व्यक्ति नहीं, एक विचार हैं पं. युगल किशोर शुक्ल : प्रो. संजय द्विवेदी

व्यक्ति नहीं, एक विचार हैं पं. युगल किशोर शुक्ल : प्रो. संजय द्विवेदी
sanjay dwivedi

नई दिल्ली.  ''पं. युगल किशोर शुक्ल का पूरा जीवन हिंदी पत्रकारिता, भारतबोध और सामाजिक प्रतिबद्धताओं को समर्पित था. उन्होंने पत्रकारिता में मूल्यों को समझा था और लोक कल्याण और जनसरोकार की पत्रकारिता की थी. पं. युगल किशोर शुक्ल व्यक्ति नहीं, एक विचार हैं.'' भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने पं. युगल किशोर शुक्ल ग्रंथालय एवं ज्ञान संसाधन केंद्र के नामकरण के अवसर पर ये विचार व्यक्त किए. आईआईएमसी का यह पुस्तकालय हिंदी पत्रकारिता के प्रवर्तक पं. युगल किशोर शुक्ल के नाम पर देश का पहला स्मारक है. कार्यक्रम में संस्थान के अपर महानिदेशक के. सतीश नंबूदिरीपाड भी विशेष तौर पर उपस्थित थे.

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि हमारे लिए बड़े गर्व का विषय है कि आईआईएमसी का पुस्तकालय अब शुक्ल जी के नाम से जाना जाएगा. उन्होंने कहा कि भाषा सिर्फ एक साधन है. ज्ञान किसी भाषा का मोहताज नहीं होता. भारत को जोड़े रखने के लिए हमें सभी भारतीय भाषाओं को समान महत्व देना ही होगा, क्योंकि सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रभाषाएं हैं.

यह भी पढ़ें: यूपी में यहां लगेगा बागेश्वर धाम का दरबार, 5 दीन इस जगह सुनायेंगे हनुमंत कथा

इस अवसर पर "हिंदी पत्रकारिता की प्रथम प्रतिज्ञा: हिंदुस्तानियों के हित के हेत" विषय पर एक विशेष विमर्श का आयोजन भी किया गया. कार्यक्रम में दैनिक जागरण के कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में तथा पद्म  से अलंकृत वरिष्ठ पत्रकार विजय दत्त  धर मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए. इसके अलावा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की निदेशक डॉ. सोनाली नरगुंदे, पांडिचेरी विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सी. जय शंकर बाबु, कोलकाता प्रेस क्लब के अध्यक्ष स्नेहाशीष सुर एवं आईआईएमसी, ढेंकनाल केंद्र के निदेशक प्रो. मृणाल चटर्जी ने भी वेबिनार में अपने विचार व्यक्त किये. समारोह की अध्यक्षता प्रो. संजय द्विवेदी ने की.

यह भी पढ़ें: यूपी के इस जिले को जल्द इस रूट पर मिल सकती है वंदे भारत

इस मौके पर कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि पं. युगल किशोर शुक्ल में समाज और राष्ट्र की ज्वलंत समस्याओं के बारे में असाधारण जागरुकता थी और सच कहने का साहस भी था. उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के लिए सिर्फ राजनीतिक चेतना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना की भी आवश्यकता है.

यह भी पढ़ें: Aaj Ka Rashifal 20 March 2025: कर्क, सिंह, मेष, धनु, मिथुन, कुंभ, वृश्चिक, कन्या, वृषभ,मकर, तुला, मीन का आज का राशिफल

पद्म  से अलंकृत वरिष्ठ पत्रकार विजय दत्त  धर ने कहा कि आज से 195 वर्ष पूर्व पं. युगल किशोर शुक्ल ने सूचना की शक्ति को पहचान लिया था. उन्हें पता था कि समाज के लिए सूचना बहुत ही हितकारी है.  धर ने कहा कि पत्रकारिता सिर्फ व्यवसाय नहीं है. पत्रकारिता में जब सामाजिक सरोकार प्रबल होंगे, तभी पत्रकारिता की सार्थकता है. उन्होंने कहा कि पत्रकारिता न तो किसी के पक्ष में होती है और न ही विपक्ष में. पत्रकारिता सिर्फ जनपक्ष होती है.

