यूपी के इन 16 शहरों के सड़कों और नालियों को मिलेगी नई पहचान! जानिए आपको कैसे होगा फायदा!

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यूपी के इन 16 शहरों के सड़कों और नालियों को मिलेगी नई पहचान! जानिए आपको कैसे होगा फायदा!
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UP News: अभी तक शहरों की गलियों को उनके नाम से जानते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश स्थित गोरखपुर में अब कुछ नया होने वाला है. गोरखपुर नगर निगम अब एक नई योजना लाई है. दरसअल, गोरखपुर समेत सभी 17 नगर निगमों में सड़कों और नालियों की साइट मैपिंग होनी है. इसके अलावा सभी गलियों को यूनिक पहचान भी दी जानी है. इसकी मदद से एक क्लिक में सड़कों के बारे में सारी जानकारी मिल जाएगी.

इस कदम से कंप्यूटर पर कोड दर्ज करते ही आप के सामने सारी जानकारी होगी. इसके जरिए यहां तक पता चल जाएगा कि रोड कौन से विभाग ने कब बनवाई और सड़क कब बनी थी. नगर निगम गोरखपुर के मुख्य इंजीनियर संजय चौहान ने बताया कि प्रदेश के सभी नगर निगमों में Remote Sensing And Application Center हाईरेजोल्यूशन मैपिंग कर रहा है. इसके बाद कोडिंग का काम शुरू हो जाएगा.

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार RSC इंजीनियर साइंटिस्ट आलोक सैनी ने जानकारी दी कि गोरखपुर समेत 6 नगर निगमों की सभी सड़कों, नाले नालियों की सैटेलाइट मैपिंग हो चुकी है. फिलहाल गोरखपुर के उन डेटा को कलेक्ट किया जा रहा है जो सत्यापन के लिए बचे हैं और छूट गया है. बताया गया कि एक साल के भीतर सभी नगर निगमों में मैपिंग कर के सड़क और नालियों को यूनिक आईडी नंबर यानी कोड नंबर असाइन कर दिया जाएगा. 

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उम्मीद है कि अगले दो महीनों के भीतर नंबर कोडिंग और डेटा कलेक्शन का काम पूरा होजाएगा और फिर सैटेलाइट मैपिंग और नंबर कोड का फायदा नगर निगम की सड़कों के अलावा लोक निर्माण विभाग, गोरखपुर विकास प्राधकिरण की सड़कों के भी डाटा मिल सकता है. इसके इनकी निगरानी भी आसान होगी.

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इस कोडिंग से नए सिरे से सड़कों और नालों की मरम्मत भी आसानी से होगी. अक्सर शिकायतें मिलती हैं कि किसी अन्य विभाग द्वारा बनाई गई सड़क को किसी और ने बना दिया या बनाने के लिए टेंडर इशू कर दिया गया. इससे आम लोगों को भी राहत मिलेगी

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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती

वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।

उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है