UP में बिना बैग जाएंगे बच्चे? जानें नई शिक्षा नीति का पूरा प्लान
10 दिन बिना बैग के स्कूल
नई व्यवस्था के अंतर्गत पूरे सत्र में 10 खास दिन चुने गए हैं जब बच्चों को स्कूल बैग लेकर नहीं आना होगा. इन दिनों को “बैगलेस डे” नाम दिया गया है. इन बैगलेस दिनों में बच्चे किताबों के बोझ से पूरी तरह मुक्त रहेंगे और स्कूल के समय का उपयोग खेल, रचनात्मक गतिविधियों और प्रैक्टिकल सीखने के लिए किया जाएगा.
बच्चों के लिए खेल, मस्ती और सीख
बैगलेस दिनों में स्कूलों में माहौल पूरी तरह अलग होगा. शिक्षक भी इन दिनों बच्चों को पारंपरिक तरीके से नहीं पढ़ाएंगे, बल्कि उन्हें गतिविधियों के ज़रिए सिखाया जाएगा. इससे बच्चे खुद से सीखने और सोचने के लिए प्रेरित होंगे.
इन दिनों में क्या-क्या होगा?
- ग्राउंड गेम्स और आउटडोर एक्टिविटीज
- भाषण प्रतियोगिता
- वाद-विवाद (डिबेट)
- छोटी पिकनिक
- कला, संगीत, नृत्य से जुड़ी गतिविधियां
- टीम वर्क और समूह कार्य
- क्रिएटिव प्रोजेक्ट
हर गतिविधि का उद्देश्य है, बच्चों को किताबों से बाहर निकलकर असली अनुभव करवाना.
यह भी पढ़ें: सीएम योगी आदित्यनाथ के बस्ती दौरे की संभावनाओं के बीच तैयारियां जारी, दुरुस्त की जा रहीं सड़केंशनिवार होगा एक्टिविटी डे
कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के लिए शनिवार को खास तौर पर एक्टिविटी आधारित दिन रखा जाएगा. इस दिन बच्चों को पिकनिक जैसी आउटिंग, स्पोर्ट्स और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा. इससे छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे खुलकर अपनी प्रतिभा दिखा पाएंगे.
सरकार का मानना है कि बच्चे सिर्फ किताबों से नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभवों, समूह कार्य, खेल और रचनात्मक गतिविधियों से भी बहुत कुछ सीखते हैं. इसलिए पूरा शैक्षणिक वर्ष अब 10 बैगलेस दिनों के साथ तय किया गया है. इससे:-
- बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाना
- तनाव कम करना और सीखने को मजेदार बनाना
- ग्राउंड और आउटडोर गतिविधियों को बढ़ावा देना
- बच्चों की छिपी प्रतिभाओं को पहचानने का मौका देना
- किताबों के बोझ को कम करके सीखने को अनुभव-आधारित बनाना
इन सभी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सरकार ने पूरे वर्ष में 10 बैगलेस दिन अनिवार्य किए हैं, जिससे पढ़ाई बच्चों को बोझ नहीं बल्कि आनंद का अनुभव दे.
योजना का लक्ष्य क्या है?
उत्तर प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत चल रही ‘आनंदम योजना’ में यह बड़ा परिवर्तन किया है. इस पहल का लक्ष्य बच्चों पर पढ़ाई का दबाव कम करते हुए स्कूल को एक आनंदमय अनुभव बनाना है.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।

