यूपी के कई जिलों में बस का संचालन ठप, यात्रियों को हुई काफी परेशानी
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अब राज्य सड़क परिवहन निगम बस सेवा को लेकर इधर काफी दिनों से गंभीर संकट का सामना कर रहा है जिसमें राज्य के कई हिस्सों में रोडवेज बसों की कमी, मेंटेनेंस को लेकर खराबी तथा कर्मचारी और यात्रियों में काफी परेशानी देखने को मिल पा रहा है. इसके साथ-साऊ कई बस रास्ते में ही खराब हो चुकी है.
रोडवेज की बसें यात्रियों के लिए बढ़ती परेशानी
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम बस सेवा को लेकर गंभीर समस्या उत्पन्न हो चुकी है जिसमें लगभग लगभग 3000 रोडवेज की बस सड़कों पर रफ्तार लेने में कई मुश्किलों का सामना करना मजबूरी हो चुका है सड़कों पर यह बस किसी भी तरीके से रफ्तार नहीं ले पा रही है. इन सारी बसो की हालत बेहद खराब हो चुकी है. मिली जानकारी के अनुसार बताया गया है कि इसे चलाने के लिए स्टाफ की भी कमी नजर आ चुकी है समस्या इतनी बड़ी हो चुकी है कि यह सारी बसें बस डिपो में ही खड़ी रहती है.
अब इन समस्याओं की वजह से यात्रियों को निजी वाहन का सहारा लेना पड़ रहा है जिसमें उनके जेब पर असर पड़ रहा है इसमें देखा गया है कि एक तरफ यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बन चुका है और दूसरी तरफ रोडवेज को भारी आर्थिक नुकसान भी लगातार हो रहा है. इस मामले को लेकर राजधानी लखनऊ में 190 बस दिनभर खड़ी रहती हैं अब इस नजरियों को देखते हुए परिवहन निगम के प्रबंधक निर्देशक मासूम अली सरवर ने कई अफसर को फटकार लगाकर सेवा की और स्पष्ट रूप से कहा है कि मरम्मत में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए अधिकारी ने कहा यात्रियों की सुविधा को पहली प्राथमिकता हर हाल में दी जाए.
बसो की कमी और खराब मेंटेनेंस
रोडवेज परिवहन के अधिकारी के मुताबिक परिवहन निगम के पास अब कुल 13599 बस शामिल है जिसमें रोजाना लगभग लगभग 11000 ही संचालित हो पा रही है जो बस संचालित नहीं हो पा रही है वह खराबी और स्टाफ की कमी के कारण डीपो से बाहर सड़कों पर रफ्तार नहीं ले पा रही है सबसे ज्यादा बस गाजियाबाद में दिन भर धूप में खड़ी रहती है अब उसके बाद राजधानी लखनऊ में कोई भी यात्री बस सेवा का आनंद नहीं ले पा रहा. अगर बस के संचालन की बात की जाए तो वही चित्रकूट, कानपुर, मेरठ और देवीपाटन इन जैसे क्षेत्रों में हालात बेहद गंभीर है.
अगर संख्या के आधार पर देखा जाए तो सबसे ज्यादा बस खड़ा रहने वाला शहर राजधानी लखनऊ चौथे नंबर पर है. अब संचालन के लिए जिम्मेदार जीएम अनिल कुमार ने बताया है कि कानपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक हैं लेकिन उनके ही क्षेत्र में सबसे ज्यादा बस बाहर दिनभर खड़ा रहता है. मिली जानकारी के अनुसार बताया गया है कि रोडवेज परिवहन के पास कुल 700 एसी वाली बस है. जिसमें अब रोज आना 230 बस विशेष रूट पर नहीं चल पा रही है गोरखपुर, कानपुर, सहारनपुर, मेरठ इन जैसे क्षेत्रों में एसी बस की हालत बेहद शर्मसार है. राजधानी लखनऊ में 30% से ज्यादा एसी बस खड़ी ही रहती है जबकि सहारनपुर में आधे से ज्यादा है.