हिन्दी दिवस और निरक्षरता का अभिशाप
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हिन्दी दिवस के अवसर पर फिर उपलब्धियों का गान और लक्ष्य न पाने की निराशा पर विद्वान प्रकाश डालेंगे किन्तु इन बातों पर चर्चा कम ही हो पाती है कि 7 दशक के आजाद देश में आज भी हम पूर्ण साक्षरता (literacy) का लक्ष्य हासिल नहीं कर सके.
लगभग 20 प्रतिशत आबादी जिनमें लड़कियों की संख्या सर्वाधिक है उन्हें हम अक्षर ज्ञान तक करा पाने में विफल रहे हैं.
Literacy की जरूरत
विसंगति ही है कि हम सबको शिक्षा देने की बात तो करते हैं किन्तु उसका लक्ष्य हासिल नहीं कर सके हैं.
हम हिन्दी के भविष्य की बात करें यह तो ठीक है किन्तु साक्षरता दर को शत प्रतिशत किये जाने की आवश्यकता है.
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Tags: india news - भारत की खबर
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