रक्षा औद्योगिक गलियारा: यूपी के 6 शहरों में तय हुई प्लॉट दरें, निवेशकों में उत्साह
-(1)2.png)
यूपी में एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने रक्षा औद्योगिक गलियारों में भूखंड की दर तय की है. जिसमें अलीगढ़ शहर में सबसे अधिक तथा झांसी में सबसे कम धन निर्धारित की जा चुकी है इस दौरान रक्षा उपकरण की इकाइयों के लिए कंपनियों को भूखंड आवंटित किया जाएगा. यूपीडा ने आई एमएलसी के लिए भूखंड की संभावित दर निर्धारित की जा चुकी है जिससे राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिल पाएगा.
औद्योगिक गलियारों में भूखंड की दर निर्धारित
इस दौरान प्रदेश को रक्षा क्षेत्र में अग्रणी राज्य निर्माण करने के लिए राज्य में रक्षा औद्योगिक गलियारों के छह नोड की स्थापना तीव्र गति के साथ की जा रही है. इसी बीच अलीगढ़, झांसी, आगरा, चित्रकूट, लखनऊ, कानपुर नगर समेत कई जिलों में स्थापित किए जाने की तैयारी रक्षा औद्योगिक गलियारों में कंपनियों की रक्षा उपकरण की इकाइयों की स्थापना के लिए भूखंड का आवंटन आवश्यक रूप से किया जा रहा है. जिसको लेकर यूपीडा बोर्ड ने सभी 6 नोड्स मैं भूखंड किधर निर्धारित की जा चुकी है. यूपीडा के सूत्रों के मुताबिक निर्धारित रेट में 5 से 10% का अंतर आने की संभावना है.

जमीन खरीदने का आ गया समय
इस योजना को लेकर रक्षा औद्योगिक गलियारा योजना के माध्यम यूपीडा ने झांसी में 2686 एकड़, चित्रकूट में 707 एकड़, कानपुर नगर में 551 एकड़, अलीगढ़ में 399 एकड़, राजधानी लखनऊ में 396 एकड़, आगरा में 278 एकड़ भूमि अधिग्रहण किए जाने की तैयारी है. सभी 6 नोड में अभी तक 5017 एकड़ भूमि अभी भी उपलब्ध है उपलब्ध भूमि में रक्षा औद्योगिक इकाइयों को करीब करीब 70% भूमि आवंटित करने की रणनीति यूपीडा ने तय कर दी है. इस दौरान भूखंड का आकार करीब ढाई से तीन एकड़ के बीच में तय किया गया है जिससे विकसित करने पर 3 करोड रुपए की धनराशि और अधिक लागत आने की संभावना जताई जा रही है.
.png)
यूपीडा बोर्ड ने एक्सप्रेसवे के किनारे 26 जिलों में निर्माण होने वाले 27 इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक क्लस्टर के लिए भी भूखंड को संभावित दर निर्धारित की जा रही है. यूपीडा बोर्ड द्वारा निर्धारित की गई डर में भूमि की अधिकरण और विकास की लागत तथा दो प्रतिशत प्रशासनिक व्यय को भी शामिल किया जा चुका है. इसी बीच जिला अधिकारी सर्किल रेट में बढ़ोतरी और अन्य वजह से निर्धारित दर में करीब करीब 10% की वृद्धि की संभावना जताई गई है उद्योगपतियों को इकाइयों की स्थापना के लिए तीन विकल्प आवश्यक रूप से दिए जाएंगे जिसमें खुद के उपयोग के लिए बड़े-बड़े भूखंड टेलर मेड औद्योगिक भूखंड और पीपीपी मॉडल पर कलेक्टर और औद्योगिक पार्क विकसित करने का विकल्प शामिल किया जा चुका है.
ताजा खबरें
About The Author

शम्भूनाथ गुप्ता पिछले 5 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता में हैं। 'मीडिया दस्तक' और 'बस्ती चेतना' जैसे प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ और वीडियो एडिटिंग टीम में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। न्यूज़ प्रोडक्शन और डिजिटल कंटेंट निर्माण में गहरा अनुभव रखते हैं। वर्तमान में वे 'भारतीय बस्ती' की उत्तर प्रदेश टीम में कार्यरत हैं, जहां वे राज्य से जुड़ी खबरों की गंभीर और सटीक कवरेज में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।