OPINION: टेक कंपनियों में छंटनी चिंता का सबब

OPINION: टेक कंपनियों में छंटनी चिंता का सबब
jobs

-राजेश माहेश्वरी
बीते साल पर टेक कर्मचारियों की छंटनी नए साल में भी बदस्तूर जारी है. वैश्विक स्तर पर जनवरी में औसतन प्रतिदिन 3,400 से अधिक टेक कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है. इस लिस्ट में माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी बड़ी टेक कंपनियां भी शामिल हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में अधिकांश व्यावसायिक अर्थशास्त्रियों ने भविष्यवाणी की है कि उनकी कंपनियां आने वाले समय में पेरोल में कटौती कर सकती है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि दुनियाभर के आर्थिक गतिविधियों में आई गिरावट और रुकावट मंदी की आहट है, लेकिन इसका सबसे बुरा असर अमेरिका, यूरोप में देखने को मिलेगा. इसके चपेट में ब्रिटेन जैसे देश भी आ सकते हैं.

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कंपनियां इस रफ्तार से कर्मचारियों की छंटनी क्यों कर रही हैं और इससे भारत के लोगों पर इसका कितना असर? विशेषज्ञों के अनुसार टेक कंपनियों के लिए यह साल अच्छा नहीं होने वाला है. ग्लोबल मंदी की संभावनाओं के बीच कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी. नौकरी जाने का सबसे ज्यादा खतरा कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को होता है. क्योंकि इन्हें अस्थाई तौर अपने जरूरत के हिसाब से रखा जाता है. ऐसे में कंपनी जब भी वित्तीय रूप से मुश्किलों में फंसती है तो कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है.

यह भी पढ़ें: Indian Railway को 2 साल में वंदे भारत ट्रेन से कितनी हुई कमाई? रेलवे ने कर दिया बड़ा जानकारी

मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपनी कंपनी में 11,000 कर्मचारियों की छंटनी का कारण बड़ी संख्या में नौकरी देना बताया है. एक्सपर्ट के मुताबिक कोरोना के दौरान ज्यादातर कर्मचारी बीमार पड़ते थे. इसका असर काम पर ना पड़े इसलिए कई कंपनियों ने बड़ी संख्या में लोगों को काम में रख लिया. इसके अलावा लॉकडाउन में कई कंपनियों ने अपने डिजिटल मार्केटिंग को भी बढ़ाया. इसके लिए भी कई लोगों को रखा गया. कई कंपनियों ने लॉकडाउन में ऑनलाइन काम के बढ़ते डिमांड के कारण जरूरत से ज्यादा लोगों को रख लिया. अब मार्केट में गिरावट आई, तो कंपनियां इसे बैलेंस करने के लिए लोगों को निकाल रही हैं. कंपनियां बढ़ती आर्थिक मंदी के बीच अपने खर्च को कम करने के लिए भी लगातार छंटनी कर रही हैं. पहले लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम की वजह से कंप्यूटर और लैपटॉप सेगमेंट की बिक्री में भी जबरदस्त उछाल आया था, लेकिन अब यह मार्केट डाउन हो रहा है.

यह भी पढ़ें: Aadhar Card Update: आधार कार्ड नहीं कराया अपडेट तो हो जाएगी मुश्किल! बच्चों के लिए है बहुत जरूरी

साल 2023 के जनवरी महीने से लेकर अब तक 166 टेक कंपनियों ने 65,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला हैै. माइक्रोसॉफ्ट के 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी से पहले अमेजन ने 1000 भारतीय कर्मचारियों समेत ग्लोबली कुल 18000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. छंटनी ट्रैकिंग साइट लेयोफ्स डॉट एफवाईआई में दिखाए गए आंकड़ों के अनुसार साल 2022 में 1,000 से ज्यादा कंपनियों ने अपनी कंपनी से 154,336 कर्मचारियों की छंटनी की थी. हालांकि 2022 से ज्यादा नए साल के पहले महीने में ही कर्मचारियों को निकाला गया है. इसमें सबसे ज्यादा भारत की स्टार्टअप रही हैं. इसका एक बड़ा उदाहरण स्टार्टअप कंपनी शेयरचैट है जिसने अपनी कंपनी के 20 प्रतिशत या 500 कर्मचारियों की छंटनी की है. साल 2022 के आखिर में एडटेक सेक्टर में बड़े स्तर पर छंटनी की खबरें आईं थी. अक्टूबर में, एडटेक कंपनी बायजूज ने लगभग 2,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. 

