक्रिया चलती रहती है, इससे समय और पैसा दोनों ज्यादा लगता है, साथ ही एक साल बाद एजेंसी बदलने पर आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी भी चली जाती है, कंपनी अपने कर्मचारी तैनात करती है, निगम बनने के बाद सभी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती निगम ही करेगा। इसके साथ ही दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित होने वाले आश्रयगृह भी अब एसएचजी की महिलाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे। शहरी बेघरों के लिए आश्रय की योजना (एसयूएच) का मुख्य उद्देश्य शहरी बेघर लोगों को बुनियादी सुविधाएं देना है। प्रदेश में 155 शेल्टर होम का निर्माण और इसमें 10351 लोगों के रहने की व्यवस्था होनी है। बैठक में शहरी गरीबों के सामाजिक आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने व योजनाओं तक पहुंचाने की राह आसान करना है। अनौपचारिक क्षेत्र के निपुण व प्रशिक्षित शहरी गरीब कामगारों को सूचीबद्ध और पंजीकृत कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। वर्तमान में 63 शहरी आजीविका केंद्र चल रहे हैं।
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