यह भी पढ़ें: मुंबई इंडियंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्स: IPL 2025 का महा एल क्लासिको मुकाबला!

पांडिचेरी विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने कहा कि आज अतीत के हमारे प्रामाणिक शोधों के डिजिटलाइजेशन की आवश्यकता है, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी इसका लाभ उठा सके. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की निदेशक डॉ. सोनाली नरगुंदे ने कहा कि भारतीय भाषाओं के बीच समन्वय का भाव आवश्यक है. अगर हमें भाषाओं को सींचना है, तो सभी को मिलजुलकर प्रयास करने होंगे, जिसमें महत्वपूर्ण भूमिका हिंदी भाषी लोगों को निभानी होगी.

यह भी पढ़ें: यूपी में काटे जाएँगे 10 हजार कनेक्शन, बिजली विभाग का बड़ा एक्शन

कोलकाता प्रेस क्लब के अध्यक्ष स्नेहाशीष सुर ने कहा कि हिंदी भारतीय भाषाओं के बीच संपर्क का माध्यम है. पिछले कुछ समय से हिंदी के साथ अन्य भाषाओं के लोगों की सहजता बढ़ी है और परस्पर आदान-प्रदान से दोनों ही भाषाएं समृद्ध होती हैं. आईआईएमसी, ढेंकनाल केंद्र के निदेशक प्रो. मृणाल चटर्जी ने बताया कि आर्थिक तंगी के बावजूद पं. युगल किशोर शुक्ल ने 'उदन्त मार्तण्ड' का प्रकाशन किया था. उन्होंने कहा कि किसी भी देश को अपने महापुरुषों का भुलाना नहीं चाहिए और उनके अनुभवों से प्रेरणा लेनी चाहिए.

यह भी पढ़ें: यूपी में यहां बन रहा अंडरग्राउंड स्टेशन, जल्द कार्य होगा पूरा

इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि भारतीय जन संचार संस्थान अपनी स्थापना से ही भारतीय भाषाओं के संवर्धन का कार्य कर रहा है. हम चाहते हैं कि आईआईएमसी भारतीय भाषाओं के बीच अंतर-संवाद का मंच बने. उन्होंने कहा कि संवाद के माध्यम से ही हम लोगों को जोड़ सकते हैं और इस प्रक्रिया में पत्रकारिता का महत्वपूर्ण स्थान है.

कार्यक्रम का संचालन डीन (छात्र कल्याण) प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने किया. धन्यवाद ज्ञापन आईआईएमसी, जम्मू केंद्र के निदेशक प्रो. (डॉ.) राकेश गोस्वामी ने किया.

On
Tags:

ताजा खबरें

यूपी में यहां लगेगा बागेश्वर धाम का दरबार, 5 दीन इस जगह सुनायेंगे हनुमंत कथा
यूपी के इस जिले को जल्द इस रूट पर मिल सकती है वंदे भारत
मुंबई इंडियंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्स: IPL 2025 का महा एल क्लासिको मुकाबला!
यूपी में यहां बन रहा अंडरग्राउंड स्टेशन, जल्द कार्य होगा पूरा
Aaj Ka Rashifal 20 March 2025: कर्क, सिंह, मेष, धनु, मिथुन, कुंभ, वृश्चिक, कन्या, वृषभ,मकर, तुला, मीन का आज का राशिफल
यूपी में काटे जाएँगे 10 हजार कनेक्शन, बिजली विभाग का बड़ा एक्शन
यूपी में इन दो जिलो को जोड़ने वाली सड़क होगी चौड़ी, खर्च होंगे 42 करोड़ रुपए
उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए नए अवसर, 6000 नई फैक्ट्रियों की योजना
यूपी के इस जिले में न्यू टाउनशिप को लेकर सरकार ने जारी किए 409 करोड़ रुपए, 4 गाँव के जमीन का होगा भूमि अधिग्रहण
आईपीएल 2025: इस बार कोई भी विजेता कप्तान अपनी टीम की कमान नहीं संभाल रहा!