नगर बाजार में आवारा पशु बने समस्या
राह चलते कब, कहां और कौन इनके कारण चोटिल हो जाए, नहीं कहा जा सकता. बुजुर्गों, बच्चों के लिए सबसे बड़ा खतरा आवारा पशु बन चुके हैं.
किसान के लिए उनकी गाढ़ी कमाई को छुट्टा जानवर चट कर रहे हैं. खेतों में खड़ी फसलों को मवेशियों के झुंड पहुंचकर नष्ट कर देते हैं.
खेती-किसानी के लिए समस्या बने छुट्टा जानवरों पर अंकुश लगाने के बजाय जिम्मेदार बेपरवाह बने हुए हैं.
सड़क हादसों और रोड जाम की वजह भी छुट्टा जानवर बन रहे हैं. बस्ती कलवारी के पास बीच सड़क पर बैठे छुट्टा जानवर इसकी पुष्टि कर रहे हैं.
आवार पशु बने समस्या
गाय, सांड़ और सुअर ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है, लेकिन जिम्मेदारों ने इस समस्या से मुंह मोड़ लिया हैं. लगभग हर जगह छुट्टा जानवरों को लेकर रोना मचा है.
क्षेत्र में तो आवारा पशुओं की संख्या तकरीबन हजारों के ऊपर ही होगी. अब तक इनके हमले और लड़ाई में दर्जनों लोग घायल भी हो चुके हैं. इसके बावजूद इन पर अंकुश लगाने की सारी कोशिशें नाकाम रहीं.
दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं आवारा पशु
क्षेत्र के अशोक कुमार,अवधेश,मेहताब अहमद,सुनील कुमार,राजीव समेत तमाम लोगों ने बताया कि छुट्टा मवेशियों के चलते बस्ती कलवारी पूरा मार्ग रात में बाधित हो जाता है.
आलम यह है की दिन ढलते ही मवेशियों के झुंड के झुंड सड़क पर आकर बैठ जाते हैं. तेजी से फर्राटा भरते हल्के व भारी वाहन कभी भी दुर्घटना का सबब बन सकते हैं. लोगों ने इस पर अंकुश लगाने की मांग की है.
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