NSG Commando बनने के लिए क्या करना पड़ता है? कितनी होती है सैलरी, यहां जानें सब कुछ

NSG Commando बनने के लिए क्या करना पड़ता है? कितनी होती है सैलरी, यहां जानें सब कुछ
NSG Commando News

भारत में बहुत सी सुरक्षा एजेंसियां हैं उनमें से दो सबसे प्रसिद्ध सुरक्षा एजेंसी है : NSG (एनएसजी) नेशनल सिक्योरिटी गार्ड और SPG (एसपीजी) स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप.

NSG नेशनल सिक्योरिटी गार्ड : साल 1986 में 22 सितंबर को कैबिनेट सचिवालय के माध्यम से इसका गठन हुआ था.

NSG नेशनल सिक्योरिटी गार्ड का काम टेरेरिस्ट एक्टिविटीज को रोकना होता है, साथ ही उन्हें वीआईपी और वीवीआईपी व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया जाता है. 

SPG स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप : प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में  बाडीगार्ड जरिए हत्या के बाद इस सुरक्षा एजेंसी का गठन 1988 में किया गया. 

SPG स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप का काम सिर्फ प्रधानमंत्री की सुरक्षा करना है चाहे वह अपने देश भारत में हो या वह विदेश में हो, सदैव उनके सुरक्षा करना एसपीजी का कर्तव्य है. SPG का हेड क्वार्टर न्यू दिल्ली में स्थित है. यह होम मिनिस्ट्री के अंतर्गत आता है.एसपीजी कमांडो वेल ट्रेंड और प्रधानमंत्री की सुरक्षा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं. 

NSG और SPG मैं कैसे पाएं नौकरी ? 
NSG और SPG के लिए आपको सबसे पहले CRPF , Army और पुलिस में भारती होना होगा उसके बाद ही आपको NSG और SPG के लिए नियुक्त किया जाएगा. NSG और SPG के लिए कोई डायरेक्ट फॉर्म नहीं निकलता है आपको सर्वप्रथम इनमें से किसी एक में होना जरूरी है. 

NSG और SPG की सैलरी कितनी होती है ? 
NSG के ग्रुप कमांडर को हर महीने एक लाख से एक लाख 25 हजार रुपये, स्क्वॉड्रन कमांडर को 90000 हजार से एक लाख और टीम कमांडर को 80 हजार से 90 हजार रुपये महीने सैलरी मिलता है.

SPG  में 7 वर्ष से 18 वर्ष के बीच के अनुभव के लिए सैलरी ₹13.2 लाख है. एसपीजी कमांडो की सैलरी ₹9.6 लाख से ₹15.0 लाख के बीच है.

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वागार्थ सांकृत्यायन
संपादक, भारतीय बस्ती

वागार्थ सांकृत्यायन एक प्रतिबद्ध और जमीनी सरोकारों से जुड़े पत्रकार हैं, जो पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। भारतीय बस्ती के संपादक के रूप में वे खबरों को सिर्फ़ घटनाओं की सूचना तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उनके सामाजिक और मानवीय पक्ष को भी उजागर करते हैं।

उन्होंने भारतीय बस्ती को एक मिशन के रूप में विकसित किया है—जिसका उद्देश्य है गांव, कस्बे और छोटे शहरों की अनसुनी आवाज़ों को मुख्यधारा की मीडिया तक पहुंचाना। उत्तर प्रदेश की राजनीति, समाज और संस्कृति पर उनकी विशेष पकड़ है, जो खबरों को गहराई और विश्वसनीयता प्रदान करती है