Lander Vikram के भविष्य का आज पता लगा सकता है NASA
माना जा रहा है कि अब लैंडर विक्रम का क्या भविष्य है यह अब नासा (Nasa)का ऑर्बिटर ही बता पाएगा.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा कि अब तक लैंडर विक्रम से कोई संपर्क नहीं हो पाया है.
7 सितंबर को चंद्रमा की सतह से 335 मीटर की दूरी पर ISRO कंट्रोल सेंटर से संपर्क टूटने के बाद नासा का लूनर रेकॉन्सेन्स ऑर्बिटर (LRO) चंद्रमा के उस हिस्से पर उड़ान भरेगा जहां लैंडर है.
माना जा रहा है कि नासा ऑर्बिटर उन तस्वीरें भी क्लिक करेगा जिनसे लैंडर की मौजूदा स्थिति पता चल सकेगी.
Lander Vikram की स्थिति क्या है?
LRO चंद्रमा (Moon) की परिक्रमा करने वाला एक रोबोटिक अंतरिक्ष यान है. यह चंद्रमा की सतह का अध्ययन करता है, तस्वीरें क्लिक करता है और डेटा एकत्र करता है जो चंद्रमा पर पानी की बर्फ और अन्य संसाधनों की उपस्थिति और संभावना का पता लगाने में मदद करता है. साथ ही साथ भविष्य के मिशन की योजना भी बनाता है.
चंद्रयान -2 ऑर्बिटर (Chandrayaan 2 orbitor)ने चंद्रमा पर लैंडर की थर्मल इमेज क्लिक की है. हालांकि इसरो ने अभी तक इसकी स्थिति का कोई विवरण नहीं दिया है.
पूर्व वैज्ञानिकों ने तर्क दिया है कि चंद्रमा की सतह पर एक कठिन लैंडिंग ने इसरो के विक्रम लैंडर पर संचार प्रणाली को निष्क्रिय कर दिया होगा.
Chandrayaan 2 के Lander Vikram का जीवन 14 दिन
Lander Vikram का मिशन एक चंद्र दिन (14 पृथ्वी दिन) है क्योंकि लैंडर के शरीर पर लगे सौर पैनल संचार सहित विभिन्न प्रणालियों के लिए उर्जा के प्राथमिक स्रोत हैं.
तकनीकी रूप से, लैंडर पर सिस्टम के पास 21 सितंबर से बिजली का कोई स्रोत नहीं होगा, इसके साथ ही इसरो के लिए लैंडर के साथ कोई भी संपर्क बनाना मुश्किल हो जाएगा.
यह भी पढ़ें: विद्युत मूल्य वृद्धि, MV Act 2019 के विरोध में व्यापारियों का प्रदर्शन
ताजा खबरें
About The Author