यूपी में इन कर्मचारियों का बढे़गा मानदेय, सरकार का बड़ा फैसला
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अहम फैसला लिया है, अब उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों से आउटसोर्सिंग कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, सरकार खुद ही आउटसोर्स से भर्तियां करेगीण् इसके लिए यूपी सरकार जल्द ही आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती कॉर्पोरेशन निगम बनाने जा रही है।
कर्मचारियों का मानदेय 3000 रुपए प्रतिमाह बढ़ेगा
योगी सरकार का फैसला, यूपी के इन आउटसोर्स के लिए
अधिकारी ने बताया कि निगम बनने के बाद वर्तमान में आउटसोर्स से काम कर रहे किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी, संबंधित एजेंसी का जब तक टेंडर हैए वह उस अवधि तक काम करेगी, उसके बाद उस एजेंसी के कर्मचारियों को निगम के जरिए संबंधित विभाग में काम दिया जाएगा, फिलहाल नगर विकास, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सहित जितने भी विभाग आउटसोर्स से कर्मचारी रखते हैं, उनमें पूरे साल इसकी टेंडर प्रक्रिया चलती रहती है, इससे समय और पैसा दोनों ज्यादा लगता है, साथ ही एक साल बाद एजेंसी बदलने पर आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी भी चली जाती है, कंपनी अपने कर्मचारी तैनात करती है, निगम बनने के बाद सभी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारी की भर्ती निगम ही करेगा। इसके साथ ही दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित होने वाले आश्रयगृह भी अब एसएचजी की महिलाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे। शहरी बेघरों के लिए आश्रय की योजना (एसयूएच) का मुख्य उद्देश्य शहरी बेघर लोगों को बुनियादी सुविधाएं देना है। प्रदेश में 155 शेल्टर होम का निर्माण और इसमें 10351 लोगों के रहने की व्यवस्था होनी है। बैठक में शहरी गरीबों के सामाजिक आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने व योजनाओं तक पहुंचाने की राह आसान करना है। अनौपचारिक क्षेत्र के निपुण व प्रशिक्षित शहरी गरीब कामगारों को सूचीबद्ध और पंजीकृत कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। वर्तमान में 63 शहरी आजीविका केंद्र चल रहे हैं।
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