यह भी पढ़ें: Indian Railway शुरू करेगा नए तरीके का होटल, मिलेंगी ये सुविधाएं, जानें कितना है चार्ज

एलन मस्क के आने के बाद से ट्विटर से हजारों लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं. साल 2022 के अक्टूबर महीने में एलन मस्क ने ट्विटर को टेकओवर किया था. मस्क ने ट्विटर को पूरे 44 बिलियन डॉलर में खरीदा था. इसके बाद नवंबर के महीने में मस्क ने करीब 50 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की. औद्योगिक सूत्र बताते हैं कि नए लोगों को टेक कंपनियों में अवसरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. नौकरी कम हैं और कॉलेज कैंपस चयनों को रोक दिया गया है. हालांकि, सभी अच्छे की उम्मीद कर रहे हैं और अपने खुशहाल दिनों में लौटने की उम्मीद भी कर रहे हैं.

एक रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल एसोसिएशन फॉर बिजनेस इकोनॉमिक्स (एनएबीई) द्वारा किए गए सर्वेक्षण में से केवल 12 प्रतिशत अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया है कि उनकी फर्मो में अगले तीन महीनों में रोजगार बढ़ेगा, जो इस गिरावट के 22 प्रतिशत से कम है. नेशनल एसोसिएशन फॉर बिजनेस इकोनॉमिक्स (एनएबीई) के अध्यक्ष जूलिया कोरोनाडो के मुताबिक, यह साल मंदी में प्रवेश करने जा रहा है, जो एक व्यापक चिंता का बिषय हैं. बड़े स्तर पर छंटनी होना देश के लोगों में बढ़ रही बेरोजगारी को और बढ़ा रहा है. एक डेटा के मुताबिक, भारत के साथ ही ग्लोबल स्तर पर हर दिन 3000 कर्मचारियों की नौकरी जा रही है. पूरी दुनिया में चार बार आर्थिक मंदी आ चुकी है. पहली बार दुनिया को साल 1975 में मंदी झेलना पड़ा था. इसके बाद 1982 में, तीसरी बार 1991 में और चैथी बार 2008 में आर्थिक मंदी आई थी.

अमेरिका में बड़ी टेक कंपनियों में जा रही नौकरियों का सबसे बड़ा शिकार वहां रहने वाले भारतीय हुए हैं. वैसे, ये बात तार्किक भी है कि इस उद्योग में जिस देश के लोगों की सबसे ज्यादा भागीदारी है, जब संकट आएगा, तो सबसे ज्यादा मार भी उन पर ही पड़ेगी. बहरहाल, एक रिपोर्ट में बताया गया है कि गूगल, फेसबुक आदि जैसी बड़ी टेक कंपनियों ने लगभग दो लाख कर्मचारियों को हटा दिया है, जिनमें 80 हजार से अधिक भारतीय हैं. ये भारत ऐसे वीजा पर गए थे, जिनके तहत नौकरी ना रहने पर 60 दिन के अंदर उन्हें अमेरिका छोड़ना होगा. जाहिर है, उनमें से ज्यादातर को जल्द ही भारत लौटना होगा. आखिर जिस समय नौकरियां जाने का दौर है और इस वर्ष अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी ग्रस्त होने की आशंका गहराती जा रही है, नई नौकरियां मिलने की गुंजाइश को न्यूनतम ही है. अचानक नौकरी जाने से उनके पूरे पारिवारिक जीवन का ताना-बाना डगमगा जाएगा. बहरहाल, वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था में निहित यह अंतर्निहित जोखिम है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने भारत में बेरोजगारी का डाटा जारी किया है. जिसके अनुसार हमारे देश भारत में बेरोजगारी दर 2022 के दिसंबर महीने में बढ़कर 8.30 फीसदी पर पहुंची है. यह पिछले 16 महीनों में सबसे ज्यादा रही है.

