यूपी के इस जिले से दिल्ली के बीच रैपिड रेल प्रोजेक्ट को मिली रफ्तार, 90 मिनट में पूरा होगा सफर

उत्तर प्रदेश: अब मुरादाबाद से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाली रैपिड रेल परियोजना में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, इससे पूर्व मेरठ को दिल्ली से जोड़ा गया था. इस महत्वाकांक्षी योजना को "प्रोजेक्ट विजन" के नाम से तैयार किया गया है, अनुमान है कि यह रिपोर्ट 20 जून तक पूरी तरह तैयार हो जाएगी.
इसके बाद प्रशासनिक स्तर पर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित कर कार्यों के क्रियान्वयन की रणनीति बनाई जाएगी. अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो 2026 से इस परियोजना के कई महत्वपूर्ण कार्यों की शुरुआत हो सकती है.
रैपिड रेल के लिए प्रस्तावित ट्रैक हाईवे के ऊपर से होकर गुजरेगा, जिससे जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता कम होगी और निर्माण कार्य भी तेजी से किया जाएगा. यह रेल रूट रामपुर, मुरादाबाद और अमरोहा जैसे जिलों को सीधे दिल्ली से जोड़ देगा. निर्माण कार्य को 4 चरणों में विभाजित किया गया है:-
- पहला चरण पाकबड़ा से जोया तक
- दूसरा जोया से गजरौला
- तीसरा गजरौला से हापुड़
- चौथा हापुड़ से गाजियाबाद तक होगा
इस प्रोजेक्ट को निर्मित कराने में मेरठ-गाजियाबाद रैपिड रेल कॉरिडोर पर कार्य कर रही विशेषज्ञ टीम की सहायता ली जाएगी, जिससे गुणवत्ता और गति दोनों सुनिश्चित की जा सकेगी. परंतु यह अभी स्पष्ट नहीं है कि रैपिड रेल की शुरुआत मूंढापांडे स्थित प्रस्तावित हवाई अड्डे के निकट से होगी या किसी अन्य स्थान को शुरुआती स्टेशन के रूप में निर्मित किया जाएगा.
कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने जानकारी दी कि "प्रोजेक्ट विजन की रिपोर्ट अपने अंतिम चरण में है और 20 जून तक इसे पूर्ण कर लिया जाएगा. इसके पश्चात एक व्यापक रणनीति बनाकर इसपर कार्य शुरू किया जाएगा. रैपिड रेल इस प्रोजेक्ट का एक जरूरी हिस्सा है, साथ ही और भी कई विकास कार्य इसमें प्रस्तावित हैं जो क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देने में सक्षम साबित होंगें."
परियोजना की कुल लागत लगभग 10,000 करोड़ रुपये है. प्रोजेक्ट विजन के अंतर्गत मुरादाबाद के दिल्ली रोड स्थित जीरो प्वाइंट पर एक नया अंतरराज्यीय बस अड्डा (आईएसबीटी) निर्मित करने का प्रस्ताव भी शामिल है. फिलहाल इस क्षेत्र से हर घंटे करीब 15,996 वाहन गुजरते हैं और विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले कुछ वर्षों में यह संख्या बढ़कर 25,000 तक पहुंच सकती है.

इसी तरह जोया और ब्रजघाट टोल प्लाजा से 24 घंटे में लगभग 40,000 वाहन गुजरते हैं. बढ़ते ट्रैफिक लोड को देखते हुए भविष्य में जाम की स्थिति बड़ा रूप ले सकती है. यही कारण है कि रैपिड रेल न सिर्फ एक परिवहन साधन है, बल्कि भविष्य की आवश्यकताओं के रूप में महत्वपूर्ण है.