यूपी के किसानों के लिए जरूरी खबर, खाद लेने का नियम बदला

यूपी के किसानों के लिए जरूरी खबर, खाद लेने का नियम बदला
यूपी के किसानों के लिए जरूरी खबर, खाद लेने का नियम बदला

उत्तर प्रदेश: अब किसानों को खाद के लिए समितियों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, हांलांकि इसके लिए जरूरी है कि उनके पास सदस्यता कार्ड हो. सहकारिता विभाग ने कालाबाजारी पर रोक लगाने और खाद वितरण को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से सख्त नियम लागू किया है. अब जो किसान सदस्यता कार्ड नहीं बनवाएंगे, उन्हें समितियों से खाद नहीं दी जाएगी. इस नियम को देखते हुए सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए अंतिम तिथि 30 अक्टूबर तक बढ़ा दी है.

महा सदस्यता अभियान से बढ़ी किसानों की भागीदारी

सहकारिता विभाग ने 12 सितंबर से “महा सदस्यता अभियान” की शुरुआत की है. इसके अंतर्गत किसान केवल 200 रुपये में समिति का शेयर, 21 रुपये सदस्यता शुल्क और 5 रुपये सहकारी कृषक पंजिका शुल्क जमा करके सदस्य बन सकते हैं. अब तक 3 लाख 8 हजार से ज्यादा किसान जिले में समिति के सदस्य बन चुके हैं.

सदस्यों को मिलेंगी कई विशेष सुविधाएं

सदस्य बनने वाले किसानों को उर्वरक वितरण, ऋण वितरण और अन्य सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता दी जाएगी. इससे खाद वितरण में पारदर्शिता के साथ-साथ किसानों को समय पर सुविधा भी मिल सकेगी.

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ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से बनेगा कार्ड

किसान अपनी निकटतम समिति सचिव से संपर्क करके ऑफलाइन सदस्यता ले सकते हैं. वहीं, ऑनलाइन सदस्यता के लिए किसान https://pacsmember.in/ वेबसाइट पर लॉगिन कर सकते हैं या टोल फ्री नंबर 1800212884444 पर कॉल करके या QR कोड स्कैन कर सदस्य बन सकते हैं. पिछले साल यानी 2023 में जिले के 59,594 नए किसान इस अभियान से जुड़े थे.

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226 रुपये में बनेगा सदस्यता कार्ड, पुराने सदस्यों को राहत

एआर कोऑपरेटिव नीरज कुमार ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि समितियों से खाद लेने के लिए किसानों को कुल 226 रुपये शुल्क देकर सदस्यता कार्ड बनवाना अनिवार्य है. बिना कार्ड के खाद नहीं दी जाएगी.

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पुराने सदस्य केवल 5 रुपये में सहकारी कृषक पंजिका प्राप्त कर सकते हैं. जो किसान अभी तक सदस्य नहीं बने हैं, उन्हें जल्द से जल्द सदस्यता लेकर खाद वितरण प्रक्रिया में शामिल होने की सलाह दी गई है.

फार्मर आईडी से भी मिलेगा खाद

जिन किसानों के पास सदस्यता कार्ड नहीं है, वे फार्मर आईडी के माध्यम से भी समितियों से खाद प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें कृषि और राजस्व विभाग से संपर्क करना होगा. फार्मर आईडी बनवाने के लिए किसान को आधार कार्ड, किसान बही और आवश्यक दस्तावेज लेकर विभाग में जाना होगा.

सहकारिता विभाग का यह कदम किसानों के हित में है. इससे जहां खाद की कालाबाजारी पर रोक लगेगी, वहीं असली किसानों को समय पर उर्वरक मिल सकेगा. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 30 अक्टूबर के बाद बिना सदस्यता कार्ड या फार्मर आईडी के खाद नहीं दी जाएगी. इसलिए किसानों को जल्द सदस्यता प्रक्रिया पूरी करने की सलाह दी गई है.

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।