यूपी में इस रिंग रोड को लेकर दो साल बाद जमीन पर चला बुलडोजर, निर्माण में तेजी
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प्रदेश में कई सालों से निर्माण प्रोजेक्ट में बाधा बन रहे इसमें बुलडोजर से कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है कार्रवाई को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच में विवाद भी घमासान हुआ है. लंबे समय से अधिकरण रोके जाने की वजह से निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न हो रहा था.
रिंग रोड निर्माण कार्य में आई अड़चने
जिसमें भूमि का समतलीकरण होने के साथ-साथ कंपनी ने निर्माण कार्य को लेकर अब शुरुआत किया है. इसी बीच भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की 93.20 किलोमीटर लंबी महत्वाकांक्षी परियोजना से रिंग रोड के पैकेज एक में सचेंडी से मंधना और पैकेज चार में रमईपुर से संचेडी और पैकेज तीन में रमईपुर से आटा तक का निर्माण कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है. इसी बीच पैकेज तीन में नॉर्मल तहसील के छतमरा और टिगरा पैगंबर गांव की 9 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण 40 से ज्यादा किस विरोध जता रहे हैं.
सरकार की तरफ से किसानों को दुगना मुआवजा
अब इस मामले को लेकर 2 साल से जिला प्रशासन इन भू स्वामियों को मनाने में जुटे हुए हैं. अब किस सर्किल रेट का चौगुना मुआवजा देने की अपील कर रहे हैं. राज्य सरकार किसानों को दुगना मुआवजा देने के लिए तैयार भी थी लेकिन इसमें करीब करीब 80 से अधिक किसान पहले मुआवजा ले भी चुके थे. इधर कुछ किसानों के वजह से रिंग रोड का निर्माण प्रारंभ नहीं हो पाया शासन स्तर पर लगातार जमीन अधिकृत करने पर जोर दिया जा रहा था. इस पूरे प्रकरण की जानकारी डीएम के संज्ञान में जितेंद्र प्रताप सिंह को दी हुई थी
उन्होंने शासन स्तर पर चर्चा भी किया था उसके बाद में डीएम के निर्देश पर एडीएम संतोष कुमार, एसडीएम नर्वल विवेक मिश्रा, नायब तहसीलदार आशीष पटेल और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिकारियों की एक टीम ने दिन मंगलवार को पुलिस फोर्स के साथ गांव में पहुंच गई. चारों तरफ पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम कर दिया उसके बाद जमीन पर खड़ी बाउंड्री वॉल तथा अन्य निर्माण बुलडोजर से ध्वस्त करना शुरू करवा दिया. गांव की किसान और महिलाएं इस पूरे चक्र को देखकर विरोध करने के लिए तैयार हो चुके हैं. इसी बीच अफसरों से नोंक-झोंक भी हो चुका है.