यूपी के इस रूट की ट्रेन में बड़ा बदलाव, स्पीड में होगी बढ़ोतरी
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भारतीय रेलवे ने यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और समय की बचत सुनिश्चित करने के लिए पाटलिपुत्र.गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन की गति में वृद्धि करने का फैसला लिया है। यह ट्रेन अब पहले से ज्यादा स्पीड से दौड़ेगी, जिससे यात्रियों को अपने गंतव्य तक जल्दी पहुँचने में मदद मिलेगी।
अब और स्पीड से दौड़ेगी पाटलिपुत्र.गोरखपुर एक्सप्रेस
ट्रेन की स्पीड में वृद्धि, यात्रियों को मिलेगा लाभ
नए कोच स्टेनलेस स्टील से निर्मित हैं। कोच की आंतरिक सजावट भी काफी बेहतर तरीके से की गई है। इससे ट्रेन की गति क्षमता में भी वृद्धि हो जाएगी, क्योंकि पहले की तुलना में नए कोच ज्यादा हल्के हैं। इसके साथ ही इसकी सुरक्षा पहले की तुलना में ज्यादा बेहतर है। दुर्घटना की स्थिति में भी इस कोच से यात्रियों को काफी बचाव होगा। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए अधिकांश ट्रेनों में अब नए कोच लगाए जा रहे हैं। इस तरह के कोच की मांग पूरे देश में हो रही है। रेलवे धीरे-धीरे नए कोच अधिकांश ट्रेनों में लगा रहा है। दानापुर से चलकर सिकंदराबाद जाने वाली एक्सप्रेस गाड़ी में दो अप्रैल तक वेटिंग है। उसके बाद सीट उपलब्ध होगी। लोकयमान्य तिलक एक्सप्रेस ट्रेन में पांच अप्रैल के बाद सीट उपलब्ध होगी। विभूति एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन में पूरे महीने सीट खाली नहीं है। वहीं, पटना आनंद विहार स्पेशल ट्रेन नंबर 03255 में 25 मार्च से सीट उपलब्ध हैं। दानापुर बैंगलोर सिटी तक जाने वाली संगमित्रा एक्सप्रेस में दो अप्रैल तक 56 वेटिंग चल रही है। छह अप्रैल से इस ट्रेन में सीट उपलब्ध बताई जा रही है। इसके पहले किसी भी क्लास में सीट नहीं है। पटना से दिल्ली जाने के लिए 20 मार्च से दो अप्रैल के बीच स्लीपर में सवा सौ से ढाई सौ तक वेटिंग है। थर्ड एसी में सभी बर्थ बुक हैं। मगध एक्सप्रेस स्पेशल में दो से छह अप्रैल से टिकट कन्फर्म टिकट मिलेगा। भागलपुर सूरत एक्सप्रेस और ब्रमपुत्र एक्सप्रेस में अभी से लंबी वेटिंग है। इन दोनों ट्रेनों में पांच अप्रैल तक कोई सीट खाली नहीं है। आरा जंक्शन से अपने काम पर जाने वाले यात्रियों को आरक्षित सीट नहीं मिलने के कारण यात्री ट्रेनों के गेट पर लटककर जाने को मजबूर हैं। ट्रेन में अभी से जो रिजर्वेशन काउंटर हैं, वहां भीड़ ही भीड़ है। यात्रियों को जब लाइन में लगने के बाद टिकट नहीं मिलता है तो मायूस होकर लौट जा रहे हैं। वहीं, तत्काल ही एकमात्र सहारा है।