भारत जैसे देश, जिसने मैनुफैक्चरिंग और हाई टेक में अनुसंधान एवं विकास की अनदेखी की है, वहां के कुशल कर्मियों की रोजगार पाने की उम्मीद विकसित देशों से जुड़ी होती है. उन देशों में जो स्थिति पैदा होती है, उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है. इसका विकल्प यही है कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था को इस रूप में खड़ा करे, जिससे सर्विस एक्सपोर्ट पर इसकी निर्भरता घटे. साथ ही देश के अंदर रिसर्च एंड डेवलपमेंट के साथ-साथ आधुनिक उद्योग धंधों का जाल भी बिछे. यह प्रयास ना करने का परिणाम भारतीय कारोबार की प्रतिस्पर्धा क्षमता में लगातार गिरावट आने के रूप में आया है, जिससे हाल के वर्षों में भारत को बहुपक्षीय मुक्त व्यापार समझौतों से मुंह मोड़ना पड़ा है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर आपदा को अवसर बनाने का मंत्र देते हैं. तो अब अमेरिका में बनी स्थिति फिर एक ऐसा मौका है, जिसे उनकी सरकार चाहे, तो अवसर बना सकती है. लेकिन अभी तक सरकार को वास्तविक नजरिया रहा है, उसके बीच ऐसा होने की उम्मीद मजबूत नहीं है. जानकारों के मुताबिक, दुनियाभर के आर्थिक गतिविधियों में आई गिरावट और रुकावट मंदी की आहट है. लेकिन इसका सबसे बुरा असर अमेरिका, यूरोप में देखने को मिलेगा. इसकी चपेट में ब्रिटेन जैसे देश भी आ सकते हैं. हालांकि, भारत में इसका कम ही असर देखने को मिलेगा. 

  -लेखक राज्य मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार हैं.

On
Follow Us On Google News

ताजा खबरें

Basti में सनसनीखेज हत्याकांड, युवक को उतारा मौत के घाट, अस्पताल में हुई मौत
UP में ये जगहें नहीं देखीं तो कुछ नहीं देखा, जानें- कहां-कहां मना सकते हैं Summer Vacation 2024
Indian Railway News: यात्रीगण कृप्या ध्यान दें! रेलवे में इस साल होंगे पांच बड़े बदलाव, आपकी जेब पर पड़ेगा असर?
Agniveer Notification 2024: अग्निवीर भर्तियां शुरू, 10वीं और12वीं पास करते हैं अप्लाई, यहां जानें सब कुछ
UP Weather Updates: उत्तर प्रदेश में और बढ़ेगी गर्मी या होगी बारिश? जानें- क्या कहता है IMD का लेटेस्ट अलर्ट
Indian Railway शुरू करेगा नए तरीके का होटल, मिलेंगी ये सुविधाएं, जानें कितना है चार्ज
UP के 8 रेलवे स्टेशनों का बदल जायेगा नाम? यहां देखें लिस्ट
उत्तर प्रदेश मे इस Ring Road का हो रहा विरोध, किसानों ने उठाई हक की आवाज
यूपी समेत कई राज्यों में बदल जाएगा मौसम! भीषण गर्मी के बीच आई बड़ी खुशखबरी
Shashank Singh IPL: गोरखपुर से शशांक ने मचाई धूम, बने IPL 2024 के Sixer King, जानें- इनके बारे में सब कुछ
Basti के सियासत की सबसे बड़ी खबर, राजकिशोर सिंह बीजेपी में शामिल
उत्तर प्रदेश के इन शहरो को मिल रही मेमू ट्रेन दिल्ली का किराया इतना की जान के हो जाएंगे हैरान
Post Office की इस स्कीम से आप हो जाएंगे मालामाल, कुछ रुपयों के निवेश से होगा तगड़ा मुनाफा
आज से बदल गए है ये 5 नियम चेक करे कहा मिलेगा फायदा और कहां होगा आपको घाटा
UP Weather Updates: यूपी में इस तारीख से गर्मी से मिल सकती है राहत, होगी झमाझम बारिश, जानें लेटेस्ट अपडेट
वंदे भारत मेट्रो की पहली झलक आई सामने, देखे अपने शहर का रूट और किराया
गर्मी खत्म हो जाए और आए Monsoon तो जरूर घूमें यूपी के ये जिले, मन हो जाएगा खुश, मिलेगी शानदार सेल्फी
Lok Sabha Election 2024: हरीश द्विवेदी के नामांकन में BJP का शक्ति प्रदर्शन, जातीय गणित साधने पहुंचे ये दिग्गज नेता
Covishield लगवाने वालों को सच में है हार्ट अटैक का खतरा? जानें- क्या कहता है विज्ञान
उत्तर प्रदेश मे इस तारीख से होगी बारिश जाने अपने शहर का हाल