यूपी में हाईवे से जुड़ेगा फोरलेन और डिफेंस कॉरिडोर, अपलोड होंगे टेंडर

यूपी में हाईवे से जुड़ेगा फोरलेन और डिफेंस कॉरिडोर, अपलोड होंगे टेंडर
Yogi Adityanath

यूपी के प्रयागराज में योगी सरकार की ऐतिहासिक बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंत्रियों ने भी भाग लिया। जानिए क्या हुआ फैसला। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रयागराज को स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में विकसित किया जाएगा। इन विकास योजनाओं से प्रयागराज और आस.पास के क्षेत्रों में यातायात की सुगमता बढ़ेगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।

योगी सरकार का बड़ा ऐलान

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार वाराणसी और प्रयागराज को मिलाकर नया आर्थिक क्षेत्र बनाने की तैयारी कर रही है, नीति आयोग की सलाह के बाद ये इस पर काम शुरू हो गया है, माना जा रहा है कि इससे पूर्वांचल की तस्वीर चमकने लगेगी और इन दोनों क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन के साथ कला और संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा, यही नहीं इस जोन को अत्याधुनिक तकनीक के आधार पर विकसित किया जाएगा, जिससे यहां के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढेंगी। प्रयागराज हाईवे को डिफेंस कॉरिडोर से जोड़ने के लिए होली के बाद सचौली पुल और अप्रैल से फोरलेन की सड़क का निर्माण शुरू होगा। सेतु निगम और पीडब्ल्यूडी ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पुल निर्माण की डेडलाइन एक साल और सड़क बनाने की अवधि डेढ़ साल है। इसी बीच घाटमपुर से डिफेंस कॉरिडोर तक भी फोरलेन सड़क बनाने की योजना है। इससे कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग के शहरी क्षेत्र, नौबस्ता बाईपास से रामादेवी चौराहा और प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग में नर्वल तक ट्रैफिक लोड घटेगा। नीति आयोग ने सलाह दी है यूपी को एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नए आर्थिक क्षेत्र का विकास करना होगा, इसी के तहत वाराणसी और प्रयागराज को मिलाकर नया आर्थिक क्षेत्र बनाने का सुझाव दिया गया है, नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने इस संबंध में यूपी सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के सामने इसकी रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें इस क्षेत्र को धार्मिक, कला और संस्कृति के साथ मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक का हब बनाने का प्रस्ताव दिया गया और यहां बागवानी और डेयरी उद्योग को भी बढ़ावा देने की बात की। नीति आयोग के मुताबिक वर्तमान समय में इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था 2300 करोड़ डॉलर है, लेकिन आर्थिक क्षेत्र विकसित होने के बाद अगले पाँच साल में इसके पांच से छह करोड़ डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, इसके लिए नया प्राधिकरण बनाया जाएगा, जिससे इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां तेज होंदी और रोज़गार के नए अवसर भी पैदा होंगे, आयोग ने यहां के लिए 21 नए प्रोजेक्ट का भी सुझाव दिया है, जिन पर आगे काम किया जा सकता है।   

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नया आर्थिक जोन बनाने से बदलेगी तस्वीर 

ई-टेंडर 12 मार्च को दोपहर 12 बजे तक अपलोड किए जा सकते हैं। उसी दिन दोपहर 12रू30 बजे तकनीकी बिड खोली जाएगी। जो ठेकेदार कंपनियां तकनीकी बिड में चयनित होंगी, उनकी फाइनेंशियल बिड खोली जाएगी। इसके बाद कार्यादेश जारी कर निर्माण कराया जाएगा। शासन से स्वीकृति के बाद पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार और अधिशासी अभियंता (प्रांतीय खंड) अनूप कुमार मिश्रा ने इस सड़क के निर्माण के लिए ई-टेंडर जारी किए हैं। बता दें कि नर्वल मोड़ से डिफेंस कॉरिडोर को जोड़ने वाले मार्ग में स्थित ग्राम सचौली में बना दो लेन का पुल पिछले साल जर्जर हो गया था, जिस पर बड़े वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित भी कर दिया गया था। इस वजह से हमीरपुर, कबरई से लखनऊ, सीतापुर जाने वाले वाहनों को एक तरफ करीब 30 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है। इसके मद्देनजर सेतु निगम सचौली में पांडु नदी पर दो-दो लेन के दो पुल निर्माण कराने जा रहा है। एक साल में पुल पर यातायात संचालित हो सकेगा। कानपुर-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग से डिफेंस कॉरिडोर तक आवागमन सुगम बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड ने पिछले साल इस राष्ट्रीय राजमार्ग के नर्वल मोड़ से साढ़ होते हुए कानपुर डिफेंस नोड (कॉरिडोर) तक फोरलेन की सड़क, बीच में डिवाइडर और दोनों तरफ फुटपाथ निर्माण और स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए 170 करोड़ का प्रस्ताव शासन भेजा था। शासन में समीक्षा के बाद निर्माण लागत घटाकर 113.85 करोड़ करते हुए गत माह वित्तीय स्वीकृति दी। साथ में शर्त लगा दी कि जो ठेकेदार इस मार्ग का निर्माण कराएगा, वही पांच साल तक इसका अनुरक्षण भी करेगा। प्रयागराज और वाराणसी दोनों ही धर्मनगरी है, यहां भारी संख्या में धार्मिक पर्यटन होता हैए ऐसे में इस क्षेत्र का विकास ऐसा हो कि यहां आने वाले श्रद्धालु तीन.चार दिन ठहरें, नीति आयोग के मुताबिक इस क्षेत्र का विकास होने से पांच साल के भीतर यहां की अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ोतरी होगी, योजना के तहत इस आर्थिक क्षेत्र में सात जिलों के 22.393 वर्ग किमी क्षेत्र को शामिल किया जाएगा। ये सात जिले हैं वाराणसी, प्रयागराज, चंदौली, जौनपुर, मिर्जापुर, गाजीपुर और भदोही। 

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