यूपी के इस जिले में बनेगा 10 किलोमीटर लंबा पुल, सर्वे हुआ पूरा
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उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच यातायात को मजबूत बनाने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं को राज्य सरकार द्वारा हरी झड़ी मिल चुकी है. इस योजना के लिए सर्वेक्षण शुरू किया जा चुका है. इस निर्माण कार्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम लिया गया है.
इस जिले में निर्माण प्रक्रिया शुरू
यूपी के कुशीनगर जिले में जटहा होते हुए बेलवानिया एनएच तक 20 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने की कार्य योजना बनाई गई है. इस योजना के अंतर्गत 10 किलोमीटर लंबा पुल बनेगा. पुल निर्माण कार्य बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के हाथों में दिया गया है. विभाग के अधिकारियों ने फाइनल सर्वे करते हुए स्थाल निरीक्षण व मार्किंग कार्य कर चुका है. इस स्थल पर उपस्थित बीएसआरडीसी ने इस जानकारी से अवगत कराया. एनएच 727 बिहार से एनएच 727 यूपी के बीच 20 किलोमीटर लंबी सड़क और करीब 10 किलोमीटर (9.100) लंबी पुल का प्रस्ताव पारित किया गया है. इसको लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है.
इस निर्माण कार्य के दौरान लगभग लगभग 4000 करोड रुपए की लागत से भी ज्यादा बनने वाले इस योजना का कार्य जल्द किया जाएगा. पिपरासी व मधुबनी प्रखंड के दर्जनों किसानों व ग्रामीणों में पुल बनने की खबर से खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. किसानो के तहत पुल के बीच उतार या वैकल्पिक मार्ग देने की मांग और उम्मीद जताई जा रही है. इसे लेकर किसानों ने गोल बंद मार्ग होते हुए गांव के लोग व अधिकारियों से मिलने का प्रयास लगा चुके हैं.
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यातायात और व्यापारिक संबंधों में सुधार की संभावना
इन पुलों की वजह से दोनों राज्यों के बीच यात्रा कम समय में और व्यापारी गति को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगा. यहां के स्थानीय लोगों में बेहतर कनेक्टिविटी का सहूलियत सहित लाभ मिलेगा निर्माण कार्य की शुरूआत जल्द प्रारंभ होने की संभावना जताई जा रही है जिसे क्षेत्रीय विकास को नया आयाम में इतिहास मिल सके. इस परियोजना से संबंधित लगातार जानकारी सर्वेक्षण, इन्वेस्टिगेशन विभागों व उच्च अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है.
स्थानीय लोगों ने सांसद व खान मंत्री से मिलकर आवेदन के माध्यम से गुहार लगाने की बात कही है. क्योंकि इस निर्माण के दौरान किसानों को तमाम प्रकार के समस्याओं को झेलना पड़ सकता है इसलिए अपनी फरियाद सांसद के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार किसानों ने बताया पुल बन जाने के बाद दियारा क्षेत्र की खेती आसान व मार्ग दुर्गम हो जाने की आशंका पूरे तरीके से है अगर कहीं भी एक जगह एक उतार बना दिया गया तो दोनों प्रखंड सहित नगर के हजारों किसानों के लिए खेतों में और खेती करने के लिए एक मार्ग आवागमन के लिए आसान हो जाएगा.