यूपी में इतने रुपए बढ़ा बिजली का दाम, हर महीने बढ़ेगा दाम!
.png)
उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में हालिया वृद्धि एक बड़ा आर्थिक झटका साबित हो रही है. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी की है. जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा. उपभोक्ता परिषद ने इन बढ़ोतरी के खिलाफ आपत्ति जताई है और इसे लागू नहीं होने देने की बात कही है. उनका कहना है कि यह बढ़ोतरी उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालेगी और इसे वापस लिया जाना चाहिए.
उपभोक्ता परिषद की आपत्ति
पांच साल बाद बिजली की दरें बढ़ाई गईं हैं. अप्रैल के बिल से ही फ्यूल सरचार्ज के तौर पर उपभोक्ताओं से बिजली की वसूली होगी. राज्य में ऐसा पहली बार होगा जब सरचार्ज लागू होने से हर महीने बिजली के बिल घटते बढ़ते रहेंगे. प्रदेश में बिजली की दरों में 1.24 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है. लोगों को मितव्ययिता और बचत के महत्व के बारे में जागरूक करना भी महंगाई से लड़ने में सहायक हो सकता है. आयातित वस्तुओं पर निर्भरता घटाने के लिए स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना चाहिए.. कमी और सब्सिडी बढ़ाने जैसी नीतियां अपनानी चाहिए. इसके अलावा कालाबाज़ारी और जमाखोरी पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए. मांग और आपूर्ति का संतुलन बनाने के लिए कृषि और औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि करनी चाहिए. महंगाई से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. जिससे समाज में असंतुलन बढ़ता है. महंगाई के कारण लोग अपनी आय का बड़ा हिस्सा आवश्यक वस्तुओं पर खर्च करने लगते हैं. जिससे बचत घट जाती है. महंगाई के कारण दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करना कठिन हो जाता है. जिससे लोग अपनी जीवनशैली में कटौती करने पर मजबूर होते हैं.
मांग और आपूर्ति का असंतुलन
उन्ही घरानों को खुश करने के लिए अधिकारियों ने ये किया है. 33,122 करोड़ हमारा पहले से सरप्लस है, उसमे एडजस्ट करना था, लेकिन नहीं किया. उन्होंने मांग की है कि अगले महीने 2 फीसदी यह सरचार्ज कम हो अब हर माह ईधन अधिभार शुल्क घटेगा या बढ़ेगा. यूपी में बिजली बिल डीजल/पेट्रोल की तर्ज पर हर माह घटेगा बढ़ेगा. उधर विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली बिल में बढ़ोत्तरी का विरोध किया है. न्च् विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि यूपीपीसीएल पर उपभोक्ताओं के 33, 122 करोड़ रूपये बकाया है. यूपीपीसीएल ने बिना उपभोक्ताओं के पैसे अदा किए बिजली बिल में बढ़ोत्तरी क्यों किया? उन्होंने कहा कि यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद विरोध करेगा. महंगाई यानी वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी. किसी भी देश की आर्थिक सेहत और समाज के हर वर्ग पर गहरा असर डालती है. भारत जैसे विकासशील देश में इसका प्रभाव और भी व्यापक होता है क्योंकि यहां बड़ी आबादी मध्यम और निम्न वर्ग में आती है. महंगाई सिर्फ एक आर्थिक आंकड़ा नहीं, बल्कि यह आम आदमी की आर्थिक स्वतंत्रता, मानसिक शांति और सामाजिक संतुलन को प्रभावित करने वाला कारक है. इसे नियंत्रित करना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं, व्यापारियों और नीति निर्माताओं सभी की सामूहिक भूमिका जरूरी है.
ताजा खबरें
About The Author

शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।