यूपी और बिहार के बीच बनेगा इस रूट से नया हाईवे
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यूपी और बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की कई योजनाएं चल रही हैं, इस बीच केंद्र सरकार फिर से एक बड़ी सौगात बिहार और उत्तर प्रदेश के निवासियों को देने जा रही है, बिहार और यूपी के बीच में एक नया फोरलेन बनने वाला है। जिससे दोनों प्रदेशों के बीच कनेक्टिविटी और भी बेहतर हो जाएगी।
जिले से यूपी तक कनेक्टिविटी में आएगी
जानकारी के अनुसार, बिहार के बेतिया से उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के बीच यह ग्रीन फील्ड फोरलेन राष्ट्रीय उच्च पथ का निर्माण होगा। इससे जुड़ा प्रस्ताव केंद्र सरकार ने आगे बढ़ा दिया है, इसको लेकर इसी महीने मूल्यांकन समिति की बैठक होने वाली है, खबर है कि बिहार और यूपी के बीच ग्रीन फील्ड एनएच की निविदा मार्च से पहले निकाली जाएगी, इसी वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले इसके निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू होगी, बता दें कि इसके निर्माण से संबंधित प्रस्ताव केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने वित्त विभाग के सचिव को भेज दिया था। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकार की तरफ से जारी अभिलेख के अनुसार, पुल का निर्माण बेतिया के मनुआपुल एनएच-727 एए से यूपी के तिवारी पट्टी (तमकुहीरोड) एनएच-720 के बीच होगा। सड़क और पुलिस की कुल लंबाई 29.22 किमी होगी। इसमें 27.18 किमी में गंडक नदी में पुल व ग्रीनफील्ड फोरलेन का निर्माण बिहार में होगा, जबकि 2.04 किलोमीटर सड़क का निर्माण यूपी क्षेत्र में होगा। गंडक नदी पर 11.24 किलोमीटर लंबा पुल का निर्माण होगा। पुल का निर्माण बैरिया के पटजिरवा से ठकराहा जीन बाबा के स्थान के बीच कराया जाएगा। एनएच निर्माण के दौरान ही नारायणी नदी पर पिपराघाट-पखनहा महासेतु पुल, नई सड़क, बाईपास व ओवरब्रिज का भी निर्माण होना है। भूमि अधिग्रहण से प्रभावित लोगों को 300 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाएगा। यह ग्रीन फील्ड फोरलेन नेशनल हाईवे होगा, बता दें कि ग्रीन फील्ड नेशनल हाईवे वह होता है जिसका नए सिरे से निर्माण होता है, यानी कि सड़क पहले से बनी नहीं होती है, बल्कि पूरी तरह से नई बनती है, जाहिर तौर पर जिस इलाके से इस सड़क को गुजारने का प्लान बन रहा है वहां जमीन की कीमतें भी बढ़ने वाली हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से जून में निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी की जा रही है। सर्वे कर भूमि का सीमांकन व पुल निर्माण के लिए स्थान चिह्नित किया जा चुका है। जिन किसानों की भूमि का अधिग्रहण होना है, उनके अभिलेख भी जमा करा लिए गए हैं।
बनेगा नया ग्रीनफल्ड एनएच
पुल और सड़क का निर्माण हो जाने से सबसे ज्यादा लाभ दियारे के लोगों को होगा। बैरिया प्रखंड के दियारा क्षेत्र की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। दियारे के गांवों का यूपी से सीधा कनेक्शन हो जाएगी। दियारे की 30 हजार से अधिक आबादी कृषि एवं पशुपालन पर निर्भर है। आवागमन के सुगम होने से उनके डेयरी उत्पादों की मांग बढेगी। अभी दियारे के पशुपालक दूध जहां 40 से 45 रुपये की दर पर दूध बेचते है, वहां विभिन्न डेयरी कंपनियों की गाड़ी जाने लगेगी। दूध उत्पादक किसानों को अच्छी कीमत मिलने लगेगी। दूसरी ओर गन्ना उत्पादक किसानों को चीनी मिलों तक गन्ने की आपूर्ति में सुविधा होगी। यह सड़क बिहार के 15 व यूपी के तीन गांवों से होकर गुजरेगी। इससे दो लाख से अधिक की आबादी को आवागमन में सुविधा मिलेगी। दरसअल, यूपी के सेवरही से बेतिया की दूरी महज 21 किमी है, जो पुल न होने के चलते एनएच 28 के रास्ते 160 किमी हो जाती है। पुल बन जाने से भगवान बुद्ध व बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों का भ्रमण भी आसान हो जाएगा। जिले के ठकराहा प्रखंड का जिला मुख्यालय से सीधे संपर्क हो जाएगा। यूपी और बिहार की सीमा का विभाजन करती नारायणी नदी के पिपराघाट-पखनहां में पुल व यूपी के तमकुहीराज से बेतिया तक नए राजमार्ग के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू हो गया है। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार ने बताया कि एनएच के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य अंतिम चरण में है। इसमें भू-स्वामियों को एमवीआर से चार गुणा अधिक भुगतान किया जाएगा। भू-अर्जन के लिए थ्री डी का प्रकाशन भी हो गया है। उल्लेखनीय है कि बेतिया के मनुआपुल से पखनाहा के रास्ते सेवरही, तमकुही राज तक 29.22 किलोमीटर एनएच 727 के निर्माण पर 3294.16 करोड़ खर्च होंगे। गंडक नदी पर पुल व दोनों तरफ फोरलेन सड़क बनेगी। इसकी स्वीकृति मिल गई है। 29.24 किलोमीटर ग्रीनफील्ड फोरलेन और गंडक पर पुल निर्माण कराया जाएगा। पिपराघाट-पखनहा पुल निर्माण के लिए बिहार और यूपी के लोगों के द्वारा वर्षों से संघर्ष किया जा रहा था। पश्चिम चंपारण के सांसद डा संजय जायसवाल ने इस पुल और सड़क के निर्माण के लिए काफी प्रयास किया है।