गोड्डा की इस रेल परियोजना को लेकर अपडेट, भूमि अधिग्रहण मे हो रही दिक्कतें

गोड्डा की इस रेल परियोजना को लेकर अपडेट, भूमि अधिग्रहण मे हो रही दिक्कतें
गोड्डा की इस रेल परियोजना को लेकर अपडेट, भूमि अधिग्रहण मे हो रही दिक्कतें

झारखंड के संताल परगना और बिहार के सीमांचल को सीधे जोड़ने वाली गोड्डा-पीरपैंती रेल परियोजना पीछले 3 वर्षों से कागज़ों में उलझी पड़ी है. लगभग 68 किलोमीटर लंबी इस परियोजना को साल 2022 में रेलवे बोर्ड की मंजूरी मिली थी, और इसके लिए 1384 करोड़ रुपये की राशि भी आवंटित की जा चुकी है. इसके बाद भी ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में आ रही अड़चनों के कारण आज तक परियोजना पुर्ण नहीं हो सकी.

रेलवे द्वारा इस परियोजना का संपूर्ण वित्तीय भार ढोया जा रहा है, राज्यांश की कोई जरूरत नहीं है. फिर भी झारखंड सरकार की ओर से आवश्यक सहयोग नहीं मिल पाने के कारण यह योजना लगातार ठप है. विशेष रूप से, प्रथम चरण में गोड्डा से महागामा तक 426 एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण किया जाना है. इसमें 26.78 एकड़ सरकारी गैरमजरूआ ज़मीन का एनओसी झारखंड सरकार से लिया जाना है, लेकिन बीते 6 महीने यह फाइल राज्य मुख्यालय में लंबित पड़ी है.

अब तक ज़िला प्रशासन द्वारा केवल 351.2 एकड़ ज़मीन का एलपीसी रेलवे को सौंपा गया है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जब तक 90% भूमि अधिग्रहण नहीं हो जाता, तब तक टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की जा सकती, जिससे परियोजना के कार्यान्वयन में गंभीर बाधा पैदा हो रही है.

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प्रथम चरण के अंतर्गत गोड्डा, पथरगामा और महागामा अंचल के 69 मौजों में से 63 मौजा की भूमि का अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है. लेकिन भलुकित्ता और खैरा समेत 6 मौजा की रैयती भूमि पर अब भी विवाद बना हुआ है, जिसके कारण 74 एकड़ भूमि का अधिग्रहण रुका हुआ है. साथ ही, प्रथम चरण में शामिल 26.7 एकड़ सरकारी गैरमजरूआ भूमि के हस्तांतरण की फाइल भी राज्य सरकार के पास अभी विचाराधीन है.

ज़िला भू-अर्जन शाखा द्वारा अब तक रैयतों को 203 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है, परंतु अधिग्रहण की प्रक्रिया में राज्य स्तर पर सक्रियता की कमी साफ देखने को मिल रही है.

दूसरे चरण के अंतर्गत गोड्डा ज़िले के महागामा से मेहरमा अंचल तक कुल 30 मौजा की 513 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जानी है. परंतु अब तक सिर्फ 180 एकड़ ज़मीन का ही अधिग्रहण किया गया है. इसके अतिरिक्त, मेहरमा अंचल के 10 मौजों में प्रस्तावित एलाइनमेंट को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा परीवर्तन की मांग की गई है. यह परियोजना न सिर्फ 2 राज्यों के मध्य रेल नेटवर्क से जोड़ने का कार्य करेगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास, व्यापारिक गतिविधियों और रोज़गार के अवसरों में वृद्धि करेगी.

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शोभित पांडेय एक समर्पित और अनुभवशील पत्रकार हैं, जो बीते वर्षों से डिजिटल मीडिया और ग्राउंड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। खबरों की समझ, तथ्यों की सटीक जांच और प्रभावशाली प्रेज़ेंटेशन उनकी विशेष पहचान है। उन्होंने न्यूज़ राइटिंग, वीडियो स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग में खुद को दक्ष साबित किया है। ग्रामीण मुद्दों से लेकर राज्य स्तरीय घटनाओं तक, हर खबर को ज़मीनी नजरिए से देखने और उसे निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत करने में उनकी विशेष रुचि और क्षमता है।