यूपी में गोरखपुर से इस रूट पर एक्सप्रेस वे की मंजूरी, जाने लीजिए रूट

केंद्र सरकार द्वारा गोरखपुर-सिलीगुड़ी 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना को हरी झंडी दे दी है। यह महत्वाकांक्षी एक्सप्रेसवे कुल 568 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें से लगभग 417 किलोमीटर अर्थात 73% हिस्सा बिहार में बनाया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे बिहार के पश्चिम चंपारण, मधुबनी, अररिया सहित कुल 8 जिलों से होकर गुजरेगा।
इस परियोजना का उद्देश्य न केवल यातायात को सुगम बनाना है, बल्कि इसके माध्यम से क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देना है। एक्सप्रेसवे के निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसके साथ ही, यह यात्रा के समय को कम करने और सड़क सुरक्षा को बढ़ाने में भी मदद करेगा।
बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण परियोजना की स्वीकृति मिलने पर केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह नया एक्सप्रेसवे बिहार के परिवहन नेटवर्क को आधुनिक बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल यात्रा की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई में भी इजाफा होगा। यह परियोजना राज्य के विकास में एक नई दिशा प्रदान करेगी और आर्थिक गतिविधियों को तेज करने में मदद करेगी। मंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से बिहार की कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे राज्य को और अधिक लाभ होगा।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना का कुल बजट 38,645 करोड़ रुपये निश्चित किया गया है। इसमें बिहार के हिस्से का अनुमानित खर्च 27,552 करोड़ रुपये है। इस एक्सप्रेसवे को इस प्रकार से तैयार किया जाएगा कि इस पर गाड़ियाँ 120 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से चल सकेंगी। यह महत्वपूर्ण परियोजना उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के समीप समाप्त होगी। इस परियोजना के पूरा होने के बाद, यात्रियों को गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक पहुँचने में समय की बचत होगी और सड़क परिवहन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
बिहार में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के तहत पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिले शामिल होंगे। इस योजना के अंतर्गत गंडक, बागमती और कोसी नदियों पर नए पुलों को निर्मित भी किया जाएगा। इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण से उत्तर बिहार से पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक यात्रा करना बहुत सरल हो जाएगा।