यूपी के इस जिले में महंगा होगा जमीन खरीदना, प्रस्ताव बनाने के लिए सर्वे होगा शुरू
Uttar Pradesh News
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प्रशासन ने इस वर्ष भी जमीनों के नए सर्किल रेट तय करने का काम शुरू कर दिया है। तहसीलों से सर्किल रेट में वृद्धि के प्रस्ताव मांगे गए हैं, जिन्हें 30 अगस्त तक प्रशासन को जमा करना होगा। जिले की भूमि सर्किल रेट में 10 से 15 फीसदी तक इजाफा होने की संभावना है। इस निर्णय से लोगों को अधिक खर्च करने का सामना करना पड़ सकता है।
जिले में सर्किल रेट में इजाफा की तैयारी शहरी क्षेत्रों में की जा रही है। यहाँ, अजीतपुर, पसियापुरा, बाईपास के पास हाईवे पर सर्किल रेट को बढ़ाने का प्रस्ताव है जो 15 फ़ीसदी तक हो सकता है। साथ ही, हजरतपुर, घाटमपुर, सिंगनखेड़ा, जौहर यूनिवर्सिटी के अगल-बगल की जमीन और हमसफर रिजॉर्ट के पास की जमीन के सर्किल रेट में वृद्धि की योजना भी चल रही है। यह निर्णय लोगों के लिए आर्थिक मामलों में एक चुनौती प्रस्तुत कर सकता है।
रामपुर के नए विकास की दिशा में कदम बढ़ाते हुए, प्रशासन ने नई पहल की घोषणा की है। नैनीताल रोड पर बमनपुरी स्टेडियम, पनवडिया, और गवर्नमेंट प्रेस रोड पर सर्किल रेट में 15 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है। साथ ही, जौहर रोड और शौकत अली रोड के पास स्थित साईं विहार, लक्ष्मीनगर, और राम विहार कॉलोनी में भी सर्किल रेट को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। यह नए निर्णय स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक विकल्पों में एक नया मोड़ प्रस्तुत कर सकता है।

अपर जिला अधिकारी हेम सिंह ने इस विषय पर कहा है कि जिले में जारी होने वाले नए सर्किल रेट आपत्तियां दर्ज करने का समय 17 सितंबर तक रहेगा। इसके पश्चात सरकार द्वारा नए सर्किल रेट जारी होंगे। अपर जिलाधिकारी ने जिले में नए सर्किल रेट को जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, इसके लिए तहसीलों से प्रस्ताव जारी करवाना अभी बाकी है। प्रस्ताव जारी होंगे, तो उन पर आपत्तियां दर्ज की जाएगी और इसके पश्चात इन प्रस्तावों को जारी करवाया जाएगा। इसके माध्यम से जिले के नए सर्किल रेट का निर्धारण और लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती
वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।
उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है