यूपी के इस शहर का बदल सकता है नाम, फिर दिखेगा 27 साल पुराना इतिहास

उत्तर प्रदेश के एक और जिले का नाम बदल सकता है. दावा है कि चुनाव बाद इस पर मुहर लग सकती है. जिले का नाम बदलने के लिए 65 इंडिविजुअल्स व कुछ संस्थाओं ने समर्थन पत्र दिया है. वहीं एक संस्थान ने नाम न बदलने की मांग की है. अधिकारियों के मुताबिक अब तक मिले हुए पत्रों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर शासन को जल्द भेज दी जाएगी. बीते दिनों जिले का नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी.
जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों से महात्मा ज्योतिबा फुले नाम पर राय मांगी थी. सभी को सात दिनों के भीतर अपनी राय दर्ज कराने का समय दिया था. बसपा सरकार ने सन् 1997 में ज्योतिबाफुले के नाम से जिला बनाया था. फिर सन् 2002 सपा ने जिले को खत्म कर दिया और इसका विलय मुरादाबाद में हो गया.
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बाद में फिर अमरोह नाम से जिले का गठन हुआ था. अब फिर से जिले का नाम ज्योतिबाफुले नगर किए जाने की मांग उठी है. एडीएम न्यायिक मायाशंकर यादव ने अपनी राय देने को कहा था. वहीं गाजियाबाद जिले का नाम भी बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही है.
एक सप्ताह में 65 लोगों एवं संस्थाओं द्वारा जिले के नाम पर राय दी है जबकि एक ने कहा है कि नाम न बदला जाए. एडीएम न्यायिक ने बताया कि रिपोर्ट तैयार कर शासन और राजस्व परिषद को भेजा जाएगा.
योगी सरकार में अब तक कई प्रमुख शहरों का नाम बदला जा चुका है जिसमें इलाहाबाद को प्रयागराज करने और फैजाबाद को अयोध्या करने का फैसला मुख्य रूप से है,