उत्तर प्रदेश में 9 महीने में 146 ट्रांसफार्मर जले, विभाग को सुधार के निर्देश
हाल ही में कानपुर की कैसा कॉलोनी में कर्मचारियों ने मीटर लगाने गई टीम को वापस लौटा दिया था. इसके बाद चेयरमैन ने मीटर इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया और तेज करने का आदेश दिया. पहले पद के आधार पर मिलने वाली कई राहतें अब खत्म हो जाएँगी.
ट्रांसफार्मर फुंकने पर नाराजगी
समीक्षा बैठक के दौरान चेयरमैन ने 9 महीनों में 146 ट्रांसफार्मर खराब होने पर सख्त नाराजगी जताई. उन्होंने क्षेत्रवार स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक्सईएन बागीश कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का आदेश दिया था, हालांकि बाद में सुधार की चेतावनी देकर यह निर्णय रोक दिया. उन्होंने कहा कि एक भी ट्रांसफार्मर फुंकने की घटना नहीं होनी चाहिए. स्मार्ट मीटर लगाने की धीमी रफ्तार पर भी उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई.
बिल राहत योजना की निगरानी बढ़ेगी
बिजली बिल राहत योजना पर भी चेयरमैन ने गहरी समीक्षा की. उन्होंने आदेश दिए कि बकाया उपभोक्ताओं और बिजली चोरी में पकड़े गए लोगों तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए टीमों को घर-घर जाना चाहिए. मीटिंग के बाद वह परेड स्थित बिजलीघर में बिल संशोधन प्रक्रिया को समझने पहुंचे. वह यह जानना चाह रहे थे कि फैसलेस सिस्टम में हेल्पलाइन पर आई शिकायतें बिना उपभोक्ता से मिले कैसे निपटाई जाती हैं. उन्होंने कहा कि बिल रिवीजन केवल यूपीपीसीएल द्वारा तय फॉर्मेट के अनुसार ही किया जाए.
इसके साथ ही केस्को एमडी सैमुअल पॉल एन को निर्देश दिए कि आरडीएसएस योजना से जुड़े बड़े कामों में निजी एजेंसी के कर्मचारियों के बजाय विभागीय लाइनमैन व इंजीनियरों को ट्रेनिंग दी जाए जिससे वे दक्ष हो सकें.
ट्रांसगंगा सिटी में रुके सबस्टेशन का मामला
मीटिंग से पहले चेयरमैन ने ट्रांसगंगा सिटी जाकर एक साल से तैयार पड़े ट्रांसमिशन सबस्टेशन के न चालू होने की वजह जानी. दही चौकी से आने वाली लाइन एक पिलर निर्माण रुकने के कारण अधर में लटकी है.
पीआईए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल सेठ ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला सरकार तक भी उठाया जा चुका है. सबस्टेशन को नवंबर 2024 में चालू होना था. यूपीसीडा और यूपीपीसीएल के बीच समझौते की कमी के कारण यह काम अटका हुआ है, जबकि निर्माण के लिए यूपीसीडा भुगतान भी कर चुका है.
पाॅवर प्लांट की लागत घटी, उत्पादन बढ़ेगा
गुरुवार दोपहर में चेयरमैन पनकी स्थित 660 मेगावाट थर्मल प्लांट पहुंचे. उन्होंने एफजीडी प्लांट की देरी पर स्पष्टीकरण लिया. उन्होंने बीएचईएल को निर्देश दिए कि बाकी सभी कार्य पूरा कर प्लांट को पूरी तरह उत्पादन निगम के हवाले किया जाए.
सीजीएम विजय बहादुर के अनुसार, प्लांट चालू होने के बाद उत्पादन लागत 4.48 रुपये से घटकर 3.24 रुपये प्रति यूनिट हो गई है. इससे गर्मी के मौसम में थर्मल बैकिंग कम होगी और प्लांट पूरी क्षमता से चल सकेगा.
सभी कर्मचारियों के घरों में प्रीपेड मीटर अनिवार्य
- कोई भी विभागीय कर्मचारी छूट का हकदार नहीं रहेगा.
- सभी को एलएमवी-10 कैटेगरी में घरेलू दरों पर ही बिजली मिलेगी.
- प्रीपेड मीटर लगने के बाद कर्मचारियों को पूरा बिल खुद भरना होगा.
- आरडीएसएस व बिल रिवीजन सिस्टम पर निर्देश
- बिल सुधार केवल तय फॉर्मेट के अनुसार होगा.
- विभागीय स्टाफ को ट्रेनिंग देकर बड़े कामों में लगाया जाएगा.
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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।